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25 मिनट, 3 टारगेट, 13 हजार किलो के बम...ईरान के न्यूक्लियर बेस पर अमेरिकी हमले की पूरी कहानी

इस ऑपरेशन में 7 स्टील्थ B-2 बॉम्बर्स को शामिल किया गया था. इन बॉम्बर्स ने ईरान के Fordow और Natanz न्यूक्लियर बेस पर 30 हजार पाउंड (लगभग 13 हजार 608 किलोग्राम) वजन के बंकर बस्टर बम गिराए.

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अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर बेस पर एयर स्ट्राइक की. (तस्वीर-एपी)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
22 जून 2025 (Updated: 22 जून 2025, 10:30 PM IST) कॉमेंट्स
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अमेरिका ने रविवार, 22 जून को ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर बेस पर एयर स्ट्राइक की. इस हमले का कोडनेम 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' नाम दिया गया. अमेरिका की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार ऑपरेशन के तहत मात्र 25 मिनट में ईरान के तीन बड़े न्यूक्लियर बेस पर हमला किया गया. इसमें 125 से अधिक फाइटर प्लेन और सात स्टेल्थ B-2 बॉम्बर्स शामिल थे. वहीं 12 से अधिक भारी बम, टार्गेट एरिया पर गिराए गए. इस ऑपरेशन के दौरान खास डिसेप्शन यानी चालबाज रणनीति भी अपनाई गई थी.

अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में 7 स्टेल्थ B-2 बॉम्बर्स को शामिल किया गया था. इन बॉम्बर्स ने ईरान के Fordow और Natanz न्यूक्लियर बेस पर 30 हजार पाउंड (लगभग 13 हजार 608 किलोग्राम) वजन के बंकर बस्टर बम गिराए. इसके अलावा इस्फहान पर टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से हमला किया गया.

रिपोर्ट के मुताबिक B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स अमेरिका के मिसौरी एयरबेस से टेक ऑफ हुए. सभी बॉम्बर्स प्लेन में 2-2 क्रू थे. इस पूरे मिशन को बहुत ही शांत तरीके से अंजाम दिया गया. वहीं, मिशन के दौरान कम्युनिकेशन बहुत कम किया गया ताकि किसी को भी इसकी भनक तक न लगे. हमले की शुरुआत भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर हुई. B-2 बॉम्बर्स ने पहले Fordow न्यूक्लियर साइट पर दो बड़े बंकर बस्टर बम गिराए. इसके तुरंत बाद B-2 बॉम्बर्स ने Natanz और इस्फ़हान पर हमला किया. रिपोर्ट के मुताबिक फाइटर प्लेन 4 बजकर 35 मिनट पर ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर निकल गए थे.

अमेरिका
ऑपरेशन मिडनाइट हैमर

जनरल डैन केन ने बताया कि इस ऑपरेशन में 14 बंकर बस्टर बम, 24 से अधिक टॉमहॉक मिसाइलें और 125 से अधिक प्लेन शामिल थे. मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के बीच ईरान के खिलाफ अमेरिका ने पहली बार इतने घातक गोलाबारूद का इस्तेमाल किया है. उन्होंने आगे बताया कि बॉम्बर्स प्लेन को जानबूझकर प्रशांत महासागर की ओर से ले जाया गया. ताकि ईरान को भ्रम में रखा जा सके. वहीं इस मिशन की जानकारी अमेरिका के गिने-चुने शीर्ष अधिकारियों को ही थी.

केन ने कहा कि ईरान ने अमेरिकी प्लेन पर न तो घुसते वक्त और न ही लौटते समय कोई हमला किया. वहीं इस्फहान पर दागी गई टॉमहॉक मिसाइल इस मिशन का अंतिम हमला थी. जो पनडुब्बियों से दागी गई थी. इस ऑपरेशन के दौरान ईरान पूरी तरह भ्रमित रहा. उन्होंने आगे कहा कि इसलिए हम कह सकते हैं कि ईरान की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली उन्हें नहीं पकड़ पाई.

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इस ऑपरेशन को ऐतिहासिक सफलता बताया. उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब पूरी तरह तबाह हो गया है. पीट हेगसेथ ने आगे कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पहले दिन से साफ कर चुके हैं कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार नहीं हासिल करने दिया जाएगा.

 

 

वीडियो: ईरान पर हमला करने वाले B2 बॉम्बर में ऐसा क्या है? जिसे अमेरिका के सिवा कोई न बना सका

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