The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Varanasi Viral Voter List Row 50 Voters With Same Address and One Father

वाराणसी में एक ही शख्स कैसे बना '50 बच्चों का पापा'? वोटर लिस्ट का ये राज़ पता चल गया

कांग्रेस ने इस वायरल वोटर लिस्ट के हवाले से आरोप लगाया है कि PM Narendra Modi को वोट चोरी से जीत मिली है. मामले की सच्चाई क्या है?

Advertisement
Varanasi Voter List
वाराणसी के वायरल वोटर लिस्ट की सच्चाई पता चल गई है. (तस्वीर: इंडिया टुडे)
pic
रोशन जायसवाल
font-size
Small
Medium
Large
13 अगस्त 2025 (Published: 08:30 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा क्षेत्र का एक वोटर लिस्ट (Varanasi Voter List) सोशल मीडिया पर वायरल है. खास चर्चा एक एड्रेस को लेकर है, बी24/19. लिस्ट में देखा जा सकता है कि इस पते पर 50 से ज्यादा वोटर रहते हैं और सभी के पिता एक ही हैं. उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) पर सवाल उठाए. सच्चाई का पता लगाने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप की टीम ग्राउंड पर पहुंची. 

इस मामले ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी. वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं. चुनाव में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ खड़े थे. राय ने ECI और BJP को आड़े हाथों लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को वोट चोरी करके जीत मिली है. उनकी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,

वाराणसी में चुनाव आयोग का एक और चमत्कार देखिए! मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति 'राजकमल दास' के नाम पर 50 बेटों का रिकॉर्ड दर्ज है! सबसे छोटा बेटा राघवेन्द्र- उम्र 28 साल और सबसे बड़ा बेटा बनवारी दास- उम्र 72 साल! 

क्या चुनाव आयोग इस गड़बड़ी को भी सिर्फ त्रुटि कहकर टाल देगा या मान लेगा कि फर्जीवाड़ा खुल्लम-खुल्ला चल रहा है? वोट चोरी की ये घटना बता रही है कि सिर्फ बनारस के लोग ही नहीं, बल्कि पूरा लोकतंत्र ठगा गया है. ECI इसके लिए शपथ पत्र कब दे रहा है?

ग्राउंड पर क्या पता चला?

वायरल वोटर लिस्ट साल 2023 का है. इसमें 13 बेटों की उम्र 37 साल, 5 की उम्र 39 साल, 4 की उम्र 40 साल, दो की उम्र 72 साल और अन्य की उम्र 42 साल दर्ज है. 

दरअसल, बी24/19 आचार्य रामकमल दास के द्वारा स्थापित राम जानकी मठ मंदिर का एड्रेस है. इसका प्रबंधन करने वाले रामभरत शास्त्री ने बताया कि वोटर लिस्ट में कोई गड़बड़ी नहीं है. उन्होंने कहा,

हमारा आश्रम गुरु शिष्य परंपरा के अनुसार चलता है. जहां वैराग्य-विरक्त ले चुके शिष्य अपने गुरु को अपना पिता मानते हैं. क्योंकि उनके बाकी सांसारिक बंधन टूट चुके होते हैं और यही वजह है कि पिता के नाम के आगे रामकमल दास का नाम अंकित है. ऐसा नहीं है कि ये सब कुछ असंवैधानिक तरीके से किया जाता है. जो भी गरीब और कमजोर अनाथ आश्रम आते हैं, उनके विरक्त जीवन अपनाने पर बतौर पिता, उनके गुरु अपना नाम देते हैं. 

आश्रम की ओर से रामभरत शास्त्री ने उन लोगों की आलोचना की जो इस मामले पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा,

जो लोग सोशल मीडिया पर या जो राजनीतिक दल से इसे दुष्प्रचारित कर रहे हैं, उनकी बुद्धि की शुद्धि के लिए राम जानकी मंदिर में प्रार्थना की जाएगी. 

आश्रम के वरिष्ठ शिष्य रह चुके अभिराम ने बताया,

साल 2016 में भारत सरकार की तरफ से उनको ये अधिकार मिला कि विरक्त जीवन अपनाने वाले साधु अपने पिता के नाम की जगह सारे दस्तावेजों में गुरु का नाम लिख सकते हैं. लेकिन ये बात जानते हुए भी बार-बार चुनाव के नजदीक आने पर या फिर राजनीतिक मुद्दों के तहत आश्रम के नाम उछाले जाते हैं. ये बिल्कुल भी उचित नहीं है.

ये भी पढ़ें: ट्रंप के 25% टैरिफ के बाद वाराणसी में बोले पीएम मोदी- ‘स्वदेशी का संकल्प लें’

FIR दर्ज कराएगी अखिल भारतीय संत समिति

वोट चोरी के आरोपों पर अखिल भारतीय संत समिति ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. समिति के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि कांग्रेस का ये आरोप हिन्दू धर्म और हिन्दू धर्माचार्यों को बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि इस तरह के सुनियोजित प्रयास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि गुरुकुल के छात्रों, ब्रह्मचारी या संत परंपरा के लोगों के आधार कार्ड और वोटर आई कार्ड में पिता की जगह उनके गुरु का नाम होता है.

वीडियो: जासूसी करने के आरोप में UP ATS ने वाराणसी से एक शख्स को गिरफ्तार किया, क्या-क्या पता चला?

Advertisement