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'इकॉनमी बंद कर दें क्या?', रूस से तेल खरीदने पर वेस्ट की 'धमकी' को भारत का जवाब

Britain में भारत के High Commissioner Vikram Doraiswami ने पश्चिमी देशों पर डबल स्टैंडर्ड अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि कई यूरोपीय देश आज भी उन्हीं देशों से दुर्लभ खनिज और ऊर्जा उत्पाद खरीद रहे हैं, जिनसे वे भारत को खरीदने से मना कर रहे हैं.

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Indian High Commissioner To UK Reply On Stopping Oil imports from Russia
ब्रिटेन में भारतीय हाईकमिश्नर विक्रम दोराईस्वामी. (फोटो- इंडिया टुडे)
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रिदम कुमार
28 जुलाई 2025 (Updated: 28 जुलाई 2025, 03:30 PM IST) कॉमेंट्स
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अमेरिका समेत वेस्ट के देशों ने रूस से व्यापार करने वाले देशों को इकॉनमी बर्बाद करने की धमकी दी थी. उनका सीधा निशाना भारत पर था. अब भारत ने सख्त लहजे में वेस्ट को जवाब दिया है. ब्रिटेन में भारत के हाईकमिश्नर विक्रम दोराइस्वामी (Vikram Doraiswami) ने कहा कि जियोपॉलिटिकल उठा-पटक के चलते भारत अपनी अर्थव्यवस्था बंद नहीं कर सकता.

टाइम्स रेडियो को दिए एक इंटरव्यू में विक्रम दोराइस्वामी ने कहा, 

“हम अपनी ऊर्जा की 80% ज़रूरतें आयात करते हैं. आप हमसे क्या करवाना चाहेंगे? क्या हम अपनी अर्थव्यवस्था बंद कर दें?”

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दोराइस्वामी ने पश्चिमी देशों पर डबल स्टैंडर्ड अपनाने का आरोप लगाया. रूस के साथ भारत के रिश्तों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, 

“रूस के साथ संबंध सिर्फ तेल तक सीमित नहीं हैं. यह एक पुराने और गहरे सुरक्षा सहयोग पर आधारित है. एक समय था जब पश्चिमी देश हमें हथियार बेचने को तैयार नहीं थे. लेकिन हमारे पड़ोसी देशों को वही हथियार दे रहे थे, जो हमारे खिलाफ इस्तेमाल होते थे.”

दोराइस्वामी ने यह भी कहा कि कई यूरोपीय देश आज भी उन्हीं देशों से दुर्लभ खनिज और ऊर्जा उत्पाद खरीद रहे हैं, जिनसे वे भारत को खरीदने से मना कर रहे हैं. उनकी यह प्रतिक्रिया काफी हद तक विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस सख्त रुख से मेल खाती है जिसमें अक्सर वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के तेल आयात का बचाव करते हैं.

पिछले साल जयशंकर ने यूरोप को उसके “चुनिंदा रवैये” के लिए खरी-खोटी सुनाई थी. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा था कि यूरोप ने खुद को रूस के साथ अपना व्यापार बंद नहीं किया इसलिए भारत सिर्फ यूरोप को खुश करने के लिए ज्यादा कीमत नहीं चुकाएगा.

गौरतलब है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल एक्सपोर्टर और कंज्यूमर है. तीन साल पहले जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए, तब रूस ने सस्ते दामों पर तेल बेचना शुरू किया. 

भारत ने इस मौके का फायदा उठाया और बड़ी मात्रा में रूस से तेल आयात करना शुरू किया. आज की तारीख में भारत रूस से कच्चा तेल खरीदने वाला एकलौता सबसे बड़ा देश बन गया है. यही बात अमेरिका समेत वेस्ट के देशों को रास नहीं आ रही.

16 जुलाई को NATO के जनरल सेक्रेटरी मार्क रूट ने रूस से तेल खरीदने को लेकर ब्राजील, चीन और भारत को कड़ी चेतावनी दी थी. रूट ने कहा था कि अगर ये देश रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं तो उन्हें भारी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.

इसके बाद 22 जुलाई को अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने चेतावनी दी थी कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप उन देशों पर भारी टैरिफ लगाएंगे, जो रूस से तेल आयात करना जारी रखेंगे. उन्होंने खासकर भारत, चीन और ब्राज़ील का नाम लिया था. बोले कि ये तीनों देश रूस से कच्चे तेल निर्यात का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा खपाते हैं.

वीडियो: ब्रिक्स देशों पर भड़के ट्रंप, और टैरिफ लगाने की बात कर गए

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