The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • stray dogs case supreme court summons chief secretaries of state

'देश की इमेज विदेश में खराब हो रही', आवारा कुत्तों के केस में SC ने 3 राज्यों को छोड़ सबको फटकारा

Supreme court ने उन सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया है, जिन्होंने अब तक अदालत के आदेशों के मुताबिक हलफनामा दाखिल नहीं किया है. जानिए पूरा मामला.

Advertisement
supreme court on stray dogs
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था (सांकेतिक फोटो: आजतक)
pic
अर्पित कटियार
27 अक्तूबर 2025 (Updated: 27 अक्तूबर 2025, 02:30 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

आवारा कुत्तों की समस्या पर ढिलाई बरतने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फटकार लगाई है. अदालत ने उन सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया है, जिन्होंने अब तक ‘पशु जन्म नियंत्रण’ (ABC) नियम के तहत हलफनामा दाखिल नहीं किया है. 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन तीन राज्यों को छोड़कर अन्य किसी राज्य ने हलफनामा दाखिल नहीं किया. जिसे लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई.

दरअसल, बेघर कुत्तों का यह मामला दिल्ली-NCR से जुड़ा हुआ था, लेकिन 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इसे पैन इंडिया कर दिया था. कोर्ट ने आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन इलाकों में छोड़ देने का निर्देश दिया, जहां से उन्हें पकड़ा गया था. साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी इसे अमल में लाने का आदेश दिया.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार, 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि जिन राज्यों ने आदेशों का पालन नहीं किया, उनके मुख्य सचिवों को 3 नवंबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होना होगा. 

जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने पाया कि सिर्फ पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही हलफनामे दाखिल किए हैं. इसलिए, कोर्ट ने बाकी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को हाजिर होकर यह बताने का निर्देश दिया कि हलफनामे क्यों दाखिल नहीं किए गए. जस्टिस नाथ ने कहा,

हलफनामा क्यों नहीं दाखिल किया गया? मुख्य सचिव सफाई दें... वरना जुर्माना लगाया जा सकता है... सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किए गए... आपके अधिकारी अखबार या सोशल मीडिया नहीं पढ़ते? सभी ने इसकी सूचना दी है... एक बार जब उन्हें जानकारी हो जाए तो उन्हें आगे आना चाहिए! सभी मुख्य सचिव 3 नवंबर को हाजिर रहें, वरना हम ऑडिटोरियम में अदालत लगाएंगे.

सुप्रीम ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि तीन महीने के बाद भी हलफनामा दाखिल नहीं किया गया, जबकि दो महीने का वक्त दिया गया था. जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि इस मामले से विदेश में भारत की छवि खराब हो रही है.

दरअसल, 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी के बाद स्थायी तौर पर शेल्टर होम्स में रखा जाए. कोर्ट ने तब कहा था कि इस आदेश पर कोई समझौता नहीं होगा. लेकिन इस फैसले की कड़ी आलोचना हुई. कई एनिमल वेलफेयर संगठनों ने इसे अमानवीय बताते हुए याचिकाएं दायर कीं और रोक लगाने की मांग की. इसके बाद 14 अगस्त को बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. 22 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले में नया आदेश सुनाया. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने माना कि 11 अगस्त को दिया गया आदेश ‘बहुत कठोर’ था. 

ये भी पढ़ें: आवारा कुत्ते अब शेल्टर होम नहीं जाएंगे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा नसबंदी ही सही

कोर्ट ने साफ कर दिया कि सभी पकड़े गए कुत्तों को छोड़ा जाएगा, लेकिन एक शर्त पर कि पहले उनकी नसबंदी और टीकाकरण किया जाए. जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई वाली 3 जजों की बेंच ने शेल्टर होम में सिर्फ बीमार और हिंसक आवारा कुत्तों को ही रखे जाने का आदेश दिया. इसके अलावा, पीठ ने मामले का दायरा दिल्ली-NCR से आगे बढ़ाकर पूरे भारत में लागू कर दिया. साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस आदेश के अमल पर हलफनामा दाखिल करने को कहा गया था.

वीडियो: सोशल लिस्ट: आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 'डॉग लवर' और Hoomans को निशाना बनाते ट्रोल

Advertisement

Advertisement

()