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4 लीटर पेंट पोतने के लिए लगाए 233 मजदूर, सरकारी स्कूलों के ये बिल देख आंखें खुली रह जाएंगी

MP Schools Viral Bill: एक स्कूल में 233 लोगों को, तो दूसरे स्कूल में 425 लोगों को काम पर लगाया गया. ऐसा वायरल हुए बिल से पता चलता है. जब इस पर सवाल उठे तो अधिकारियों का जवाब आया. क्या है पूरी कहानी?

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Madhya Pradesh School Math Miracle
बिल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है. (फ़ोटो- सोशल मीडिया)
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हरीश
6 जुलाई 2025 (Published: 09:33 AM IST) कॉमेंट्स
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मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले में आने वाले दो स्कूलों में हुए मेंटिनेंस के बिलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं. जिसे लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. वायरल बिलों की तस्वीरों के आधार पर कहा जा रहा है कि स्कूल की दीवारों की पेंटिंग के लिए ज़रूरत से बहुत ज़्यादा पैसे खर्च किए गए. मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने कहा है कि जांच चल रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

NDTV से जुड़े अनुराग द्वारी की रिपोर्ट के मुताबिक जिन दो स्कूलों की ये घटना बताई जा रही है, वो मध्य प्रदेश के ब्योहारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. पहला बिल सकन्दी हाई स्कूल का बताया जा रहा है. जिसके मुताबिक़, स्कूल ने कथित तौर पर एक दीवार पर चार लीटर पेंट लगाने के लिए 168 मजदूरों और 65 राजमिस्त्रियों को काम पर लगाया. यानी कुल 233 लोग. आरोप है कि इसके लिए 1.07 लाख रुपये की राशि निकाली गई.

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सकन्दी हाई स्कूल का बिल.

दूसरा बिल निपनिया हायर सेकेंडरी स्कूल का बताया जा रहा है. बिल की वायरल तस्वीर के मुताबिक़, 20 लीटर पेंट लगाने के लिए कथित तौर पर 2.3 लाख रुपये निकाल लिए गए. वायरल बिल के आधार पर पेंटिंग के लिए 275 मजदूरों और 150 राजमिस्त्रियों को काम पर लगाने का भी आरोप लगा है. यानी कुल 425 लोगों को इस काम पर लगाया गया.

इस वायरल बिल में एक और ऐसी बात थी, जिस पर लोगों ने ध्यान दिया. स्कूल में पेंटिंग का काम करने वाली कंपनी है सुधाकर कंस्ट्रक्शन. इस कंपनी ने मई, 2025 में बिल बनाया था. जबकि स्कूल प्रिंसिपल ने 4 अप्रैल, 2025 को ही स्वीकृत कर दिया था. यानी बिल को बनाए जाने से एक महीने पहले ही उसका बिल प्रिंसिपल की तरफ़ से स्वीकृत करा लिया गया था.

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निपनिया हायर सेकेंडरी स्कूल का बिल.

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नियम के अनुसार स्कूल में पेंटिंग के काम से पहले और बाद की तस्वीरें खींची जानी चाहिए थीं. फिर प्रिंसिपल के सामने बिल को लाना था. लेकिन NDTV की ख़बर के मुताबिक़, बिना किसी तस्वीर के ही इन बिलों को मंजूरी दे दी गई. इन दोनों स्कूलों के बिल जब सोशल मीडिया पर वायरल हुए, तो कई लोगों ने इसे लेकर सवाल उठाए.

ऐसे में ज़िला शिक्षा अधिकारी (DEO) फूल सिंह मरपाची की तरफ़ से भी मामले पर प्रतिक्रिया आई. उन्होंने बताया,

जिन दो स्कूलों के बिल सोशल मीडिया पर वायरल हैं. उनकी जांच की जा रही है.

DEO फूल सिंह के मुताबिक़, जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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