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जेल में अवैध मोबाइल यूज को रोकने के लिए जैमिंग सिस्टम लगाया, पूरे इलाके के फोन ठप!

पटियाला जेल के आसपास जैसे पुलिस लाइन्स, फुलकियां एन्क्लेव और भादसों रोड के पास रहने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि बीते एक सप्ताह से वाई-फाई और मोबाइल नेटवर्क की समस्या आ रही है

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punjab patiala central jail jammer causing network issues in surrounding areas
पटियाला सेंट्रल जेल में लगे जैमर से आसपास के इलाकों में नेटवर्क की परेशानी झेलनी पड़ रही है. (तस्वीर-X)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
15 अप्रैल 2025 (Published: 11:42 PM IST) कॉमेंट्स
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पंजाब की पटियाला सेंट्रल जेल में कैदियों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के लिए इन्स्टॉल किए गए जैमर दूसरों के लिए मुसीबत बन गए हैं. ये तो नहीं पता कि इस हाईटेक जैमिंग सिस्टम से जेल में इस्तेमाल हो रहे कितने मोबाइल्स जाम हुए, लेकिन इलाके के आम लोगों के मोबाइल जरूर बंद पड़ गए हैं.

जेल में मोबाइल नेटवर्क को ब्लॉक करने के लिए लगाए गए इस सिस्टम का नाम ‘वी-कवच’ है. आसपास के लोगों का कहना है कि इन जैमर की वजह से उन्हें कॉल ड्रॉप की गंभीर समस्या झेलनी पड़ रही है. इंटरनेट भी नहीं चल रहा है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पटियाला जेल से पहले बठिंडा जेल में ये मोबाइल जैमिंग सिस्टम लगाया गया था. लेकिन इसका असर आसपास के इलाकों में ज्यादा देखने को मिल रहा है. पुलिस लाइन्स, फुलकियां एन्क्लेव और भादसों रोड के पास रहने वाले लोगों को मोबाइल से बात करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनके मुताबिक बीते एक सप्ताह से वाई-फाई और मोबाइल नेटवर्क की समस्या भी आ रही है.

लोगों के लिए कॉल ड्रॉप अब रोज़मर्रा की समस्या बन चुकी है. उनका कहना है कि काम के व्यस्त घंटों के दौरान एक-दूसरे से बात करना मुश्किल हो जाता है. वहीं OTP नहीं आने के कारण डिजिटल ट्रांजैक्शन भी नहीं हो पाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कलेक्टर ऑफिस के एक कर्मचारी ने बताया कि यह तकनीकी दिक्कतें जेल से शुरू होती हैं, लेकिन इसका असर प्रशासनिक कामकाज पर भी पड़ रहा है.

पटियाला सेंट्रल जेल के अधीक्षक वरुण शर्मा ने पुष्टि की कि BSNL अधिकारियों ने पिछले सप्ताह इस मामले को उठाया था. उन्होंने कहा कि जैमर का अभी ट्रायल चल रहा है. इस समस्या की जानकारी जैमर लगाने वाली कंपनी को दे दी गई है. जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा. वरुण शर्मा ने बताया कि वी-कवच जैमर की रेंज 100 मीटर तक ही होती है. उन्होंने आशंका जताई कि शायद इसकी सिग्नल क्षमता बढ़ा दी गई है. इस वजह से इसका असर आसपास के इलाकों में हो रहा है.

पंजाब सरकार को पिछले साल केंद्र सरकार से ‘वी-कवच’ जैमर लगाने की मंजूरी मिली थी. इसका मकसद जेलों में बंद कैदियों के अवैध मोबाइल फोन इस्तेमाल को पूरी तरह खत्म करना है. जनवरी में जैमर लगाए गए. इसके बाद अब उनका ट्रायल रन चल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इन्हें पूर्ण रूप से चालू किया जाएगा. ताकि जेल के अंदर जीरो कनेक्टिविटी की जा सके. हालांकि इससे पहले जेल से 1 किलोमीटर दूर तक के इलाके के लोग भी नेटवर्क संबंधी समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं.

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