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टेक ऑफ के दौरान पैरा-ग्लाइडर हवा में उठ नहीं पाया, एक टूरिस्ट की जान चली गई

हिमाचल के धर्मशाला में इंद्रुनाग नाम की एक मशहूर जगह है. ये एक जानी-मानी पैरा-ग्लाइडिंग साइट है. 14 जुलाई की शाम अहमदाबाद के सतीश भी पैरा-ग्लाइडिंग करने आए थे.

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हिमाचल में पैरा-ग्लाइडिंग आकर्षण का केंद्र है (PHOTO-AajTak)
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मानस राज
15 जुलाई 2025 (Published: 12:32 PM IST) कॉमेंट्स
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हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में पैरा-ग्लाइडिंग के दौरान बड़ा हादसा हुआ है. यहां टेक-ऑफ के कुछ सेकंड बाद ही पैरा-ग्लाइडर क्रैश हो जाने से गुजरात के एक टूरिस्ट सतीश की मौत हो गई. जबकि पैरा-ग्लाइडर का पायलट सूरज गंभीर रूप से घायल हो गया है. बीते 6 महीनों में पैरा-ग्लाइडिंग के दौरान ये दूसरा ऐसा हादसा है जहां किसी टूरिस्ट की मौत हुई है.

कैसे हुआ हादसा?

हिमाचल के धर्मशाला में इंद्रुनाग नाम की एक मशहूर जगह है. ये एक जानी-मानी पैरा-ग्लाइडिंग साइट है. 14 जुलाई की शाम अहमदाबाद के सतीश भी पैरा-ग्लाइडिंग करने आए थे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही उनके पायलट सूरज ने टेक-ऑफ किया, कुछ ही सेकंड में उनका पैरा-ग्लाइडर  क्रैश हो गया. मामले पर जानकारी देते हुए कांगड़ा के एडिशनल एसपी हितेश लखनपाल ने बताया, 

यह हादसा टेक-ऑफ के दौरान हुआ जब ग्लाइडर हवा में नहीं उठ पाया और थोड़ी दूर जाकर क्रैश हो गया. इस हादसे में सतीश राजेश भाई और पायलट सूरज दोनों घायल हो गए. सतीश के सिर, मुंह और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आईं थीं. 25 साल के सतीश का पहले जोनल हॉस्पिटल धर्मशाला में इलाज किया गया और बाद में उसे टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां देर रात उसकी मौत हो गई. वहीं पायलट सूरज का इलाज कांगड़ा के बाला जी अस्पताल में चल रहा है.

पैरा-ग्लाइडिंग पर बैन

एडिशनल एसपी के मुताबिक इस मामले में पुलिस पैरा-ग्लाइडिंग के दौरान सुरक्षा मानकों की कथित अनदेखी के एंगल से भी जांच कर रही है. इस घटना के बाद कांगड़ा के डिप्टी कमिश्नर हेमराज बैरवा ने पूरे कागड़ा जिले में 15 सितंबर,यानी पूरे मॉनसून सीजन तक पैरा-ग्लाइडिंग पर बैन लगा दिया है. 

पैरा-ग्लाइडिंग, रोमांचक लेकिन खतरनाक

हिमाचल प्रदेश टूरिस्ट्स के फेवरेट डेस्टिनेशंस में से एक है. यहां लगभग हर टूरिस्ट स्पॉट पर पैरा-ग्लाइडिंग और तमाम एडवेंचर स्पोर्ट्स आकर्षण का केंद्र रहते हैं. मनाली, बीर-बिलिंग, शिमला और धर्मशाला जैसी जगहों पर ये काफी प्रचलित है. इसमें एक पायलट होता है जो ऊंचाई से जंप कराकर हवा में सैर करवाता है. 

(यह भी पढ़ें: तेलंगाना से मनाली पैराग्लाइडिंग के लिए आए, बैठते ही हवा हो गई तेज, बिगड़ा बैलेंस, मौत)

यह एक बहुत ही बेसिक लेवल का पैराशूट होता है. इसकी दिशा और स्पीड को पायलट हवा की मदद से कंट्रोल करता है. इसे टेक-ऑफ करने के लिए ढलान जैसी जगह से जंप लगाई जाती है. धर्मशाला का हादसा भी इसी दौरान हुआ. जैसे ही पायलट ने टेक-ऑफ किया, कुछ ही सेकंड्स बाद उसका कंट्रोल छूट गया और दोनों जमीन पर गिर पड़े.

वीडियो: धर्मशाला पैराग्लाइडिंग हादसे में 19 साल की युवती की मौत, क्या सवाल उठे?

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