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नक्सलियों के गढ़ में केंद्र सरकार का नया प्लान, गढ़चिरौली में लौह अयस्क खनन होगा डबल

Iron Ore Mining: हाल ही में Lloyds को अयस्क साफ करने का प्लांट लगाने के लिए 900 हेक्टेयर जंगल और 1 लाख से ज्यादा पेड़ काटने की इजाजत मिली थी. इस प्लांट में लौह अयस्क को साफ कर स्टील बनाने के लिए हाई क्वालिटी का माल तैयार किया जाएगा.

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Gadchiroli, Surjagarh Iron Ore Mines, Iron Ore Mines
सूरजगढ़ की लौह अयस्क खदान. (Lloyds)
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मौ. जिशान
8 जून 2025 (Published: 08:33 PM IST) कॉमेंट्स
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माओवाद से लंबे समय से प्रभावित महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में अब खनन गतिविधियां तेज होने जा रही हैं. केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी (EAC) ने लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के लिए सूरजगढ़ खदान में लौह अयस्क का उत्पादन दोगुना से ज्यादा करने की सिफारिश की है. अब लौह अयस्क खनन मौजूदा 10 मिलियन टन सालाना से बढ़कर 26 मिलियन टन सालाना हो जाएगा.

ये खदान महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के भामरागढ़ रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में आती है, जो जंगलों का एक बड़ा इलाका है. यहां जानवर खुले में एक जंगल से दूसरे में बिना किसी रुकावट के घूम सकते हैं, जिससे पूरा पर्यावरण संतुलित रहता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय ने लॉयड्स को अयस्क साफ करने का प्लांट लगाने के लिए 900 हेक्टेयर जंगल और 1 लाख से ज्यादा पेड़ काटने की इजाजत दी थी. इस प्लांट में लौह अयस्क को साफ कर स्टील बनाने के लिए हाई क्वॉलिटी का माल तैयार किया जाएगा.

15 मई की EAC की बैठक के मिनट्स के अनुसार, वन्यजीव प्रबंधन और संरक्षण योजना का पालन समेत स्टैंडर्ड और प्रोजेक्ट संबंधी शर्तों के साथ मंजूरी दी गई थी. हालांकि ये फैसला ऐसे समय आया है जब पहले से ही कंपनी की खदान विस्तार से जुड़ी कई याचिकाएं नागपुर हाईकोर्ट में लंबित हैं. मंत्रालय ने साफ कहा है कि कंपनी को सभी पर्यावरणीय कानूनों का कड़ाई से पालन करना होगा.

खास बात ये है कि 348 हेक्टेयर से ज्यादा में फैला सूरजगढ़ खदान का पट्टा कंपनी को 2007 में मिला था. अब इसे 2057 तक बढ़ा दिया गया है. लेकिन माओवादियों के हमलों और आदिवासी समुदाय के विरोध के चलते खनन 2016 में ही शुरू हो पाया. दिसंबर 2016 में माओवादियों ने यहां 69 ट्रक और 3 अर्थ मूवर्स जला दिए थे. इससे पहले लॉयड्स स्टील के वाइस प्रेसिडेंट जसपाल सिंह ढिल्लन की भी कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी.

2016 के बाद से हालात कुछ सुधरे हैं. गढ़चिरौली में राज्य की C60 कमांडो फोर्स और केंद्रीय सुरक्षा बलों की कार्रवाइयों से माओवादी प्रभाव घटा है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद इस साल का पहला दिन गढ़चिरौली में बिताया था. उस समय 11 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया और एक नई बस सेवा की शुरुआत भी हुई.

महाराष्ट्र और केंद्र सरकार गड़चिरोली में ज्यादा उद्योग लाने की कोशिश कर रही हैं. इसीलिए माओवादी हिंसा से प्रभावित क्षेत्र के लिए मंजूरी दी जा रही है. खदान पट्टा भामरागढ़ रिजर्व फॉरेस्ट में आता है. यह पहाड़ियों और मैदानों का एक क्षेत्र है जो महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ की स्ट्रेच का हिस्सा है.

नक्सलवाद के खिलाफ सरकार का अभियान

केंद्र सरकार का लक्ष्य 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करना है. गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करना है. इसके लिए सरकार बड़ा नक्सल विरोधी अभियान चला रही है.

21 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 27 नक्सलियों को मार दिया. इस मुठभेड़ में माओवादियों का टॉप लीडर नंबाला केशव राव उर्फ बसवराज भी मारा गया. उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम था. गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसकी पुष्टि की है. 25 लाख रुपये के इनामी माओवादी कमांडर यासन्ना को मारा गिराया गया.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार, 6 जून को 12 सीनियर माओवादियों ने गड़चिरोली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. इससे टॉप कैडर्स पर दबाव बढ़ेगा, जो संगठन के लिए एक बड़ा झटका है.

पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के लड़खड़ाते हेडक्वार्टर अबूझमाड़ पर आखिरी हमले के लिए महाराष्ट्र के C-60 कमांडो कमर कस रहे हैं. वहीं, ओडिशा में पुलिस ने पड़ोसी छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के हमलों से खदेड़े गए माओवादियों की आमद की खबरों के बाद संबलपुर के चारमल जंगलों में तलाशी तेज कर दी है.
 

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