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'कुर्सी जनता की सेवा के लिए है, न कि घमंड के लिए... ', CJI गवई ने नाम लिए बिना मैसेज दे दिया

CJI BR Gavai ने इस बात पर जोर दिया कि जब व्यक्ति को पद मिले तो उसे झुकना सीखना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुर्सी चाहे कोई भी हो, वह सिर्फ और सिर्फ जनसेवा का माध्यम है. खूब बोले चीफ जस्टिस.

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CJI BR Gavai says on judiciary, administration and advocate community in Amravati
CJI बीआर गवई ने महाराष्ट्र के एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही (फोटो: आजतक)
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धनंजय साबले
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26 जुलाई 2025 (Updated: 26 जुलाई 2025, 04:36 PM IST) कॉमेंट्स
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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवई ने कहा कि कुर्सी जनता की सेवा के लिए होती है, न कि घमंड करने के लिए. महाराष्ट्र के अमरावती में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही. उनका इशारा न्यायाधीशों, प्रशासनिक अधिकारियों और वकीलों की तरफ था. 

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, CJI गवई अमरावती के दर्यापुर में कोर्ट की नव-निर्मित इमारत के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने पद और प्रतिष्ठा से उपजे अहंकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा,

यह कुर्सी जनता की सेवा के लिए है, न कि घमंड के लिए. कुर्सी अगर सिर पर चढ़ जाए, तो यह सेवा नहीं, बल्कि पाप बन जाती है.

CJI गवई ने कहा कि सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं, बल्कि न्यायाधीशों को भी यह बात समझने की जरूरत है कि उनका व्यवहार कैसा है. उन्होंने कहा,

न्यायाधीशों को वकीलों को सम्मान देना चाहिए. यह अदालत वकील और न्यायाधीश दोनों की है.

वहीं, जूनियर वकीलों को चेतावनी भरे अंदाज में उन्होंने कहा,

25 साल का वकील कुर्सी पर बैठा होता है और जब 70 साल का सीनियर आता है, तो उठता भी नहीं. थोड़ी तो शर्म करो! सीनियरों का सम्मान करना सीखना चाहिए.

'पद मिले तो झुकना सीखो'

अपने पूरे भाषण के दौरान बीआर गवई ने इस बात पर जोर दिया कि जब व्यक्ति को पद मिले तो उसे झुकना सीखना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुर्सी चाहे कोई भी हो, वह जिलाधिकारी की हो, पुलिस अधीक्षक की या जज की, वह सिर्फ और सिर्फ जनसेवा का माध्यम है. उन्होंने कहा,

कुर्सी सिर में घुस गई, तो न्याय का मोल खत्म हो जाएगा. ये कुर्सी सम्मान की है, इसे घमंड से अपमानित न करें. यह देश के नागरिकों की सेवा के लिए दी गई है, इसका सही उपयोग करें.

ये भी पढ़ें: संविधान बड़ा या संसद? जवाब देकर CJI बीआर गवई ने बड़ी बहस छेड़ दी है

दर्यापुर और अंजनगांव क्षेत्र में बनी यह नव-निर्मित न्यायिक इमारत इलाके के लोगों के लिए बड़ी सौगात है. इस अदालत में अब सिविल और फौजदारी (क्रिमिनल) मामलों की सुनवाई की जाएगी. इस कोर्ट को बनाने के लिए कुल 28.54 करोड़ रुपये खर्च किए गए. उद्घाटन कार्यक्रम में CJI गवई के साथ-साथ अन्य जज, जिले के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी और अधिवक्ता संघ के सदस्य उपस्थित रहे.

वीडियो: जम्मू-कश्मीर पर CJI गवई का बड़ा बयान, आंबेडकर का जिक्र कर धारा-370 पर क्या बोल गए?

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