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पुणे पोर्शे कांड वाले डॉ तावरे अब किडनी रैकेट में फंस गए हैं, पूरा मामला सुन चौंक जाएंगे

Dr. Ajay Taware का नाम Pune के मशहूर Porsche कांड में आया था. उस केस में आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में डॉ तावरे फिलहाल जेल में हैं. अब ताजा मामले में उन पर रूबी हॉल क्लिनिक में चलने वाले किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट में शामिल होने का आरोप लगा है. मामला 2022 का है.

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Doctor Who Exchanged Sample In Pune Porsche case Arrested In Kidney Transplant Racket
आरोपी डॉ. टावरे का कई मामलों में जुड़ चुका है नाम. (फोटो- इंडिया टुडे)
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ओंकार वाबळे
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29 मई 2025 (Updated: 29 मई 2025, 07:23 PM IST) कॉमेंट्स
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पुणे के चर्चित पोर्शे कांड में ‘ब्लड सैंपल’ बदलने के आरोपी डॉक्टर अजय तावरे अब एक नए संगीन मामले में फंस गए हैं. इस हाई-प्रोफाइल केस में सज़ा काट रहे तावरे का नाम अब किडनी रैकेट से जुड़ गया है. पुलिस का दावा है कि 2022 में सामने आए एक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट नेटवर्क में भी तावरे की अहम भूमिका थी. आरोप है कि उस वक्त वह आठ सदस्यीय ट्रांसप्लांट कमिटी के मुखिया थे और इसी कुर्सी से अंगों की दलाली का खेल चलता रहा.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का कहना है कि शहर की क्राइम ब्रांच ने आरोपी डॉक्टर अजय तावरे को हिरासत में ले लिया है. उनका नाम 2022 में रूबी हॉल क्लिनिक में हुए किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट के खुलासे के दौरान सामने आया था. DCP (क्राइम) निखिल पिंगले ने इसकी पुष्टि की. पुलिस का कहना है कि

हमने किडनी रैकेट मामले में डॉ. अजय तावरे को हिरासत में लिया है. उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा.

पुलिस का कहना है कि उन्हें इस मामले में जल्द ही सह-आरोपी बनाया जा सकता है. 2022 के इस रैकेट की जांच रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में बनी एक विशेष समिति ने की थी, जिसने राज्य सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में अंग तस्करी में तावरे की भूमिका का खुलासा किया.

सूत्रों के मुताबिक, अवैध ट्रांसप्लांट के वक्त तावरे आठ सदस्यीय रीजनल अप्रूवल कमेटी के प्रमुख थे, जो ऑर्गन ट्रांसप्लांट को मंजूरी देती थी. मामला तब सामने आया जब मई 2022 में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे किडनी देने के बदले 15 लाख रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में पैसे नहीं मिले. जांच में सामने आया कि यह एक संगठित रैकेट था, जिसमें अस्पताल के स्टाफ से लेकर दलाल, डोनर और रिसीवर तक शामिल थे.

इस घोटाले को सबसे पहले हेल्थ सर्विस बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. संजोग कदम ने उजागर किया था. उन्होंने ट्रांसप्लांट प्रक्रिया में गड़बड़ी और अवैध पैसों के लेनदेन की शिकायत की थी. इसके बाद महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने डॉ. तावरे और डॉ. श्रीहरि हल्नोर के मेडिकल लाइसेंस सस्पेंड कर दिए.

हालांकि दिसंबर 2023 में तावरे को फिर से अस्पताल का मेडिकल सुपरिटेंडेंट बना दिया गया. सूत्रों का दावा है कि यह बहाली NCP (AP) विधायक सुनील टिंगरे की सिफारिश पर हुई, जिन्होंने मेडिकल एजुकेशन मंत्री हसन मुश्रीफ को पत्र लिखा था.

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डॉ. तावरे पहले से ही पुणे के हाई-प्रोफाइल पोर्शे हिट-एंड-रन केस में विवादों में घिरे हुए हैं. 19 मई 2024 को हुए इस हादसे में बिल्डर विशाल अग्रवाल के नाबालिग बेटे ने नशे की हालत में दो IT प्रोफेशनल्स को कुचल दिया था. आरोप है कि मेडिकल जांच के दौरान तावरे के निर्देश पर आरोपी का ब्लड सैंपल बदल दिया गया था, ताकि मामला रफा-दफा किया जा सके.

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