'ऑपरेशन सिंदूर में हमारे 3 दुश्मन थे... ' पाकिस्तान के पीछे छिपे चीन-तुर्किये की पोल खुल गई
डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ Rahul Kumar Singh ने बताया कि Operation Sindoor के दौरान Pakistan को China और Turkey का भरपूर समर्थन मिल रहा था. उन्होंने चीन और तुर्किये की पूरी हरकत के बारे में बताया है.

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर भारत के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ (Deputy Chief Of Staff) ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत तीन मोर्चे पर लड़ रहा था. अग्रिम मोर्चे पर पाकिस्तान (Pakistan) था. लेकिन चीन (China) और तुर्किए (Turkey) उसे पीछे से हर संभव मदद पहुंचा रहे थे.
शुक्रवार, 04 जुलाई को डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ राहुल कुमार सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन पाकिस्तान को लाइव इनपुट दे रहा था. फिक्की द्वारा आयोजित न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज कार्यक्रम में बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा,
जब पाकिस्तान के साथ DGMO स्तर की बातचीत चल रही थी तो पाकिस्तान को चीन से हमारी सेना की तैनाती के बारे में लाइव इनपुट मिल रहे थे. इसलिए यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हमें वास्तव में तेजी से आगे बढ़ने और उचित कार्रवाई करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा,
DGMO स्तर की वार्ता के दौरान पाकिस्तान को हमारे वेक्टर्स की लाइव अपडेट चीन से मिल रही थी. पाकिस्तान की ओर से बताया जा रहा था कि आपका फलां-फलां महत्वपूर्ण वेक्टर कार्रवाई के लिए तैयार है.
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने आगे बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जंग एक बॉर्डर पर हो रही थी, लेकिन दुश्मन तीन थे. पाकिस्तान सामने से मोर्चे पर था. लेकिन चीन उसे हरसंभव मदद दे रहा था. पाकिस्तान जिन हथियारों का इस्तेमाल कर रहा था. उसमें से 81 फीसदी चीन के हैं. उन्होंने कहा कि यह संघर्ष चीन के लिए एक टेस्टिंग लैब की तरह था. वह दूसरे हथियारों के मुकाबले अपने हथियारों को परख रहा था.
डिफ्टी चीफ ऑफ स्टाफ के मुताबिक तुर्किए भी इस संघर्ष में पाकिस्तान का समर्थन कर रहा था. उन्होंने पाकिस्तान को ‘बायरकटार टीबी2' ड्रोन की सप्लाई की. साथ ही तुर्किए के कई और ड्रोन भी भारत की ओर आते दिखे. लेफ्टिनेंट जनरल ने आशंका जताई,
अगर अगली बार दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति बनती है तो पाकिस्तान भारत की आबादी वाले केंद्रो को निशाना बना सकता है… इस बार भारत ने आबादी वाले केंद्रो पर ठीक से ध्यान नहीं दिया लेकिन अगली बार हमें इसके लिए तैयार रहना होगा.
डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ ने इस अभियान से जुड़ी ऑपरेशनल डिटेल भी शेयर की है. उन्होंने बताया कि पूरी योजना टेक्नोलॉजी और इंटेलिजेंस इनपुट पर आधारित थी. टारगेट की प्लानिंग और उसका सेलेक्शन, टेक्नोलॉजी और इंटेलिजेंस इनपुट का उपयोग करके जुटाए गए डेटा के आधार पर किया गया था. भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 21 ठिकानों की पहचान की थी. लेकिन ऑपरेशन के आखिरी दिन और अंतिम घंटे में 9 ठिकानों पर हमला करने का निर्णय किया गया.
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