गुफा से मिली रूसी महिला और बच्चों को रूस भेजने की प्रक्रिया पर लगी रोक, HC ने क्या कहा?
बेंच ने केंद्र सरकार को दो हफ्तों के भीतर लिखित आपत्तियां दर्ज कराने का निर्देश दिया. और स्पष्ट किया कि बेंच से संपर्क किए बिना डिपोर्टेशन संबंधी कोई भी कदम नहीं उठाया जा सकता.

कर्नाटक के गोकर्ण में जंगली गुफा से मिली रूसी महिला नीना कुटीना के डिपोर्टेशन पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है (Russian woman deportation halted). ये निर्णय संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मेलन (UNCRC) के आधार पर लिया गया जिसमें बच्चों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है. अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि बिना पूर्व अनुमति के डिपोर्ट करने की कोई कार्रवाई न की जाए.
इंडिया टुडे से जुड़े सगय राज की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट में नीना कुटीना के बच्चों के खिलाफ अचानक जारी किए गए डिपोर्टेशन ऑर्डर पर याचिका दायर की गई थी. जस्टिस एस सुनील दत्त यादव की बेंच ने मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता की ओर से वकील बीना पिल्लई ने तर्क दिया कि डिपोर्ट करने की प्रक्रिया में बच्चों के कल्याण की अनदेखी की गई और UNHRC के नियमों का उल्लंघन किया गया.
कोर्ट ने सरकार को क्या निर्देश दिया?सुनवाई के दौरान, भारत सरकार की ओर से सहायक सॉलिसिटर जनरल पेश हुए. सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि इस मामले में विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है. केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि बच्चों के पास वर्तमान में वैध ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि इस समय उनमें तत्काल डिपोर्ट किए जाने का डर उचित नहीं है.
बेंच ने केंद्र सरकार को दो हफ्तों के भीतर लिखित आपत्तियां दर्ज कराने का निर्देश दिया और स्पष्ट किया कि बेंच से संपर्क किए बिना डिपोर्टेशन संबंधी कोई भी कदम नहीं उठाया जा सकता. रिपोर्ट के मुताबिक 18 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी. यदि कोई डिपोर्टेशन होता भी है, तो कोर्ट को सूचित किए बिना ये आगे नहीं बढ़ाया जा सकता.
मामले में याचिका कुटीना की बेटी प्रेमा और अमा की ओर से दायर की गई थी. जिन्हें बीते दिनों गोकर्ण पुलिस ने नियमित गश्त के दौरान रामतीर्थ पहाड़ियों के जंगलों से बरामद किया गया था. बताया गया कि कुटीना अपने बच्चों के साथ एक गुफा में एकांत में रह रही थीं.
नीना साल 2016 में बिजनेस वीजा पर भारत आई थीं. उनका ये वीजा 2017 में एक्सपायर हो गया था, और वो अवैध रूप से भारत में रह रही थीं. अधिकारियों का कहना है कि नेपाल की यात्रा के बाद वो 2018 में फिर से भारत आईं और उसके बाद से कई वीजा उल्लंघन हुए हैं. पुलिस और वन विभाग के सर्च ऑपरेशन के दौरान उनका पासपोर्ट बरामद किया गया था. रेस्क्यू के बाद परिवार को पहले एक आश्रम में शिफ्ट किया गया था. उसके बाद उन्हें कारवार स्थित एक सरकारी महिला शेल्टर में ले जाया गया था.
वीडियो: कर्नाटक के जंगल में गुफा में रह रही थी रूसी महिला, वीजा खत्म हुए 8 साल हो गए