स्कूल-हॉस्पिटल-रेलवे स्टेशन से हटेंगे आवारा कुत्ते, सुप्रीम कोर्ट ने दिया 8 हफ्तों में शेल्टर होम्स में शिफ्ट करने का आदेश
Supreme Court On Stray Animals: अदालत ने अपने आदेश में कहा कि स्थानीय निकाय सार्वजनिक जगहों से आवारा कुत्तों को पकड़ेंगे. कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी करवाने के बाद उन्हें शेल्टर होम्स में रखा जाएगा. कोर्ट ने कुत्तों पर ही नहीं, बल्कि सड़कों और हाइवे पर घूमने वाले आवारा मवेशियों पर भी सख्त रुख अपनाया है.

सुप्रीम कोर्ट ने देश में बढ़ रहे कुत्तों के काटने के मामलों को देखते हुए शुक्रवार 6 नवंबर को बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि अब हर शैक्षणिक संस्था, अस्पताल, खेल परिसर, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों को इस तरह से घेरा जाए कि आवारा कुत्ते अंदर न जा सकें. इन जगहों पर मौजूद आवारा कुत्तों को हटाया जाए और उन्हें वहीं पर वापस न छोड़ा जाए. इन कुत्तों को शेल्टर होम्स में ट्रांसफर करने को कहा है.
आवारा कुत्तों पर तीन जजों का फैसलालाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजारिया की बेंच ने शुक्रवार को यह आदेश दिया. कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश जारी किए हैं. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि स्थानीय निकाय (नगर निगम या पंचायत) इन जगहों से आवारा कुत्तों को हटाएंगे.
आदेश के मुताबिक, कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी करवाने के बाद उन्हें शेल्टर होम्स में रखा जाएगा. पकड़े गए कुत्तों को वापस उसी जगह पर नहीं छोड़ा जाएगा. कोर्ट का कहना है कि अगर ऐसा किया तो इससे इस कदम का मकसद ही खत्म हो जाएगा. यह भी कहा कि स्थानीय निकाय नियमित रूप से जांच करें ताकि ऐसी जगहों पर फिर से आवारा कुत्तों का ठिकाना न बन सके.
आवारा पशुओं पर भी सख्तीकोर्ट ने सिर्फ कुत्तों पर ही नहीं, बल्कि सड़कों और हाइवे पर घूमने वाले आवारा मवेशियों पर भी सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि सभी राज्यों में तुरंत अभियान चलाकर सड़कों से आवारा पशुओं को हटाया जाए. नगर निगम प्राधिकरण और NHAI हाइवे और एक्सप्रेसवे से सभी मवेशियों को हटाना सुनिश्चित करेंगे.
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हेल्पलाइन बनाने का भी आदेशकोर्ट ने आदेश दिया कि सड़क परिवहन विभाग, नगर निगम प्राधिकरण, NHAI उन जगहों/हाइवे/सड़कों का पता लगाएं जहां, आवारा जानवर पाए जाते हैं. उन्हें तुरंत हटाकर शेल्टर होम्स या गोशालाओं में शिफ्ट किया जाए. आवारा पशुओं से जुड़े मामलों के लिए 24/7 हेल्पलाइन और उन पर नजर रखने के लिए हाइवे पट्रोल टीम भी बनानी होगी.
राज्यों को दिया 8 हफ्तों का वक्तकोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को आदेश दिया गया है कि 8 हफ्तों के भीतर रिपोर्ट दें और बताएं कि आदेशों को लागू करने की क्या व्यवस्था की गई है. अगर आदेशों का पालन नहीं हुआ, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.
पहले भी सुप्रीम कोर्ट में हो चुकी है कई सुनवाईगौरतलब है कि आवारों पशुओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में काफी वक्त से सुनवाई चल रही है. 11 अगस्त को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सख्त निर्देश दिए कि आवारा कुत्तों को दिल्ली-NCR के सभी इलाकों से तुरंत उठाकर शेल्टरों में भेजा जाए. साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस प्रक्रिया में रुकावट डालेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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लेकिन 22 अगस्त को 3-जज बेंच ने 11 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि यह आदेश बहुत सख्त और जरूरत से ज्यादा था. इसी का साथ कोर्ट ने आदेश में बदलाव करते हुए कुत्तों के टीकाकरण के बाद उन्हें दोबारा उसी इलाके में छोड़ने पर सहमति दे दी थी. साथ ही देशभर में सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगाने और इसके लिए खास “फीडिंग जोन” बनाने को भी कहा था.
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इसके बाद अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया क्योंकि उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया था. अब 7 नवंबर को कोर्ट ने फिर एक बार सख्त आदेश पारित किया.
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