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IAS ने दलित छात्रों के लिए कहा- अपने शौचालय साफ क्यों नहीं करते? मुख्य सचिव और DGP को नोटिस

तेलंगाना में एक अफसर का ऑडियो वायरल हुआ जिसमें वह स्कूल के छात्रों को टॉयलेट साफ करने को कह रही हैं. इसे लेकर अनुसूचित जाति आयोग ने पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है.

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Telangana IAS officer asks students to clean toilets
तेलंगाना में आईएएस अफसर के बयान पर सियासी हंगामा खड़ा हो गया है (फोटोः Indian Express)
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राघवेंद्र शुक्ला
2 जून 2025 (Published: 11:45 PM IST) कॉमेंट्स
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तेलंगाना की एक IAS अफसर को दलित छात्रों से शौचालय साफ करने के लिए कहना भारी पड़ गया है. इसे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने संज्ञान में लिया है और राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है. आयोग ने उन्हें 15 दिनों के भीतर आरोपी अफसर पर कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसायटी (TGSWREIS) की सचिव डॉ. वीएस अलगु वर्षिनी का हफ्ते भर पहले एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था. इसमें वह कथित तौर पर गुरुकुल स्कूल के छात्रों को टॉयलेट और हॉस्टल के कमरों की सफाई के लिए कह रही हैं.

वायरल ऑडियो में अफसर कहती हैं,

छात्रों को कमरे की सफाई करनी चाहिए. उनके कमरे कौन साफ ​​करेगा? एक बार को सफाई कर्मचारी साफ कर देगा. वे अपने शौचालय खुद क्यों नहीं साफ कर सकते? इसमें क्या गलत है? मैं किसी को लग्जरी नहीं दे सकती.

ये ऑडियो सामने आने के बाद पूरा मामला राजनैतिक हो गया. विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति के नेता इसे लेकर तेलंगाना सरकार पर तबाड़तोड़ हमले कर रहे हैं. पार्टी के नेता आरएस प्रवीण कुमार ने सीएम रेवंत रेड्डी से पूछा है कि क्या उनके बच्चे उस स्कूल का बाथरूम साफ करते हैं जिसमें वे पढ़ रहे हैं? अफसर की बर्खास्तगी की मांग करते हुए उन्होंने कहा,

IAS अधिकारी गुरुकुल स्कूलों में पढ़ने वाले दलित छात्रों के साथ भेदभाव कर रही हैं. वर्षिणी जी का ये आदेश बेहद अपमानजनक हैं और नौकरशाही में मनुवादी मानसिकता को दर्शाते हैं. ऐसे आदेशों पर सवाल उठाने वाले गार्जियन्स को वह धमका रही हैं.

बीआरएस की ही MLC कलवकुंतला कविता ने वायरल ऑडियो को ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि बीआरएस शासन के दौरान हर समाज कल्याण स्कूल में 4 अस्थायी कर्मचारी रखने के लिए 40 हजार रुपये हर महीने दिए जाते थे. लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस साल मई से इसे बंद कर दिया है. अब छात्र वार्डन की भूमिका निभाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा, 

यह व्यवहार भेदभावपूर्ण और शोषणकारी है. यह बाल अधिकारों और सम्मान के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है.

वहीं, आईएएस अफसर ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी है. एक्स पर एक अन्य ऑडियो साझा करते हुए उन्होंने छात्रों के मुद्दों का राजनीतिकरण न करने और उनके शब्दों का गलत मतलब न निकालने की अपील की. उन्होंने सफाई कर्मचारियों की कमी के आरोपों को भी निराधार बताया और कहा कि घर पर माता-पिता की मदद करना बच्चों की सामान्य दिनचर्या है. इससे उन्हें जागरूक व्यक्ति के रूप में बड़े होने में मदद मिलती है. 

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