The Lallantop
Advertisement

तिहाड़ जेल के अंदर क्या होता है अरविंद केजरीवाल के खास की जांच से पता चला

इस मामले में अरविंद केजरीवाल की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है

Advertisement
satyendra_jain
AAP नेता सत्येंद्र जैन
2 दिसंबर 2022
Updated: 2 दिसंबर 2022 24:06 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने सत्येंद्र जैन को इसी साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. ED ने दावा किया था कि साल 2015-16 में सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों को 4 करोड़ 81 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई थी. ये राशि जिन कंपनियों से मिली थीं वो शेल कंपनियां थीं. यानी कि कागजी कंपनियां. ED का आरोप था कि ये पैसा हवाला के माध्यम से कोलकाता स्थित एक कंपनी को कैश ट्रांसफर करने के बदले में प्राप्त हुआ था. ईडी ने कहा था,

'इस पैसे का इस्तेमाल जमीन खरीदने या दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में खरीदी गई कृषि भूमि पर लोन चुकाने में इस्तेमाल किया गया था.'

अप्रैल 2022 में ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत जैन और उनके परिजनों से जुड़ी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की थी. इन कंपनियों के नाम अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, परयास इंफोसॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड हैं.

इसे लेकर ED ने कहा था, 

'प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की और उसके बाद पीएमएलए 2002 के तहत उनके परिवार और फर्मों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है.'

ED के मुताबिक दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी इन कंपनियों में शेयर होल्डर थे. इस पूरे मसले पर ED ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत साल 2017 में केस दर्ज किया था. वहीं दूसरी तरफ सत्येंद्र जैन और आम आदमी पार्टी ने अपनी सफाई में कहा था कि ED जिन कंपनियों में भ्रष्टाचार होने का दावा कर रही है, उनसे उन्होंने 2013 में ही इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद हुई घटनाओं के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है और न ही वे इनसे जुड़े हैं.

गिरफ्तारी के बाद सत्येंद्र जैन को तिहाड़ जेल भेज दिया गया. अक्टूबर में ED ने दिल्ली की एक कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि सत्येंद्र जैन, जेल में 'ऐश-ओ-आराम' से भरा समय बिता रहे हैं. हेड मसाज, फ़ुट मसाज और बैक मसाज करवा रहे हैं. VIP ट्रीटमेंट मिल रहा है. उन्हें घर का खाना मुहैया करवाया जाता है.

इसके बाद आती है तारीख 14 नवंबर की. इस दिन सोशल मीडिया पर तिहाड़ जेल का एक सीसीटीवी फुटेज वायरल होता है. इस वीडियो में सत्येंद्र जैन मसाज कराते हुए नजर आ रहे हैं. एक फुटेज में सत्येंद्र जैन बेड पर लेटे हुए दिख रहे हैं और कोई दस्तावेज देख रहे हैं. इस दौरान एक शख्स उनके पैर में मसाज कर रहा है. मसाज का वीडियो वायरल हुआ तो विपक्षी दलों ने दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी को घेरना शुरू किया. जवाब में आम आदमी पार्टी की ओर से सफाई आई कि सत्येंद्र जैन बीमार हैं. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि डॉक्टर ने सत्येंद्र जैन को फिजियोथेरपी की सलाह दी थी. इसी लिए उन्हें जेल में मसाज नहीं बल्कि फिजियोथेरपी दी जा रही है. बीजेपी, बीमारी का मजाक बना रही है.

इसके बाद एक के बाद एक वीडियोज आने लगते हैं. किसी वीडियो में सत्येंद्र जैन अपने बैरक में ही लोगों से मिलते-जुलते नजर आते हैं तो किसी में जेल के सीनियर ऑफिशियल्स, उनके साथ मीटिंग करते दिखाई देते हैं. यहां तक कि सत्येंद्र जैन जेल में ठीक खाना न मिलने की शिकायत करते हैं और जेल में 28 किलो वजन कम हो जाने की बात कहते हैं तो एक और वीडियो आ जाता है जिसमें वे ड्राई फ्रूट और सलाद जैसी चीजे़ं खाते नज़र आ रहे हैं. वीडियो देखने से पता चल रहा है कि ये खाना जेल का तो नहीं ही है.

