The Lallantop
Advertisement

कश्मीर मुद्दे पर अपनी टांग फंसाने की सोच रहे डॉनल्ड ट्रंप भारत का ये जवाब सह नहीं पाएंगे

बीते दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी जम्मू-कश्मीर विवाद को ‘हजार साल पुराना’ बताते हुए इस पर मध्यस्थता की इच्छा जताई थी. इस पर जवाब देते हुए 13 मई को भारत ने स्पष्ट कर दिया कि जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत के पुराने रुख में कोई बदलाव नहीं है.

Advertisement
MEA
विदेश मंत्रालय ने ट्रंप से लेकर पाकिस्तान तक के दावे खारिज कर दिए (ANI)
pic
राघवेंद्र शुक्ला
13 मई 2025 (Published: 08:35 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

भारत ने कश्मीर को लेकर अपना रुख साफ किया है. 13 मई को विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर कहा कि कश्मीर पर किसी भी तीसरे पक्ष का दखल उसे मंजूर नहीं है. यह भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है. और पाकिस्तान से भी कश्मीर को लेकर सिर्फ PoK को खाली करने पर बात होगी. 

भारत सरकार का ये बयान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के उस पोस्ट के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत के लिए ‘न्यूट्रल साइट’ पर जाने को ‘सहमत’ हो गए हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर अमेरिकी मध्यस्थता के दावे को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि ये भारत के हथियारों की ताकत थी कि पाकिस्तान को संघर्ष रोकने पर मजबूर होना पड़ा.

बीते दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी जम्मू-कश्मीर विवाद को ‘हजार साल पुराना’ बताते हुए इस पर मध्यस्थता की इच्छा जताई थी. इस पर जवाब देते हुए 13 मई को भारत ने स्पष्ट कर दिया कि जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत के पुराने रुख में कोई बदलाव नहीं है. यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें एकमात्र लंबित मुद्दा पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर है, जिसे पाकिस्तान को खाली करना है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य संघर्ष को रोकने का क्रेडिट भी अमेरिका अपने खाते में डालने की कोशिश कर रहा था. इस पर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा,

10 मई को दोनों देशों के DGMO के बीच दोपहर 3.35 पर बातचीत हुई. इसमें सीजफायर की तारीख, समय और वर्डिंग पर बात हुई. इस कॉल के लिए विदेश मंत्रालय को पाकिस्तानी उच्चायोग से दोपहर 12.37 बजे रिक्वेस्ट की गई थी. तकनीकी कारणों से पाकिस्तानी पक्ष को भारतीय पक्ष से हॉटलाइन कनेक्ट करने में मुश्किलें आ रही थीं. इसके बाद शाम को 3.35 बजे भारतीय DGMO की उपलब्धता के आधार पर बातचीत का समय तय किया गया.

ट्रंप का दावा भी खारिज

ट्रंप ने दावा किया कि ट्रेड रोकने की धमकी देने पर भारत और पाकिस्तान संघर्ष रोकने को राजी हुए थे. इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को सैन्य कार्रवाई बंद करने की सहमति बनने तक भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच कई बार बातचीत हुई, लेकिन इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा.

विदेश मंत्रालय ने बताया, “10 मई की सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु सेना के कई ठिकानों पर जोरदार हमला किया था. हम साफ कर दें कि ये भारतीय हथियारों की ताकत थी जिसने पाकिस्तान को अपनी गोलीबारी रोकने पर मजबूर किया. यही कारण था कि पाकिस्तानी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए तैयार हो गए.”

भारत का संदेश साफ

जायसवाल ने आगे कहा, 

“हमारा संदेश साफ था. 22 अप्रैल के पहलगाम हमले का जवाब भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह करके दिया. अगर इसके बाद पाकिस्तानी सेना गोलीबारी करती है तो भारत उसका मुंहतोड़ जवाब देगा. अगर पाकिस्तान संघर्ष रोकता है तो भारत भी रुक जाएगा. यही संदेश ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में हमने पाकिस्तान को दिया था, लेकिन उसने इस पर ध्यान नहीं दिया. भारत का ये संदेश कई विदेशी नेताओं ने सुना और इसे पाकिस्तानियों से साझा किया, जिसके बाद सीजफायर का माहौल बना होगा.”

सिंधु समझौता निलंबित रहेगा

सिंधु नदी जल समझौते पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से हुई थी, लेकिन पाकिस्तान ने दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इस भावना को नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में 23 अप्रैल के कैबिनेट की सुरक्षा समिति के फैसले के अनुसार, भारत संधि को तब तक स्थगित रखेगा जब तक पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने देश में ‘इंडस्ट्री की तरह’ आतंकवाद को बढ़ावा दिया है. अगर वो सोचता है कि वह इसके परिणाम से बच जाएगा तो यह खुद को बेवकूफ़ बनाना है. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिन आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया है वह सिर्फ भारतीयों की नहीं बल्कि दुनिया भर में तमाम निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थे. 

विदेश मंत्रालय ने कहा,

“ऑपरेशन सिंदूर अब एक 'न्यू नॉर्मल' है. जितनी जल्दी पाकिस्तान इसकी आदत डाल ले, उतना ही बेहतर है.”

ढोल बजाना पुरानी आदत

पाकिस्तान के सैन्य संघर्ष में बढ़त बनाने के दावे पर जायसवाल ने उस पर तगड़ा कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का ढोल बजाने का रवैया पुराना है. परास्त हो जाओ लेकिन ढोल बजाओ. जीत का दावा करना उनकी पुरानी आदत है. उन्होंने 1971 में भी यही किया था. 1975 और 1999 के करगिल युद्ध में भी उन्होंने यही राग अलापा था.

वीडियो: "संघर्ष नहीं रोका तो व्यापार नहीं करेंगे" ट्रंप का ये दावा तो झूठ निकला, असली बात अब पता चली

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement