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बिहार में वोटर लिस्ट में नाम चढ़वाने के लिए क्या अब कागज नहीं दिखाने पड़ेगे? EC ने जवाब जान लीजिए

Bihar: Election Commission ने कहा है कि अगर वोटर जरूरी दस्तावेज दे देते हैं, तो उनका आवेदन जल्दी और आसानी से प्रक्रिया में लिया जा सकेगा. लेकिन अगर किसी कारण से वोटर दस्तावेज नहीं दे पाते हैं, तो उसका भी तरीका चुनाव आयोग ने बताया है.

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बिहार में चुनाव आयोग का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चल रहा है. (x.com/ECISVEEP)
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मौ. जिशान
6 जुलाई 2025 (Updated: 6 जुलाई 2025, 11:14 PM IST) कॉमेंट्स
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बिहार में चुनाव आयोग (ECI) वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision) चला रहा है. इसमें मांगे गए दस्तावेजों को लेकर लोगों में बढ़ती घबराहट के बीच एक 'झूठ' तेजी से फैल रहा है- ‘वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए दस्तावेज जमा करना जरूरी नहीं.’ दरअसल, चुनाव आयोग ने बिहार के अखबारों में एक विज्ञापन जारी किया, जिसमें कहा गया है कि जिन लोगों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं, वे अभी गणना फॉर्म भरकर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को जमा करा सकते हैं. ECI के मुताबिक, दस्तावेज बाद में दिए जा सकते हैं.

ये विज्ञापन बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय की तरफ से जारी किया गया है. लोगों के बीच दस्तावेज को लेकर डर है, तो चुनाव आयोग ने दस्तावेज बाद में जमा कराने की बात कही. लेकिन यहीं से ‘भ्रम’ और ‘झूठ’ फैल गया. दावा किया जाने लगा कि चुनाव आयोग बिना दस्तावेज के भी गणना फॉर्म जमा कर रहा है, और बिना दस्तावेज दिए भी वोटर लिस्ट में नाम जुड़ जाएगा. हालांकि, इन सभी दावों को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है.

फिलहाल, देखिए चुनाव आयोग ने अपने विज्ञापन में क्या कहा है,

"गणना प्रपत्र (फॉर्म) BLO से प्राप्त होते ही तत्काल भर कर आवश्यक दस्तावेज तथा फोटो के साथ बीएलओ को उपलब्ध करा दें. यदि आवश्यक दस्तावेज तथा फोटो उपलब्ध नहीं हो तो सिर्फ गणना प्रपत्र भरकर BLO को उपलब्ध करा दें."

SIR Bihar
चुनाव आयोग ने अखबार में विज्ञापन निकाला. (ECI)

दरअसल, रविवार, 6 जुलाई को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,

"भाजपा ने चुनाव आयोग के सहयोग से, बिहार में करोड़ों लोगों का वोटिंग का अधिकार छीनने का जो मास्टर प्लॉन बनाया था, उसमें अब भाजपा खुद फंसती नजर आ रही है. पहले दिन से ही, कांग्रेस पार्टी Special Intensive Revision of Electoral Rolls (SIR) के खिलाफ आवाज उठा रही है. जो लोग चुनाव-दर-चुनाव वोट देते आ रहें हैं, उनसे वोटिंग के लिए कागज दिखाने के लिए क्यों कहा जा रहा है? गरीब, कमजोर, वंचित, दलित, पीड़ित, पिछड़े लोगों का जबरन मताधिकार छीनना ही BJP-RSS का षड्यंत्र है."

उन्होंने आगे लिखा,

"करीब 8 करोड़ लोग इसको भुगतेंगे. वोटर लिस्ट दुरुस्त करने की जिम्मेदारी ECI की है, जनता की नहीं है. जब विपक्ष, जनता और Civil Society का दबाव बढ़ा, तब आनन-फानन में चुनाव आयोग ने ये विज्ञापन आज प्रकाशित किये हैं, जो ये कहते हैं कि अब केवल फॉर्म भरना है, कागज दिखाने जरूरी नहीं है. ये जनता को बरगलाने और भ्रमित करने की भाजपाई चाल का ही हिस्सा है. सच तो ये है कि भाजपा ने ये तय किया है कि वो लोकतंत्र को कुचल कर ही दम लेगी. पर जब जनता का विरोध से सामना होता है, तो बड़ी चालाकी से एक कदम पीछे खींच लेती है."

इसके कुछ ही देर बाद बिहार CEO की तरफ से एक पोस्ट में साफ किया गया कि वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण में दस्तावेज जमा करना जरूरी है. बिहार CEO के मुताबिक, बिना दस्तावेज के गणना फॉर्म तो बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के पास जमा किए जा सकते हैं, लेकिन 25 जुलाई 2025 से पहले दस्तावेज भी जमा कराने होंगे. पोस्ट में लिखा है,

“SIR केवल 24 जून 2025 को जारी निर्देशों के अनुसार ही संचालित किया जा रहा है और इन निर्देशों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 24 जून 2025 को जारी SIR आदेशों के अनुसार, 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाले प्रारूप निर्वाचक नामावली में उन्हीं व्यक्तियों के नाम शामिल किए जाएंगे जिनके गणना प्रपत्र 25 जुलाई 2025 से पहले प्राप्त हो जाएंगे. मतदाता अपने दस्तावेज 25 जुलाई 2025 से पहले कभी भी जमा कर सकते हैं. दस्तावेज दावे और आपत्तियों की अवधि के दौरान भी जमा किए जा सकते हैं.”

चुनाव आयोग ने अपने बयान में आगे कहा,

"आमजनों को कुछ व्यक्तियों द्वारा किए जा रहे बयानों से सतर्क रहना चाहिए, जो 24 जून 2025 के SIR आदेश को पढ़े बिना, एक योजनाबद्ध तरीके से भ्रामक और गलत बातें फैलाकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं."

चुनाव आयोग ने साफ किया कि बिना दस्तावेज दिए वोटर लिस्ट में नाम शामिल नहीं होगा. बिहार में वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के लिए गणना फॉर्म भरना और दस्तावेज देना दोनों जरूरी हैं. हालांकि, गणना फॉर्म बिना दस्तावेज के जमा किया जा सकता है. लेकिन 25 जुलाई से पहले दस्तावेज भी जमा करने हैं. चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट आने के बाद दावे और आपत्तियों के दौरान भी दस्तावेज जमा किए जा सकते हैं.

चुनाव आयोग के मुताबिक, 1 जनवरी 2003 तक वोटर लिस्ट में शामिल मतदाताओं को गणना फॉर्म के साथ दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है. विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया के तहत 25 जून से 26 जुलाई 2025 तक गणना फॉर्म भरे जाएंगे. इसके बाद चुनाव आयोग 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी करेगा. इस लिस्ट में केवल उन्हीं लोगों के नाम होंगे, जिन्होंने गणना फॉर्म जमा किया है. 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच तक लोग ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर आपत्ति दर्ज करा सकेंगे. इसके बाद 30 सितंबर को चुनाव आयोग फाइनल वोटर लिस्ट जारी करेगा.

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