CJI बीआर गवई अस्पताल में भर्ती, इलाज जारी
एक कार्यक्रम से दिल्ली लौटने के बाद मुख्य न्यायाधीश को संक्रमण के लक्षण दिखने लगे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. 14 जुलाई को उन्होंने अदालत की कार्यवाही नहीं की, जिससे सुप्रीम कोर्ट में उनका यह कार्यकाल फिलहाल थोड़े समय के लिए रुका रहा.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई की तबीयत खराब है. हाल ही में वह तेलंगाना यात्रा पर गए थे. इसी दौरान उन्हें गंभीर संक्रमण हो गया. तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें दिल्ली में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. कानूनी खबरों पर नजर ऱखने वाली वेबसाइट LiveLaw की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल उनकी तबीयत में सुधार है.
LiveLaw ने आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस गवई का इलाज चल रहा है और वह अच्छा रिस्पॉन्ड कर रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि वे एक-दो दिन में फिर से अपना आधिकारिक कार्यभार संभाल लेंगे.
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई 12 जुलाई को हैदराबाद गए थे. वहां उन्होंने नालसार लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भाषण दिया. उसी यात्रा के दौरान उन्होंने एक विशेष डाक कवर भी जारी किया जिसका शीर्षक था: ‘बाबासाहेब डॉ. बीआर आंबेडकर – संविधान सभा – भारत का संविधान’. इसके साथ ही उन्होंने ‘आर्ट एंड कैलिग्राफी इन कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया’ पर आधारित पिक्चर पोस्टकार्ड का एक सेट भी जारी किया.
इसी कार्यक्रम में CJI गवई ने कहा कि न्याय प्रणाली में सुधार की जरूरत है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा,
"मैं मानता हूं कि हमारी न्यायिक प्रणाली को सुधार की सख्त ज़रूरत है. फिर भी मुझे उम्मीद है कि मेरे साथी नागरिक इन चुनौतियों का सामना करने के लिए आगे आएंगे."
CJI बीआर गवई ने भारतीय न्याय व्यवस्था की एक सबसे गंभीर समस्या की ओर इशारा करते हुए कहा, "कभी-कभी मुकदमे दशकों तक चलते रहते हैं. यह सिस्टम की कार्यक्षमता में भारी कमी को दर्शाता है."
उन्होंने इस देरी के दुष्परिणाम पर भी ध्यान दिलाया. CJI ने कहा,
"हमने ऐसे मामले देखे हैं जहां कोई व्यक्ति वर्षों जेल में बिताने के बाद निर्दोष साबित होता है, जबकि वह केवल विचाराधीन कैदी होता है."
इसी कार्यक्रम से दिल्ली लौटने के बाद मुख्य न्यायाधीश को संक्रमण के लक्षण दिखने लगे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. 14 जुलाई को उन्होंने अदालत की कार्यवाही नहीं की.
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