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"एयरटेल-जियो की स्टारलिंक डील PM मोदी ने कराई", कांग्रेस ने आरोप की वजह क्या बताई?

एलन मस्क की Starlink ने Jio और Airtel के साथ डील की है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि PM नरेंद्र मोदी ने मस्क के जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का प्रभाव हासिल करने के लिए यह सौदा कराया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर नेशनल सिक्योरिटी समेत कई सवाल उठाए हैं.

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Starlink Jio Airtel
Starlink ने Jio और Airtel के साथ पार्टनरशिप की है. (India Today)
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मौ. जिशान
13 मार्च 2025 (Updated: 13 मार्च 2025, 07:28 PM IST) कॉमेंट्स
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कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क की सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस, स्टारलिंक को भारत में लाने में ‘मदद’ की है. विपक्षी पार्टी का आरोप है कि पीएम मोदी ने ऐसा इसलिए किया ताकि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का ‘भरोसा जीत सकें’. कांग्रेस ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है जब जियो और एयरटेल ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी का एलान किया है. पार्टी का कहना है कि यह कदम मस्क के जरिए ट्रंप के साथ अच्छे रिश्ते बनाने के लिए उठाया गया है.

गुरुवार, 13 मार्च को कांग्रेस सांसद और महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा,

"वास्तव में 12 घंटों के अंदर एयरटेल और जियो दोनों ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा की है, जिससे भारत में इसकी एंट्री पर उनकी सभी आपत्तियां दूर हो गई हैं, जिसके बारे में वे काफी समय से आवाज उठा रहे थे."

जयराम रमेश ने आगे कहा कि यह पूरी तरह साफ है कि ये पार्टनरशिप किसी और ने नहीं, बल्कि पीएम मोदी ने खुद कराई हैं. कांग्रेस के सीनियर नेता का कहना है कि यह सब सिर्फ ‘ट्रंप के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए’ किया गया है.

जयराम रमेश ने कहा कि कई सवाल अभी भी बने हुए हैं. सबसे अहम सवाल नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा है. उन्होंने सवाल उठाया कि नेशनल सिक्योरिटी की वजह से अगर इंटरनेट चालू या बंद करना पड़ा तो ऐसा करने का अधिकार किसके पास होगा? क्या यह स्टारलिंक या उसके भारतीय पार्टनर्स के पास होगा? इसके अलावा उन्होंने सवाल किया कि क्या अन्य सैटेलाइट-बेस्ड कनेक्टिविटी प्रोवाइडर्स को भी इजाजत दी जाएगी. अगर दी जाएगी तो किस आधार पर दी जाएगी.

कांग्रेस ने टेस्ला की भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के बारे में भी सवाल खड़े किए हैं. रमेश ने पूछा कि क्या भारत में इस यूनिट को लेकर कोई ठोस कमिटमेंट किया गया है, खासकर जब भारत में स्टारलिंक को काम करने की इजाजत मिल गई है.

जयराम रमेश ने जोर देकर कहा कि एक तरफ तो जियो स्पेक्ट्रम नीलामी की मांग कर रही थी, जबकि एलन मस्क की स्पेसएक्स स्पेक्ट्रम का आवंटन चाहती थी. सरकार ने मस्क की मांग वाला स्पेक्ट्रम आवंटन का रास्ता चुना है. ऐसे में जियो और एयरटेल ने सभी आपत्तियों को दरकिनार करते हुए स्पेसएक्स के साथ चलने का फैसला किया है.

जयराम रमेश के बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखा पलटवार किया है. बीजेपी के पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एनएनआई को दिए बयान में कहा कि जयराम रमेश को मेरी सलाह है कि नेशनल सिक्योरिटी के बारे में बात करने के लिए कांग्रेसी सबसे कम काबिल हैं. उन्होंने यूपीए के तहत 10 साल तक नॉर्थ-ईस्ट, उत्तर में, हर जगह नेशनल सिक्योरिटी को खत्म करने के लिए शासन किया है. इसलिए वे नेशनल सिक्योरिटी के बारे में जितना कम बोलेंगे, उतना ही बेहतर होगा.

चंद्रशेखर ने आगे कहा कि सच कहूं तो हम सभी को पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कुछ नहीं करेंगे या कोई नीतिगत फैसला नहीं लेंगे जिससे भारत की अर्थव्यवस्था या भारत की सुरक्षा से समझौता हो. हम उन पर जयराम रमेश से ज्यादा भरोसा करते हैं.

स्टारलिंक एक सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस है. यह गांव-देहात और दूर-दराज के इलाकों में भी इंटरनेट सर्विस पहुंचाने की कबिलियत रखती है. मस्क ने कई मौकों पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में स्टारलिंक के जरिए इंटरनेट की सर्विस दी है. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी मस्क ने यूक्रेन में स्टारलिंक की सर्विस दी थी, जिसके जरिए सरकारी अधिकारी, सैनिक और आम नागरिक एक-दूसरे के संपर्क में रहे.

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