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Elif Shafak ने बताई टेम्स नदी के मरने और फिर जिंदा होने की कहानी

लेखिका Elif Shafak ने अपनी किताब "There Are Rivers In The Sky" पर लल्लनटॉप से बातचीत की. साथ ही उन्होंने पानी के इतिहास पर कई रोचक बातें बताईं.

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Elif Shafak on Kitabwale
दाई ओर तुर्की-ब्रिटिश राइटर एलिफ शफक वहीं बाई ओर लंदर की टेम्स नदी. (तस्वीर : सोशल मीडिया)
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सौरभ शर्मा
17 अप्रैल 2025 (Updated: 17 अप्रैल 2025, 10:57 PM IST) कॉमेंट्स
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19वीं सदी में लंदन की फेमस टेम्स नदी को जैविक रूप से मृत घोषित कर दिया गया था. भारी मात्रा में सीवेज और औद्योगिक कचरा इस नदी की सतह पर जाकर बैठ गए थे. इतिहास में इसे 'ग्रेट स्टिंक' के नाम से जाना जाता है. लेकिन 150 साल बाद, आज ये नदी इतनी साफ है कि लगभग 200 प्रजातियों का घर बन चुकी है. इसका जिक्र फेमस टर्किश-ब्रिटिश राइटर एलिफ शफक ने लल्लनटॉप के खास शो 'किताबवाला' में किया. एलिफ ने बताया कि आखिर क्यों इस नदी को ज़ॉम्बी नदी कहा जाता था. 

शो में एलिफ शफक ने अपनी किताब "There Are Rivers In The Sky" पर बातचीत की. साथ ही पानी के इतिहास पर कई रोचक बातें बताईं. दरअसल कुछ समय पहले एलिफ ने कहा था,“पानी याद रखता है, ये तो इंसान हैं, जो भूल जाते हैं.” एलिफ बताती हैं,

“मेरी राय में ये बात बिल्कुल सही है. इंसान के तौर पर हम सभी इस बात पर यकीन करते हैं कि समय हमेशा सीधी गति से बहता है. यानी आने वाला कल हमेशा बेहतर होगा, और ज्यादा विकसित होगा. लेकिन असल में, इसकी कोई गारंटी नहीं है. समय अलग-अलग दिशाओं में जा सकता है, कभी-कभी यह पीछे भी जा सकता है. कई देशों की स्थिति दोबारा पिछड़ सकती है. उदाहरण के लिए अगर आप किसी पेड़, नदी या फिर पर्वत की यात्रा को देखते हैं तो आप पाएंगे कि प्रकृति के पास हमें सिखाने के लिए बहुत कुछ है. साथ ही ये लीनियर टाइम की परिभाषा पर भी सवाल खड़े करती है.”

एलिफ अपनी बात रखते हुए कहती हैं,

"उदाहरण के लिए आप यूके की टेम्स नदी को देखिए. यह एक अद्भुत नदी है, लेकिन इसे "ज़ॉम्बी नदी" कहा जाता है, क्यों? क्योंकि 150 साल पहले इसे जैविक रूप से मृत घोषित कर दिया गया था. ये नदी इंसानों द्वारा बुरी तरह से दूषित कर दी गई थी. वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि अब यह नदी मृत है, इसमें कोई भी जीवन नहीं पनप सकता. लेकिन अब हम यहां है, यह नदी खुद को फिर से जीवित कर चुकी है, खुद को साफ कर चुकी है, और आज यह 200 से अधिक प्रजातियों का घर है. हमें इसकी सराहना करनी चाहिए और सम्मानित करना चाहिए."

इसके बाद एलिफ अपनी बात के दूसरे पहलू को समझाने के लिए आज की स्थिति का उदाहरण दिया,

“लेकिन हमने इस घटना से कुछ नहीं सीखा. वर्तमान में यूके में जल कंपनियां पैसे और लालच के नाम पर फिर से टेम्स नदी में गंदा पानी डाल रही हैं. जब आप किसी नदी की कहानी सुनते हैं, तो यह समय की एक सीधी रेखा वाली अवधारणा पर सवाल खड़ा करती है.”

आखिर में एलिफ अपनी बात को एक सवाल के साथ खत्म करती हैं और कहती हैं कि क्या इंसान सच में इतिहास से सीखते हैं, या फिर हम एक सर्कल के भीतर एक और सर्कल बनाकर उसमें फंसे रह जाते हैं.

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