जेल में VIP सुविधा देने पर विवाद शुरू हुआ तो 14 नवंबर को जेल नंबर 7 के सुपरिटेंडेंट अजित कुमार को सस्पेंड कर दिया गया. इससे पहले 4 नवंबर को डीजी जेल संदीप गोयल को भी पद से हटाकर मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया था. इस पूरे मामले में तिहाड़ जेल के 50 से अधिक कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हुई थी. दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय सक्सेना ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम, प्रिंसिपल सेक्रेटरी लॉ, प्रिंसिपल सेक्रेटरी विजिलेंस की एक जांच कमेटी बनाई थी. जिसने पूरे मामले पर अपनी जांच रिपोर्ट पेश की है. क्या है इस रिपोर्ट में एक-एक करके समझते हैं.

1. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सत्येंद्र जैन के सेल में मामले के सह-आरोपियों अंकुश जैन, वैभव जैन और एक दूसरे मामले में आरोपी संजय गुप्ता का आना-जाना लगा रहता था. कई बार इनकी ये मुलाकात तय समय के बाद भी होती थी. यानी जब सूर्यास्त के बाद कैदियों की आवाजाही पर रोक लग जाती है तब भी.

2. जेल के CCTV फुटेज से पता चलता है कि जेल के कई कैदी सत्येंद्र जैन की सेवा में लगे रहते थे. इनमें मसाज करने, कमरे की साफ-सफाई करने से लेकर उनके लिए खाना लाने तक का काम शामिल है. जेल नंबर 7 के तत्कालीन सुपरिटेंडेंट अजित कुमार ने जांच कमेटी को बताया था कि सत्येंद्र जैन से प्रेम और लगाव होने की वजह से ये लोग ऐसा कर रहे थे. कमेटी ने इसे जेल के अनुशासन और जेल के नियमों के खिलाफ पाया था और अजित कुमार के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी.

3. वायरल वीडियो में सत्येंद्र जैन का मसाज कर रहा शख्स कोई फिजियोथेरपिस्ट नहीं बल्कि नाबालिग से रेप का आरोपी रिंकू था. रिंकू ने जांच कमेटी को बताया कि उसे फिजियोथेरपी के बारे में कुछ भी नहीं पता है. वह शादियों में घोड़ी सप्लाई करने का काम करता था. उसने स्वेच्छा से नहीं बल्कि जेल के अधिकारियों के कहने पर सत्येंद्र जैन का मसाज करना शुरू किया. रिंकू ने जांच कमेटी से कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करता तो उसे इसकी सजा मिलती. रिंकू ने कहा कि मसाज के बदले उसने सत्येंद्र जैन के सेल से पानी की एक बूंद तक नहीं ली थी. रिपोर्ट के मुताबिक रिंकू ने रोते हुए अपनी जान को खतरा बताया और कहा कि एक वर्दीधारी जेल अधिकारी ने उसे हाई रिस्क जेल में भेजने की धमकी दी थी.

4. सत्येंद्र जैन के कमरे में सफाई करते नजर आ रहे अफसर अली ने बताया कि वो पहले ये काम संजय गुप्ता के सेल में करता था. एक दिन गुप्ता ने उसे सत्येंद्र जैन के कमरे की सफाई करने के लिए कहा. अफसर अली ने बताया कि उसका जेल अकाउंट कार्ड संजय गुप्ता इस्तेमाल करता था. जेल अकाउंट कार्ड के जरिए कैदियों को हर महीने 7 हजार रुपए इस्तेमाल करने की इजाजत होती है. अफसर अली ने कहा कि उसके कार्ड में संजय गुप्ता ही पैसा डलवाता था और इस्तेमाल करता था.अजित कुमार के सस्पेंड होने के बाद सत्येंद्र जैन ने अफसर अली से काम बंद करने के लिए कहा था. सत्येंद्र

5. पॉक्सो एक्ट में बंद एक कैदी मनीष ने बताया कि वो जेल वार्डन विकास के कहने पर सत्येंद्र जैन के सेल में काम करता था. उसने ये भी बताया कि विकास ने कई बार उसके जेल अकाउंट कार्ड में पैसे डलवाए. जिससे वो सत्येंद्र जैन के लिए कैंटीन से फल खरीद कर लाता था. मनीष ने भी स्वीकार किया कि वो अपनी इच्छा से नहीं बल्कि जेल अधिकारियों के दबाव में सत्येंद्र जैन के लिए काम करता था. इसके अलावा कैदी सोनू सिंह और दिलीप कुमार ने भी स्वीकार किया कि वो जेल स्टाफ के दबाव में सत्येंद्र जैन के लिए काम करते थे.

