लखनऊ कोर्ट में राहुल गांधी ने जज के साथ सेल्फी ली? वायरल फोेटो का सच ये है
15 जुलाई को सुनवाई के बाद कोर्ट से बाहर निकलते वक्त Rahul Gandhi के साथ उनके एक वकील ने सेल्फी ली. इस फोटो के साथ एक दावा भी किया जाने लगा कि ये तस्वीर जिन्होंने ली है वे उसी केस के जज हैं जो राहुल के केस की सुनवाई कर रहे हैं.

15 जुलाई को राहुल गांधी लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए. मामला एक आपराधिक मानहानि का था. लेकिन सुर्खियां केस को लेकर नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक तस्वीर ने बनाई. सवाल उठे कि क्या इस मामले की सुनवाई करने वाले जज ने राहुल गांधी के साथ सेल्फी ली? ये दावा सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. लेकिन इस वायरल तस्वीर की हकीकत कुछ और ही निकली. तस्वीर में जो शख्स दिख रहे हैं, वो जज नहीं हैं, बल्कि राहुल गांधी के वकील हैं. अफवाह उड़ी कि कोर्ट के अंदर जमानत देने वाले जज खुद राहुल के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं. जबकि तस्वीर में राहुल गांधी के साथ दिखने वाले शख्स जज नहीं हैं. इश शख्स का नाम सैयद महमूद हसन है जो कि पेशे से वकील हैं.
क्या है मानहानि मामला?2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने सेना को लेकर एक बयान दिया था. उस बयान में कहा गया था कि अरुणाचल प्रदेश में सेना को चीन के सैनिक पीट रहे हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही. बार एंड बेंच के मुताबिक इस बयान को लेकर बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव के वकील विवेक तिवारी ने लखनऊ में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. BRO निदेशक, आर्मी में कर्नल की रैंक के बराबर होते हैं. कोर्ट ने राहुल को समन भेजा और वो पेश हुए. कोर्ट ने उन्हें बीस-बीस हजार रुपये के 2 मुचलकों पर जमानत दे दी. मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी.
15 जुलाई को सुनवाई के बाद कोर्ट से बाहर निकलते वक्त राहुल गांधी के साथ उनके एक वकील ने सेल्फी ली. तस्वीर के बैकग्राउंड में भीड़ और कैमरे नजर आ रहे थे. लेकिन इस फोटो के साथ एक दावा भी किया जाने लगा कि ये तस्वीर जिन्होंने ली है वे उसी केस के जज हैं जो राहुल के केस की सुनवाई कर रहे हैं.
बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि सेना का अपमान करने वाले नेता को जमानत देने के बाद जज साहब उन्हीं के साथ सेल्फी ले रहे हैं. सोशल मीडिया पर ये दावा तेजी से फैल गया. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने वायरल तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा.
This is the judge who is supposed to be hearing the case against Rahul Gandhi for insulting our Army and brave soldiers. He should immediately recuse himself.
यानी यह वही जज हैं जिन्हें राहुल गांधी के खिलाफ सेना का अपमान करने वाले केस की सुनवाई करनी थी. इन्हें तुरंत खुद को इस केस से अलग कर लेना चाहिए. हालांकि अमित मालवीय को जब एहसास हुआ कि उन्होंने गलत दावा कर दिया और ये खबर फेक है तो उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया. लेकिन तब तक डैमेज हो चुका था. कई लोग इस अफवाह को सच मान चुके थे. उनके दावे के बाद कांग्रेस के नेता भी एक्टिव हो गए और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर फैल रहे दावों पर कहा कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति जज नहीं बल्कि वकील है. उन्होंने अमित मालवीय को भी जवाब देते हुए लिखा,
फोटो में जज नहीं तो कौन?अरे झूठ फैलाने वाले जनाब! अब आपने न्यायपालिका को लेकर भी झूठ फैलाना शुरू कर दिया? वो वकील हैं, जज नहीं. तुम्हें इस झूठी खबर के लिए फटकार मिलनी चाहिए. मैं तुम्हारी हताशा को समझती हूं. तुम्हारी तमाम साजिशों के बावजूद राहुल गांधी आज भी डटे हुए हैं.
वायरल तस्वीर में जो व्यक्ति दिख रहे हैं, वो राहुल गांधी के वकील सैयद महमूद हसन हैं. कोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि फोटो में दिख रहा व्यक्ति कोर्ट से जुड़ा कोई जज नहीं है. और ये तस्वीर कोर्ट परिसर के बाहर की है. हालांकि मामला संज्ञान में आने के बाद सैयद महमूद की फेसबुक प्रोफाइल भी सामने आ गई. इसमें इनकी पुरानी तस्वीरें हैं और प्रोफाइल पर लिखा है, 2006 से हाईकोर्ट/सिविल कोर्ट के वकील. महमूद हसन सेंट्रल बार के पूर्व महामंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही वो कोषाध्यक्ष पद के दावेदार भी हैं. उनके अलावा इस तस्वीर में लखनऊ कांग्रेस कमेटी के को-ऑर्डिनेटर संजीव पांडेय और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी मौजूद थे.
मानहानि और राहुलदेश भर की अलग-अलग अदालतों में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और अन्य लोगों द्वारा गांधी के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं. जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को हत्या का आरोपी कहने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. इस मामले में भाजपा नेता नवीन झा ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 18 मार्च, 2018 को एक भाषण में अमित शाह पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है. इसके अलावा एक दूसरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को यह कहने के लिए फटकार लगाई थी कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर अंग्रेजों के सहयोगी थे और उन्हें अंग्रेजों से पेंशन मिलती थी.
वीडियो: राहुल गांधी के साथ वायरल तस्वीर में कौन? पूरी कहानी ये है