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वाराणसी में मजार बताकर गिरा दी महिला अस्पताल की दीवार, तोड़फोड़ का वीडियो वायरल

वाराणसी में हिंदू संगठनों ने महिला अस्पताल की दीवार पर बनी एक आकृति को धर्मिक स्थल बताते हुए तोड़ दिया. उनका कहना था कि यहां पर चादर चढ़वाई जाती थी और महिलाओं को बरगलाकर पैसे लिए जाते थे.

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Varanasi Hindu organizations broke drain of women hospital calling it a religious place
हिंदूवादी संगठन के लोग अस्पताल की दीवार पर बनी आकृति को तोड़ते हुए. (Photo- ITG)
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रोशन जायसवाल
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15 सितंबर 2025 (Published: 11:25 AM IST)
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वाराणसी में हिंदुवादी संगठनों ने एक महिला अस्पताल के दीवार पर बनी आकृति को तोड़ डाला. संगठनों का आरोप था कि यह एक पूजनीय स्थल था, जहां पर महिलाओं को बरगलाकर संतान की कामना के लिए चादर और पैसे चढ़वाए जाते थे. साथ ही उनका कहना था कि यहां धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास भी किया जाता था.

घटना वाराणसी के कबीरचौरा महिला अस्पताल की है. तोड़फोड़ करने वाले संगठन के लोगों का कहना है कि पुलिस और अस्पताल से कई बार शिकायत के बाद भी इस कथित पूजनीय स्थल को हटाया नहीं गया, इसलिए उन लोगों ने खुद इसे हटाने का निर्णय लिया. पूरी घटना का वीडियो फेसबुक लाइव पर भी शेयर किया गया. इसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग अस्पताल की मुख्य इमारत की दीवार में ताखेनुमा आकृति पर हथौड़े से वार कर रहे हैं.

तोड़फोड़ के बाद छिड़का गंगाजल

आकृति को तोड़ने के बाद वहां गंगाजल का छिड़काव भी किया गया. इसके बाद कुछ देर तक नारेबाजी की गई. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इस प्रकार के किसी भी दावे का खंडन करते हुए कहा है कि जिसे धार्मिक स्थल बताकर तोड़ा गया है, वह असल में नाली है. प्रबंधन ने अफवाह फैलाने और परिसर में तोड़फोड़ के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है.

अस्पताल ने बताया अफवाह

अस्पताल की चिकित्सा ने संबंधित विभागों और पुलिस को पत्र लिखते हुए कहा कि कबीरचौरा महिला चिकित्सालय के ओपीडी के मुख्य द्वार के पास दीवार पर नाली का ड्रेन है, जो सोशल मीडिया पर मजार के नाम से वायरल किया जा रहा है. जबकि उक्त स्थान के दीवार पर, ऊपर छत का नाली ड्रेन है, जिससे छत का पानी नीचे बहता है. वैसी संरचनाएं ओपीडी भवन के चारों तरफ बनी है और छत पर भी है. उन्होंने पत्र में स्पष्ट किया कि उक्त स्थान पर कभी कोई मजार या धार्मिक स्थल नहीं था और ना ही है. 

हिंदूवादी संगठनों का आरोप

वहीं तोड़फोड़ करने वाले हिंदूवादी संगठन की अगुवाई करने वाले अतुल कुल ने खुद को काशीवासी और आरएसएस का स्वयंसेवक बताया है. उन्होंने कहा कि महिला अस्पताल में पैथेलॉजी को टारगेट करके कई दिनों से धर्म परिवर्तन का काम चल रहा था. गर्भवती महिलाओं को बहकाया जाता था कि मन्नत मांग लेगी तो बेटा पैदा होगा, इसलिए चादर और पैसा चढ़ाइये. चादर दिखती थी, लेकिन पैसा किस काम में या फिर देश विरोधी ताकतों के पास जा रहा है? इसकी किसी को जानकारी नहीं थी, इसीलिए उस स्थान को जड़ से खत्म कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि शिकायत के बावजूद अस्पताल प्रबंधन और पुलिस पिछले लंबे समय से कार्रवाई को टाल रही थी, इसीलिए यह निर्णय लिया गया, क्योंकि हिंदू समाज को चिढ़ाया जा रहा था और यह तमाचे की तरह था. पूरी तरह से अंधविश्वास को बढा़वा दिया जा रहा था.

पुलिस ने क्या कहा?

वहीं इस मामले में ACP कोतवाली प्रज्ञा पाठक ने आज तक से बातचीत में बताया कि भ्रामक वीडियो में इसे मजार बताकर महिला अस्पताल का वीडियो वायरल हो रहा है. अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधिक्षीका के द्वारा भ्रामक तथ्य का खंडन किया गया है और उन्होंने बताया कि इस तरह के स्ट्रक्चर अस्पताल की सभी दीवारों पर बने हुए है, जो मजार नहीं है, बल्कि छत पर इकठ्ठा होने वाले पानी को निकालने के लिए ड्रेन है. पूर्ण रुप से इस बात का खंडन किया गया है कि वहां किसी प्रकार की मजार स्थापित थी.

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