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ISI-LeT ने मिलकर रची थी पहलगाम हमले की साजिश, सिर्फ पाकिस्तानी आंतकी थे शामिल!

Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान ने पहलगाम में 26/11 मुंबई जैसा हमले की प्लानिंग की गई थी. यह हमला ISI और LeT का जॉइंट प्रोजेक्ट था. पूरे हमले की अगुवाई सुलेमान नाम का आतंकी कर रहा था.

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Pahalgam Terror Attack Conspired By ISI and LeT, Only Pakistan Terrorist Involved
गृह मंत्री अमित शाह ने बैसरन रैली का किया था दौरा. (फाइल फोटो- पीटीआई)
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रिदम कुमार
15 जुलाई 2025 (Updated: 15 जुलाई 2025, 03:09 PM IST) कॉमेंट्स
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पहलगाम हमले (Pahalgam Terror Attack) के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने मिलकर हमले की गुप्त साजिश रची थी. हमले को अंजाम देने के लिए सिर्फ पाकिस्तानी आतंकियों को काम पर लगाया गया था ताकि साजिश की गोपनीयता बनी रहे. 

ISI और LeT जॉइंट प्रोजेक्ट

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों के हवाले से दावा किया गया कि पाकिस्तान ने पहलगाम में 26/11 मुंबई जैसे हमले की प्लानिंग की गई थी. यह हमला ISI और LeT का जॉइंट प्रोजेक्ट था. ISI लश्कर कमांडर साजिद जट्ट को हमले से जुड़े निर्देश जारी कर रही थी. 

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22 अप्रैल को पहलगाम में किया गया था आतंकी हमला. (फाइल फोटो- पीटीआई)

उसे निर्देश दिए गए थे कि हमले में किसी भी कश्मीरी मिलिटेंट को शामिल न किया जाए. इसी वजह से हमले में किसी भी कश्मीरी आतंकवादी को शामिल नहीं किया गया. हमले में जिस भी कश्मीरी ने मदद की, उन्हें सिर्फ जरूरत के हिसाब से ही जानकारी दी गई थी. 

सुलेमान कर रहा था हमले की अगुवाई

रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे हमले की अगुवाई सुलेमान नाम का आतंकी कर रहा था. बताया जाता है कि वह पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स का पूर्व कमांडो रह चुका है. वह लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके सेंटर में ट्रेनिंग ले चुका था और साल 2022 में उसने LoC पार की थी. उसके पास अमेरिकी M-4 राइफल थी. सुलेमान वही आतंकी है जो 2023 में पुंछ में आर्मी ट्रक पर हमले में शामिल था. इस हमले में 5 जवान मारे गए थे. इसके बाद से दो साल तक वह अंडरग्राउंड रहा. सैटेलाइट फोन की जांच से पता चला है कि हमले से एक हफ्ते पहले वह पहलगाम के पास स्थित त्राल के जंगलों में मौजूद था. 

इन्होंने चलाई थी गोलियां

इसके अलावा, दो अन्य पाकिस्तानी आतंकवादी इस दस्ते के सदस्य थे. माना जा रहा है कि इन्होंने ही घाटी में लोगों पर गोलिया चलाई थीं. लेकिन सूत्रों ने हमला करने वाले इन दो पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस को पहले पाकिस्तानी आतंकवादियों हाशिम मूसा और अली भाई की भूमिका पर शक था. लेकिन अब तक की जांच में सिर्फ सुलेमान की भूमिका की ही पुष्टि हुई है. स्थानीय कश्मीरी मिलिटेंट आदिल हुसैन थोकर की भी इसमें मददगार के रूप में भूमिका की पुष्टि नहीं हुई है.

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घटनास्थल का दौरान करते सुरक्षाकर्मी. (फाइल फोटो- पीटीआई)

एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि कोई भी लोकल कश्मीरी मिलिटेंट इस हमले में शामिल नहीं था. न ही किसी को भी हमले की पूरी जानकारी थी. 

स्थानीय कश्मीरियों की भूमिका

यहां तक कि पिछले महीने इस मामले में NIA द्वारा गिरफ्तार किए गए दो स्थानीय लोगों, पहलगाम के बटकोट निवासी परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क निवासी बशीर अहमद जोथर, की भी सीमित भूमिका मानी जा रही है. इन्होंने कुछ रुपयों की एवज में हथियारबंद पाकिस्तानी आतंकवादियों को खाना, ठहरने और अन्य रसद मुहैया कराई थी. 

रिपोर्ट में दावा किया गया कि फिलहाल घाटी में करीब 68 विदेशी और 3 स्थानीय आतंकी एक्टिव हैं. इस साल अब तक सिर्फ एक नई स्थानीय भर्ती हुई है.

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