'अब और बर्दाश्त नहीं!' ट्रंप–पुतिन मुलाकात से पहले अमेरिका की आखिरी चेतावनी
Trump Putin Meeting: ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन और ट्रंप के बीच यह पहली मुलाकात होगी. ट्रंप के सहयोगियों इस बैठक की प्लानिंग शुरू कर दी थी. फिलहाल बैठक कहां होगी यह तय नहीं है. माना जा रहा है कि बैठक अगले दो हफ्तों में हो सकती है.

जियोपॉलिटिक्स एक बार फिर गर्म है. अमेरिका के पूर्व और फिर से राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की हामी भर दी है. बताया जा रहा है कि दोनों नेता रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर बात करेंगे. हालांकि ये बैठक कब और कहां होगी, इसका अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन इतना तय है कि यह मुलाकात आने वाले हफ्तों में कभी भी हो सकती है - और इसके दुनियाभर की राजनीति पर बड़े असर पड़ सकते हैं.
ट्रंप-पुतिन की ये पहली मुलाकात होगी, दूसरी पारी मेंयह ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन से उनकी पहली सीधी बातचीत होगी. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कहा है कि
पुतिन से जल्द ही मुलाकात होने की अच्छी संभावना है.
ट्रंप की ये टिप्पणी उस समय सामने आई जब 6 अगस्त को मॉस्को में पुतिन और अमेरिका के दूत स्टीव विटकॉफ के बीच एक अहम बैठक हुई. इस बातचीत को "उपयोगी और रचनात्मक" बताया गया.
दिलचस्प बात यह है कि खुद ट्रंप ने इस बैठक की जानकारी फोन पर यूरोपीय यूनियन के नेताओं को दी. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे अगले हफ्ते की शुरुआत में पुतिन से मिल सकते हैं.
पुतिन ने खुद दिया था बैठक का प्रस्तावCNN को वॉइट हाउस के दो अधिकारियों ने बताया कि विटकॉफ से मुलाकात के दौरान पुतिन ने ही ट्रंप से बैठक का सुझाव दिया था. इसके बाद ट्रंप की टीम ने बैठक की तैयारियां शुरू कर दीं. संभावना जताई जा रही है कि यह मुलाकात अगले दो हफ्तों के भीतर किसी न्यूट्रल देश में हो सकती है.
हालात इतने सरल नहीं: नाराज भी हैं ट्रंपट्रंप और पुतिन की मुलाकात को लेकर आशा जताई जा रही है, लेकिन दोनों नेताओं के बीच रिश्ते अब भी तनावपूर्ण हैं. 3 जुलाई को दोनों के बीच फोन कॉल हुई थी, जिसके बाद ट्रंप ने पुतिन पर नाराज़गी जाहिर की थी.
ट्रंप ने कहा था,
अमेरिका की चेतावनी: 8 अगस्त है आखिरी मौका!मैं पुतिन से बहुत निराश हूं. मुझे लगा था वो जो कहते हैं, वही करते हैं. लेकिन दिन में मीठी बातें करके, रात में यूक्रेन पर बम गिराते हैं.
अमेरिका ने रूस को साफ शब्दों में कहा है कि अगर वह 8 अगस्त तक यूक्रेन के साथ सीजफायर पर सहमति नहीं देता, तो उस पर और भी कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे. यह डेडलाइन करीब है, और यही वजह है कि ट्रंप-पुतिन की संभावित मुलाकात पर सबकी नजरें टिकी हैं.
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क्या बातचीत से बंधेगी शांति की डोर?अब बड़ा सवाल ये है - क्या ट्रंप और पुतिन की ये मुलाकात वाकई युद्ध को रोक सकेगी, या फिर ये सिर्फ एक और राजनैतिक ड्रामा होगा? जो भी हो, लेकिन इतना तय है कि इस बैठक का असर सिर्फ अमेरिका और रूस तक सीमित नहीं रहेगा - पूरी दुनिया इसकी गूंज महसूस करेगी.
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