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जम्मू-कश्मीर में आतंक को बढ़ावा देने के आरोप में 25 पुस्तकें बैन, अरुंधति रॉय की किताब भी शामिल

सरकार ने जिन 25 किताबों को बैन किया है, उसमें से कई किताबों को कई जाने-माने पब्लिशर्स ने छापा है. इन पब्लिशर्स में Routledge, Stanford University Press और Oxford University Press जैसे कुछ मशहूर प्रेस भी शामिल हैं.

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25 books banned by jammu kashmir home department by ag noorani arundhati roy accused on anti india propoganda
जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश पर किताबों को बैन किया गया है (PHOTO-India Today/PTI)
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मानस राज
7 अगस्त 2025 (Published: 10:15 AM IST)
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जम्मू-कश्मीर के गृह मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 25 किताबों को बैन करने का फैसला किया है. प्रशासन का कहना है कि ये किताबें 'गलत नैरेटिव' और 'अलगाववाद' को बढ़ावा देती हैं. बैन हुई किताबों में अरुंधति रॉय की ‘आजादी’ और एजी नूरानी की 'द कश्मीर डिसप्युट 1947-2012' जैसी नामी किताबें शामिल हैं.

5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया कि यह बैन ‘विश्वसनीय सबूतों’ पर आधारित था. ये ऐसी किताबें हैं जिन्हें अक्सर ऐतिहासिक या राजनीतिक विश्लेषण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. लेकिन इन्होंने युवाओं को हिंसा और आतंकवाद की तरफ मोड़ने में योगदान दिया है. यही वजह है कि इन्हें बैन किया जा रहा है. नोटिफिकेशन के मुताबिक

यह साहित्य विक्टिम होने की सोच, आतंकवाद को वीरता कहने वाली संस्कृति को बढ़ावा देकर युवाओं के मन पर गहरा प्रभाव डालेगा. इस साहित्य ने जम्मू-कश्मीर में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में जिन तरीकों से योगदान दिया है, उनमें ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ना-मरोड़ना, आतंकवादियों का महिमामंडन, सुरक्षा बलों का अपमान, धार्मिक कट्टरता, अलगाव को बढ़ावा देना, हिंसा और आतंकवाद का मार्ग शामिल है.

सरकार ने जिन 25 किताबों को बैन किया है, उसमें से कई किताबों को कई जाने-माने पब्लिशर्स ने छापा है. इन पब्लिशर्स में Routledge, Stanford University Press और Oxford University Press जैसे कुछ मशहूर प्रेस भी शामिल हैं. इन किताबों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 के तहत जब्त कर लिया गया है. इन किताबों को देखें तो...

  1. Human Rights Violations in Kashmir
  2. Kashmiri's Fight For Freedom
  3. Colonizing Kahsmir, State-building under Indian Occupation
  4. Kashmir Politics and Plebiscite
  5. Mujahid ki Azaan
  6. Al Jihadul Fil islam
  7. Independent Kashmir
  8. Reisting Occupation Kashmir
  9. Between Democracy and Nation
  10. Do You Remember Kunan Poshpora?
  11. USA and Kashmir
  12. Law and Conflict Resolution in Kashmir
  13. tarikh-i-Siyasat Kashmir
  14. Kashmir and the Future of South Asia
  15. The Dismantled State, The Untold Story of Kashmir After 370
  16. Contested Lands
  17. In search of Future
  18. Kashmir in Conflict
  19. The Kashmir Dispute 1947-2012
  20. Kashmir at the Crossroads
  21. Resisting Disappearance
  22. Confronting Terrorism
  23. Freedom in Captivity
  24. Kashmir (The Case for Freedom)
  25. Azadi
प्रशासन ने कैसे जब्त की किताबें?

बीएनएसएस 2023 की धारा 98 सरकार को कुछ प्रकाशनों जैसे किताबों या पत्रिकाओं को 'जब्त' के तौर पर घोषित करने का अधिकार देती है. वहीं बीएनएस 2023 की धाराएं 152, 196 और 197 के तहत ‘बिना किसी गंभीर उकसावे के हमला, ’पब्लिक सर्वेंट्स के काम में बाधा डालना" और कानूनी रूप से बाध्य होने पर उनकी सहायता न करना शामिल है. सरकार ने 25 किताबों के साथ-साथ सभी प्रतियों और उनसे संबंधित दस्तावेजों को जब्त करने का आदेश दिया है.

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