घर की बालकनी के अंदर से निकला फ्लाईओवर, जांच हुई तो गलती पता है किसकी निकली...
Nagpur Indora–Dighori Flyover Balcony: NHAI ने कहा है कि फ्लाईओवर के रोटरी बीम के अंतिम किनारे से संरचना के किनारे तक 1.5 मीटर की दूरी है. हालांकि, संपत्ति के मालिक ने बालकनी को प्लॉट की सीमा से आगे बढ़ा दिया है. इस हिस्से को जल्द ही गिरा दिया जाएगा.

भोपाल के 90 डिग्री वाले ब्रिज के बाद नागपुर का एक फ्लाईओवर इन दिनों सुर्खियों मे है. शहर के अशोका चौक में 998 करोड़ रुपये में बन रहे दिघोरी से इंदौरा जानेवाले फ्लाईओवर का एक हिस्सा, एक घर के बालकनी से गुजर रहा है. हालांकि जब इसकी तस्वीरें वायरल हुईं, तो अधिकारियों ने बताया कि गलती मकान मालिक की है और मकान पर कार्रवाई की जाएगी.
एक ऐसे ही पोस्ट का जवाब देते हुए फ्लाइओवर का निर्माण करा रही संस्था भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपना पक्ष रखा. कहा,
स्पष्ट किया जाता है कि निर्माण के दौरान NHAI ने अतिक्रमण की पहचान की थी और नागपुर नगर निगम से इसे हटाने की मांग की थी. नगर निगम ने भी वेरिफाई किया था कि संबंधित मकान का निर्माण बिना किसी स्वीकृत भवन योजना के किया गया था.
NHAI ने कहा कि फ्लाईओवर के रोटरी बीम के अंतिम किनारे से संरचना के किनारे तक 1.5 मीटर की दूरी है. हालांकि, संपत्ति के मालिक ने बालकनी को प्लॉट की सीमा से आगे बढ़ा दिया है. इस हिस्से को जल्द ही गिरा दिया जाएगा. वहीं, फ्लाईओवर का निर्माण स्वीकृत डिजाइनों के अनुसार किया गया है. सभी सुरक्षा मानदंडों का पूरी तरह से पालन किया गया है.
नगर निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ये घर नागपुर नगर निगम (NMC) से भवन स्वीकृति योजना के बिना अवैध रूप से बनाया गया था. फिलहाल घर के अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हनुमान नगर जोन के सहायक नगर आयुक्त नरेंद्र बावनकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया,
NHAI ने इस मुद्दे को लेकर नगर निकाय से संपर्क किया था. मकान मालिक ने भी स्वीकार किया कि उसके पास कोई भवन स्वीकृति योजना नहीं थी.
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बता दें, प्रवीण पत्रे नाम के व्यक्ति के घर के बालकनी से होकर ये निर्माणाधीन एलिवेटेड रोटरी का बाहरी घेरा गुजरता है. आजतक से बात करते हुए प्रवीण बताते हैं कि उनका घर 150 साल से ज्यादा पुराना है और सन 2000 में घर को रिनोवेट किया गया था. उनका कहना है कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. निर्माण से पहले उन्हें संबंधित विभाग ने सूचना दी थी. लेकिन उन्हें तब भी कोई आपत्ति नहीं थी, अब भी नहीं है.
मकान मालिक प्रवीण पत्रे का ये भी कहना है कि उनका वो यूटिलिटी एरिया नहीं हैं. इसलिए उन्हें सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है. उनके बेटी सृष्टी का कहना हैं कि जब फ्लाईओवर पूरी तरह बन जाएगा और आवाजाही शुरू होगी, तब वो अपने घर में नॉइस रिडक्शन करा लेंगे.
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