6. जैन को सेवा देने वाले कैदियों रिंकू, मनीष, अफसर, सोनू और दिलीप की गवाही से जेल अधिकारियों का प्रेम और लगाव वाला दावा अपने खारिज हो जाता है. जेल अधिकारियों के दबाव में ये कैदी सत्येंद्र जैन का काम कर रहे थे.

7. सितंबर और अक्टूबर महीने का मुलाकात रिकॉर्ड बताता है कि सत्येंद्र जैन के परिवार ने मुलाकात के लिए तय स्थान के साथ-साथ जेल की ड्योढ़ी में भी उनसे मुलाकात की. जबकि इसके लिए जेल के अधिकारियों से कोई ऑफिशियल परमिशन नहीं ली गई थी. जेल नंबर 7 की ड्योढ़ी में सत्येंद्र जैन के परिवार की कई बार एंट्री को कमेटी ने जेल मैनुअल का गंभीर उल्लंघन माना है.

8. ED ने जो वीडियो फुटेज दिया है उसके मुताबिक जेल सुपरिटेंडेंट अजित कुमार ने सत्येंद्र जैन से उनके सेल में 15 मिनट मुलाकात की. इतना ही नहीं 6 अक्टूबर को डीजी जेल संदीप गोयल ने करीब 50 मिनट तक सत्येंद्र जैन से मुलाकात की थी.

जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा है कि तिहाड़ जेल प्रशासन जिस तरीके से काम कर रहा था उसे इग्नोर नहीं किया जा सकता. इससे जेल की छवि को बड़ा नुकसान हुआ है. इन अनियमितताओं में शामिल कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जो नजीर बने. जेल के कैदियों को इस तरह मसाज, साफ-सफाई और व्यक्तिगत कामों में लगाने के बारे में जेल का मैनुअल क्या कहता है? क्या कोई कैदी अपना पर्सनल काम, किसी दूसरे कैदी से करवा सकता है? सुनिए इस पर तिहाड़ जेल के पूर्व प्रवक्ता सुनील गुप्ता का कहना है?

'कैदियों के श्रम को आप सरकारी काम के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन उनके श्रम को निजी कामों के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते. इस मामले में कैदी सत्येंद्र जैन के निजी कामों को कर रहे हैं. जेल के नियमों के मुताबिक कैदियों को अपने सेल की सफाई खुद करनी होती है, लेकिन यहां उनके लिए सफाई दूसरे कैदी कर रहे हैं जो कि साफ तौर पर नियमों का उल्लंघन है. अगर कोई कैदी बीमार है तो जेल के सुपरिटेंडेंट उस कैदी के सेल में साफ सफाई के लिए किसी दूसरे कैदी को भेज सकता है, और इस काम के लिए वो कैदी सरकार से पेमेंट भी मांग सकता है. लेकिन यहां ऐसा नहीं है.'

जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सत्येंद्र जैन और उनके परिजनों पर जेल नियमों का उल्लंघन कर मुलाकात की. ड्योढ़ी में जाकर मुलाकात की. जेल में मुलाकात के नियम क्या होते हैं और क्या कोई बाहरी व्यक्ति जेल की ड्योढ़ी में आ-जा सकता है? इस पर सुनील गुप्ता बताते हैं कि जेल ड्योढ़ी का मतलब है जेल के रीसेप्शन का इलाका. जो प्रभावशाली कैदी होते हैं आमतौर पर उनसे मिलने वाले लोग ड्योढ़ी में ही मिलते हैं, लेकिन अब इस तरह की मुलाकात की इजाजत नहीं है, क्योंकि ये सुविधा बाकी कैदियों के लिए नहीं है. सत्येंद्र जैन की पत्नी उनसे मिलने के लिए जेल की ड्योढ़ी पर ही आईं थी.  

जेल में बंद सत्येंद्र जैन से इस्तीफा न लेने पर भी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की खूब आलोचना हो रही है. विपक्षी दलों की ओर से ये भी कहा जा रहा है कि जेल में VIP ट्रीटमेंट की एक वजह सत्येंद्र जैन का जेल मंत्री होना भी है. खबर लिखे जाने तक जांच रिपोर्ट पर आम आदमी पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी. इस मामले में आगे जो भी अपडेट होगा वो लल्लनटॉप पर आपको मिलता रहेगा. 

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement