मिड-डे मील की चपाती-सब्जी खाते ही उल्टी करने लगे, 90 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा
Rajasthan: स्कूल के कई छात्रों ने पोषण योजना के तहत चपाती और सब्जी खाई थी. दोपहर के खाने के तुरंत बाद कई बच्चों की तबियत खराब होने लगी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. क्या है पूरा मामला?

राजस्थान में दौसा जिले के एक सरकारी स्कूल में करीब 90 बच्चों की मिड-डे मील खाने के बाद तबियत बिगड़ गई. पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. अधिकारियों ने बताया कि मामला फूड पॉइजनिंग का लगता है, जिसकी जांच शुरू कर दी गई है.
क्या है पूरा मामला?इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला चूड़ियावास गांव के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है, जहां शुक्रवार, 12 सितंबर को 156 छात्रों ने पोषण योजना के तहत चपाती और सब्जी खाई थी. दोपहर के खाने के तुरंत बाद कई बच्चों की तबियत खराब होने लगी. कुछ ही घंटों में दर्जनों छात्रों ने मतली, पेट में ऐंठन और उल्टी की शिकायत की, जिससे परिजन और स्कूल स्टाफ में हड़कंप मच गया.
एक मेडिकल टीम स्कूल पहुंची और प्रभावित बच्चों का इलाज शुरू किया. जैसे-जैसे मामलों की संख्या बढ़ती गई, बच्चों को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया. शाम तक 49 बच्चों को आगे के इलाज के लिए दौसा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अधिकारियों ने बताया कि मरीजों की अचानक बढ़ी भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ तैनात किए गए हैं. देर शाम तक स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं.
राज्य मंत्री ने पीड़ित बच्चों से की मुलाकात
जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने अस्पताल का दौरा किया और अधिकारियों को बच्चों का उचित इलाज करने के लिए निर्देश दिया. उन्होंने बीमारी के कारणों का पता लगाने का भी आदेश दिया और कहा,
फूड इंस्पेक्टर ने स्कूल में परोसे गए खाने के सैंपल इकट्ठा कर लिए हैं. पूरे मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, राज्य मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और BJP नेता जगमोहन मीणा भी बच्चों और उनके परिवारों से मिलने जिला अस्पताल पहुंचे. उन्होंने माता-पिता को आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी.
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इस बीच, स्कूल स्टाफ का कहना है कि खाना हमेशा की तरह तैयार किया गया था और दावा किया कि इससे पहले कोई शिकायत नहीं आई थी. एक स्टाफ सदस्य ने कहा,
कल भी इसी आटे से चपाती बनाई गई थी और आज दो शिक्षकों ने भी खाना परोसने से पहले उसे चखा था.
उन्होंने आगे कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे. इस घटना ने सरकार की पोषण योजना के तहत परोसे जाने वाले खाने की क्वॉलिटी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. फिलहाल, सभी भर्ती बच्चों की हालत स्थिर बताई जा रही है और मामले की जांच की जा रही है.
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