लोगों को चिकन खिलाते थे, जंगल में चमगादड़ मारते पकड़े गए, बोले- 'यही है वो चिकन'
मामला सलेम जिले के थोप्पुर रामासामी वन क्षेत्र से जुड़ा है. वन अधिकारियों ने बताया कि जंगल में कई राउंड गोलियां चलने की आवाजें सुनाई देती थीं. इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई. रेंजर विमल कुमार की देखरेख में एक टीम ने जंगल में पेट्रोलिंग की. इस छापेमारी के दौरान दो लोगों को रंगे हाथ पकड़ लिया गया.

तमिलनाडु के सलेम जिले में वन अधिकारियों ने चमगादड़ों का शिकार करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है कि इन्होंने फल चमगादड़ों (Fruit Bats) का शिकार किया, उन्हें पकाया और फिर उसे 'चिकन' बताकर बेच दिया. पुलिस ने ये मामला सामने आने के बाद इसी तरह के अन्य केसों का पता लगाने के लिए जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
इंडिया टुडे से जुड़े प्रमोद माधव की रिपोर्ट के मुताबिक मामला सलेम जिले के थोप्पुर रामासामी वन क्षेत्र से जुड़ा है. वन अधिकारियों ने बताया कि जंगल में कई राउंड गोलियां चलने की आवाजें सुनाई देती थीं. इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई. रेंजर विमल कुमार की देखरेख में एक टीम ने जंगल में पेट्रोलिंग की. इस छापेमारी के दौरान दो लोगों को रंगे हाथ पकड़ लिया गया.
पकड़े गए आरोपियों के नाम कमल और सेल्वम हैं. आरोप है कि दोनों लोग फल चमगादड़ों का शिकार करते थे. फिर उन्हें उबालकर अनजान लोगों को बेच देते थे. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे इन चमगादड़ों को ओमलूर के पास दानिशपेट्टई इलाके में बेचते थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा ही एक मामला जुलाई 2024 में देखने को मिला था. बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर लोगों ने संदिग्ध मांस को लेकर बवाल किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि कुत्ते का मांस बेचा जा रहा है. हालांकि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने जांच के बाद बताया था कि मांस भेड़ का था.
बता दें कि फरवरी 2025 में सेंट्रल अफ्रीका के देश कांगो में कथित तौर पर चमगादड़ खाने से एक बीमारी फैल गई थी. इस बीमारी में 53 लोगों की जान चली गई थी. इसमें लोगों को बुखार, उल्टी, आंतरिक रक्तस्राव जैसे लक्षण दिखाई देते थे. लक्षण दिखने के 48 घंटे के भीतर ही लोगों की मौत हो जाती थी.
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