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धर्मस्थला में सैकड़ों शव दफ्नाने का दावा करने वाला कैमरे पर आया, बोला- 'मंदिर के आदेश पर...'

कर्नाटक के धर्मस्थल मंदिर परिसर के पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया है कि उसने 100 से ज्यादा अज्ञात लोगों के शव जंगल और नदी के किनारे गाड़े हैं. मंदिर प्रशासन के आदेश पर उन्होंने ये काम किया था.

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Dharmasthala case
व्हिसलब्लोअर ने बताई धर्मस्थल केस की पूरी कहानी (India Today)
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राघवेंद्र शुक्ला
14 अगस्त 2025 (Updated: 14 अगस्त 2025, 10:04 PM IST)
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कर्नाटक के धर्मस्थला मंदिर क्षेत्र में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करने वाले एक शख्स के खुलासे ने हड़कंप मचाया हुआ है. सफाईकर्मी का दावा है कि 1995 से 2014 के बीच उसने मंदिर प्रशासन के आदेश पर कई शवों को नदी के किनारे और जंगल में गाड़ा है. उसका दावा है कि कई शवों पर यौन शोषण के भी निशान थे. कर्मचारी ने कहा कि इन शवों को दफनाने की जानकारी न तो पुलिस को दी जाती थी और न ही स्थानीय प्रशासन से इसके लिए कोई आदेश आता था. मंदिर के सूचना केंद्र से ही शवों को दफनाने के आदेश दिए जाते थे. 

कर्मचारी के खुलासे के बाद मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन की टीम कर रही है. उसकी निशानदेही पर कुल 15 जगहों को चिह्नित किया गया है, जहां खुदाई कर शवों के अवशेष की तलाश की जा रही है. इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज से बात करते हुए सफाई कर्मचारी ने घटना के बारे में कई जानकारियां दीं. 

मंदिर से आते थे निर्देश

कर्मचारी ने बताया कि वह धर्मस्थला मंदिर प्रशासन के लिए काम करता था. चार लोगों की टीम थी, जो उनके साथ शवों को दफनाने का काम करती थी. 

उसने आगे बताया, 

शवों को दफनाने के सारे निर्देश सीधे मंदिर के सूचना केंद्र से आते थे. इसमें न तो स्थानीय निकाय और न ही ग्राम पंचायत के अधिकारी ही शामिल होते थे. सूचना केंद्र से ही आदेश मिलते थे कि हमें क्या करना है?

कहां दफनाते थे शव?

सफाई कर्मचारी ने बताया,

लाशें दफनाने के लिए कोई कब्रिस्तान नहीं था. हमने जंगल में, सड़कों पर और नदियों के किनारे शवों को ठिकाने लगाया. बाहुबली हिल्स पर हमने एक महिला को दफनाया था. तकरीबन 70 शव नेत्रावती स्नान घाट पर गाड़े थे.

सफाई कर्मचारी के मुताबिक, कई बार स्थानीय लोगों ने शवों को दफनाते देखा लेकिन वे कुछ बोले नहीं. न तो उन्होंने काम में दखल दिया. उन्हें इस चीज से कोई परेशानी हुई हो, ऐसा भी नहीं लगा. 

शवों के बारे में बताते हुए सफाई कर्मचारी ने कहा कि कई शव ऐसे थे, जिस पर यौन शोषण और हिंसा के स्पष्ट निशान थे. उन्हें देखकर लगता था कि यौन शोषण किया गया है. लेकिन ऐसा हुआ था या नहीं, इस बारे में साफ-साफ कोई मेडिकल एक्सपर्ट ही बता सकता था. दफनाए गए शवों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों आयु वर्ग तक के लोग शामिल थे. इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा थी. विसलब्लोअर ने उदाहरण दिया, “अगर 100 शव दफनाए गए थे तो उनमें लगभग 90 महिलाएं थीं.”

दफनाने की जगहें 'गायब'

कर्मचारी ने बताया कि दफनाने की कई जगहें तो अब गायब हो गई हैं. जंगल बढ़ गए हैं और कंस्ट्रक्शन कामों की वजह से कई जगहों की पहचान अब मुश्किल है. खुदाई के बाद अभी तक सिर्फ एक व्यक्ति के कंकाल पुलिस को मिले हैं.  

दावा ये है कि सैकड़ों लाशें दफनाई गईं. लेकिन उसके हिसाब से कंकाल कम मिले हैं. इसके पीछे क्या वजह है? क्या सफाई कर्मचारी का दावा सच्चा है? 

ऐसे सवालों पर सफाई कर्मचारी ने कहा,

लोग जो कहते हैं, उन्हें कहने दीजिए. लाशें हमने दफनाई हैं और हम सच बोल रहे हैं.

सफाईकर्मी ने अपना दुख भी जाहिर किया कि उन्हें SIT पर पूरा भरोसा है, लेकिन लगता है कि जांच टीम उन पर भरोसा नहीं कर रही है. उन्होंने कहा,

मैं उन जगहों को दिखाने आया हूं, जहां लाशें दफनाई गई हैं. मेरी याद्दाश्त के हिसाब से मैं ऐसा कर भी रहा हूं. लेकिन जगहें काफी बदल गई हैं. उन्हें पहचानने के लिए मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं. शवों के अवशेष खोजने के लिए जेसीबी से और ज्यादा खुदाई करने की जरूरत है.

2012 का सौजन्या हत्याकांड 

साल 2012 की बात है. 17 साल की लड़की सौजन्या का शव धर्मस्थला के पास एक सुनसान इलाके में बरामद मिला था. सफाई कर्मचारी ने इसके बारे में बताया कि उस रात उन्हें मंदिर से एक फोन आया. पूछा गया कि वह अभी कहां है? उस समय वह छुट्टी पर अपने घर गया था. कॉल करने वाले को ये पता चला तो वह बहुत नाराज हुआ. इसके अगले ही दिन उन्होंने उस लड़की का शव देखा.

इतने सालों बाद ये सब क्यों बताया?

सफाई कर्मचारी ने बताया कि इतने सालों बाद वह धर्मस्थला इसलिए वापस आए क्योंकि उन्हें कंकालों के सपने आने लगे थे. उन्होंने कहा,

मुझे अपराधबोध हो रहा था इसलिए मैं वापस आया. अनगिनत अज्ञात लोगों की लाशें दफनाने का बोझ मुझे सता रहा था. मेरा केवल एक मकसद था. शवों को ढूंढना और उनका अंतिम संस्कार करना. मंदिर को बदनाम करने का उनका कोई इरादा नहीं था.

सफाई कर्मचारी ने आगे बताया कि उनके पास भागने की कोई वजह नहीं है. ये काम पूरा करके वह अपने परिवार के पास वापस लौटना चाहते हैं.

ये पूरा मामला पिछले महीने तब सामने आया जब धर्मस्थला मंदिर क्षेत्र में काम करने वाले एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया था कि उसने और उसके साथियों ने 1995 से 2014 के बीच 100 से ज्यादा अज्ञात शवों को दफनाया था. इनमें ज्यादातर महिलाएं और नाबालिग लड़कियां थीं. इस दावे के बाद एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है. 13 से 15 संदिग्ध जगहों की खुदाई की गई है ताकि उन शवों के अवशेष खोजे जा सकें. 

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