CBI ‘अधिकारी’ मास्क पहने आए, कैश-जूलरी साथ ले गए, बाद में पता चला...
मामला दिल्ली के वजीराबाद इलाके का है. पीड़ित ने फर्जी CBI अधिकारियों से उनकी ID मांगी. लेकिन वे बिगड़ गए और गाली-गलौज करने लगे. बाद में एक शख्स ने अपना नाम बताया और पीड़ित, उनकी पत्नी और तीन बच्चों को एक कोने में बैठा दिया और घर की तलाशी शुरू की.

रिश्तेदार को अपने घर की कितनी बात बतानी चाहिए और कितनी नहीं, यह दिल्ली के जमील को अच्छी तरह समझ गए होंगे. उन्हें इसका अंदेशा भी नहीं रहा होगा कि जिस वक्त वह अपने घर में रखे कैश और जूलरी का जिक्र किसी रिश्तेदार के सामने कर रहे थे, उसी दौरान उन्हें लूटने की प्लानिंग रची जा रही थी. प्लानिंग भी ऐसी वैसी नहीं. पूरी तरह से फिल्मी. ‘रेड’ और ‘स्पेशल छब्बीस’ जैसी फिल्मों से इंस्पायर्ड.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला दिल्ली के वजीराबाद इलाके का है. पेशे से कैटरर और दिल्ली यूनिवर्सिटी से M. Phill कर चुके इसरात जमील घर पर अपने परिवार के साथ मौजूद थे. शाम करीब 7:30 बजे उनके घर पर सफेद शर्ट और काली पैंट में एक महिला समेत कुल तीन लोग पहुंचे. उन्होंने खुद को CBI की ओखला डिवीजन का अधिकारी बताया. दावा किया कि जमील पर FIR दर्ज है और उसके खिलाफ सर्च वॉरंट भी है. और सबसे अहम बात कि इन अधिकारियों ने मास्क पहना हुआ था.
जमील समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर CBI के अधिकारियों का उनके घर पर क्या काम? मन में डाउट हुआ तो उन्होंने ‘फर्जी’ CBI अधिकारियों से उनकी ID मांगी. लेकिन कथित अधिकारी बिगड़ गए और गाली-गलौज करने लगे. बाद में एक शख्स ने अपना नाम सुनी दुबे बताया. फिर उन्होंने जमील, उनकी पत्नी और तीन बच्चों को एक कोने में बैठा दिया और घर की तलाशी शुरू की.
रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया कि इसके बाद आरोपियों ने कथित ‘सबूत’ तलाशने शुरू किए. इसी कड़ी में वे स्टील की एक पुरानी अलमारी के पास पहुंचे. इसका ताला तोड़ा और उसमें रखी सोने-चांदी की जूलरी और 3 लाख रुपये कैश अपने कब्जे में ले लिए. इस दौरान जमील ने गहनों की रसीद और उन्हें वापस लेने की प्रक्रिया के बारे में पूछा. तो जवाब में उसे एक कागज दिया गया फर्जी साइन के साथ जिसमें जब्त किए गए सामान और कैश को सबूत के तौर पर ले जाने ज़िक्र था. मज़ेदार बात ये थी कि ये कागज जमील की बेटी के नोटबुक से लिया गया. इसके बाद सभी नौ दो ग्यारह हो गए.
जमील को अब भी यह सब अजीब लग रहा था कि उसके यहां नकाब पहने अधिकारियों ने छापा मारा था. उनके पास न तो कोई ID थी और न ही FIR. इसके बाद जमील ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने सूचना के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. पुलिस ने आसपास के 200 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली. फुटेज की जांच के दौरान एक बाइक सवार संदिग्ध नजर आया.
पुलिस के मुताबिक, जानकारी जुटाई तो पता चला बाइक करावल नगर की रहने वाली 22 वर्षीय शायना के नाम पर थी. बाइक चला रहे युवक का नाम केशव प्रसाद (28) था. पुलिस ने दोनों के घरों पर छापेमारी की. लेकिन वे नहीं मिले. इसके बाद पुलिस को दोनों की मोबाइल लोकेशन से पता चला कि दोनों उत्तराखंड में लगातार जगह बदल रहे थे.
आखिरकार शुक्रवार 18 जुलाई को पुलिस ने मसूरी से शायना और केशव को गिरफ्तार कर लिया. वहीं उनके तीसरे साथी विवेक सिंह (20) हरिद्वार से पकड़ा. विवेक दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SoL) का छात्र है.
बकौल पुलिस पूछताछ में शायना ने जुर्म कबूल किया. उसने बताया कि इसरात जमील उसका दूर का रिश्तेदार है. उसे परिवार से पता चला था कि उसके घर में काफी कैश रखा है. उसी के आधार पर उसने पूरी साजिश रची और अपने दोस्तों को इसमें शामिल किया.
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