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'जस्टिस वर्मा अब भी हाईकोर्ट के जज हैं, मर्यादा रखिए', वकील पर भड़के CJI गवई

Supreme Court के चीफ जस्टिस B R Gavai ने जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड की सुनवाई करते हुए वकील की भाषा को लेकर आपत्ति जताई. वकील जस्टिस वर्मा को केवल 'वर्मा' कह कर संबोधित कर रहे थे. इस पर CJI ने नाराजगी जाहिर की.

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 CJI  B R Gavai objects addressing justice yashwant varma
CJI गवई जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़ी रिट याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. (इंडिया टुडे, फाइल फोटो)
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आनंद कुमार
21 जुलाई 2025 (Published: 02:59 PM IST) कॉमेंट्स
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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई (B R Gavai) 21 जुलाई को जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Varma) से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थे. इस दौरान एडवोकेट मैथ्यूज जे नेदुम्परा (Mathews J Nedumpara) ने जस्टिस यशवंत वर्मा को केवल 'वर्मा' कह कर संबोधित किया. सीजेआई गवई ने इस पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जस्टिस वर्मा अभी भी हाईकोर्ट के जज हैं, इसलिए उन्हें 'जस्टिस' कह कर संबोधित किया जाना चाहिए. 

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस वर्मा अपने सरकारी आवास पर नकदी मिलने के मामले में आरोपी हैं. मैथ्यूज जे नेदुम्परा जस्टिस वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने वाली अपनी रिट याचिका को तत्काल सूचीबद्ध (लिस्ट) करने का अनुरोध कर रहे थे. नेदुम्परा ने कोर्ट में कहा, यह तीसरी रिट याचिका है. इस पर चीफ जस्टिस गवई ने उनसे पूछा, आप चाहते हैं कि इसे अभी खारिज कर दिया जाए? 

इस पर नेदुम्परा ने जस्टिस वर्मा द्वारा आंतरिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली रिट याचिका का हवाला देते हुए जवाब दिया, इसे खारिज करना असंभव है. वर्मा के खिलाफ अब FIR होनी चाहिए, जांच होनी चाहिए. CJI गवई ने नेदुम्परा द्वारा जस्टिस वर्मा को केवल वर्मा कहने पर आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा, 

क्या वह आपके मित्र हैं? आप उन्हें कैसे संबोधित कर रहे हैं? थोड़ी शालीनता रखिए. वो अभी भी जस्टिस वर्मा ही हैं. वह अभी भी हाईकोर्ट जज हैं.

इसके जवाब में नेदुम्परा ने जवाब दिया, मुझे नहीं लगता है कि यह महानता उन पर लागू हो सकती है. इस मामले को लिस्ट किया जाना चाहिए. इस पर  पलटवार करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा,

 आप कोर्ट को निर्देश मत दीजिए.

एडवोकेट मैथ्यूज जे नेदुम्परा ने इस साल मार्च में जस्टिस वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए पहली रिट याचिका दायर की थी. इस याचिका को ये कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि आंतरिक जांच की कार्यवाही चल रही है.

ये भी पढ़ें - जस्टिस यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में उसकी ही जांच को दी चुनौती, पता है क्या कहा?

तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना द्वारा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को आंतरिक जांच रिपोर्ट भेजे जाने के बाद उन्होंने एक और रिट याचिका दायर की. मई में सुप्रीम कोर्ट ने इस रिट याचिका का निपटारा कर दिया. कोर्ट ने नेदुम्परा को FIR दर्ज कराने के लिए पहले केंद्र सरकार के अधिकारियों से संपर्क करने का निर्देश दिया था.

वीडियो: नेतानगरी: जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिले कैश को लेकर उठ रहे गंभीर सवाल, FIR होगी या नहीं?

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