CM सिद्दारमैया ने जिस पुलिस अधिकारी को 'थप्पड़' मारा, उसने इस्तीफा दिया, फिर वापस लिया
इसी साल 28 अप्रैल को बेलगावी में कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था. इस रैली को CM सिद्दारमैया लीड कर रहे थे. इसमें कांग्रेस के कई सीनिर नेता भी शामिल हुए. स्टेज की सुरक्षा के लिए ASP बरमानी की तैनाती की गई थी.

कर्नाटक के IPS अधिकारी नारायण वेंकप्पा बरमानी ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. उन्होंने सीएम सिद्दारमैया से बात करने के बाद ये फैसला किया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक नारायण बरमानी ने पुष्टि की है कि वे पुलिस विभाग नहीं छोड़ रहे हैं और पहले की तरह काम करते रहेंगे.
नारायण वेंकप्पा बरमानी वही पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें सीएम सिद्दारमैया ने एक रैली के दौरान स्टेज पर लगभग थप्पड़ मार दिया था. उन्होंने इसे अपना सार्वजनिक अपमान बताया था और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की पेशकश की थी. हालांकि कर्नाटक सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था.
इंडिया टुडे के नागार्जुन की रिपोर्ट के मुताबिक, नारायण वेंकप्पा बरमानी ने बीती 14 जून को होम सेक्रेटरी को अपना इस्तीफा सौंपा. मामले के तूल पकड़ने के बाद से राज्य सरकार के कई मंत्रियों ने बरमानी से मुलाकात कर इस्तीफे पर दोबारा विचार करने को कहा. CM सिद्दारमैया ने भी व्यक्तिगत रूप से उनसे मुलाकात की. हर तरफ से मान-मुनौव्वल के बाद आखिरकार उन्होंने इस्तीफे का फैसला बदल दिया.
क्या है मामला?
इसी साल 28 अप्रैल को बेलगावी में कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था. इस रैली को CM सिद्दारमैया लीड कर रहे थे. इसमें कांग्रेस के कई सीनिर नेता भी शामिल हुए. स्टेज की सुरक्षा के लिए ASP बरमानी की तैनाती की गई थी. कार्यक्रम चल रहा था कि CM के भाषण के दौरान कुछ महिलाओं ने काले झंडे दिखाते हुए सरकार विरोधी नारे लगा दिए. इस पर सिद्दारमैया इतने नाराज हुए कि स्टेज से ही इशारा करते हुए बोले, “अरे! यहां के SP कौन हैं? बाहर निकलो!”
बरमानी ने अपने इस्तीफे में बताया,
“इस दौरान स्टेज पर SP या DSP मौजूद नहीं थे, इसलिए मैं स्टेज पर पहुंचा. मैंने CM को सम्मान देते हुए उन्हें सलाम किया. लेकिन इसके बजाय उन्होंने थप्पड़ मारने के लिए मुझ पर हाथ उठाया. हालांकि मैंने पीछे हटकर खुद को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ खाने से बचा लिया. लेकिन मैं अपमानित होने से नहीं बच सका.”
उन्होंने आगे लिखा,
"बिना किसी गलती के मुझे अपमानित किया गया. इस दौरान वहां राज्यभर के नेता, पार्टी के कार्यकर्ता, मीडिया रिपोर्टर और मेरे डिपार्टमेंट के कई सीनियर अधिकारी मौजूद थे. उन सभी के सामने मुझे अपमानित किया गया. लेकिन अपने डिपार्टमेंट और CM ऑफिस की गरिमा और सम्मान के लिए मैं चुपचाप स्टेज से उतर गया. इसके बाद इस पूरी घटना को दो दिन तक सभी टीवी चैनलों और मीडिया में दिखाया गया."
बरमानी ने ये भी बताया कि उनके साथ हुई घटना का परिवार पर क्या असर हुआ. इस्तीफे में उन्होंने लिखा,
“मेरे घर पर उस दिन सन्नाटा पसरा हुआ था. मुझे देखकर मेरी पत्नी और बच्चे रोने लगे. हम किसी का फोन तक नहीं उठा सके. मेरे पूरे परिवार के लिए ये एक सदमा बन गया.”
अधिकारी ने सवाल उठाते हुए लिखा, “इसके बाद भी मुख्यमंत्री और न ही किसी सीनियर ऑफिसर ने मुझसे बात करने की कोशिश की. यहां तक कि मेरे किसी कलीग ने भी मेरा सपोर्ट नहीं किया, जिसने मेरी मानसिक पीड़ा को और बढ़ा दिया.”
इस्तीफा देते हुए बरमानी ने लिखा, "31 साल तक मैंने पुलिस विभाग की वर्दी का सम्मान बनाए रखा. लेकिन आज मुख्यमंत्री ने ही सार्वजनिक रूप से मेरा अपमान किया. अगर मैं खुद के लिए न्याय नहीं पा सका, तो आम जनता को कैसे दिलाऊंगा? अब मेरे पास और कोई विकल्प नहीं बचा है, इसलिए मैं अपना VRS सौंपता हूं. कृपया इसे स्वीकार करें."
वहीं कर्नाटक भाजपा ने इस मामले पर CM सिद्दारमैया को आड़े हाथों लिया. पार्टी इकाई ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट से इस घटना के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा,
“कांग्रेस प्रचार अभियान में CM सिद्दारमैया ने ASP नारायण बरमानी को लगभग थप्पड़ मारा. अब उन्होंने VRS मांगा है. हम केवल कल्पना ही कर सकते हैं कि 'लॉटरी सीएम' के अहंकार के कारण उन्हें किस अपमान से गुजरना पड़ा होगा."
कर्नाटक BJP के अध्यक्ष BY विजयेंद्र ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि जनता और BJP दोनों उनके साथ हैं.
वीडियो: ब्रिटिश नेवी के अटके जहाज के सहारे केरल टूरिज्म का प्रमोशन, पोस्ट हुआ वायरल