The Lallantop
Advertisement

भारत में बैन हुईं ये 35 दवाइयां, बिना परीक्षण के जारी हुए थे लाइसेंस; कहीं आप तो नहीं कर रहे इस्तेमाल?

Drugs Ban in India: सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि इन दवाओं की बिक्री तत्काल प्रभाव से रोक दी जाए. फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) वाली दवाइयों के अप्रूवल प्रोसेस की समीक्षा करने का भी आदेश दिया गया है.

Advertisement
CDSCO directed to stop manufacture, sale and distribution of unapproved 35 fixed dose combination drugs
DGCI भी जता चुका है चिंता. (फाइल फोटो- एजेंसी)
pic
रिदम कुमार
17 अप्रैल 2025 (Published: 08:14 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

मिक्स्ड कॉम्बिनेशन वाली 35 दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और मार्केटिंग पर रोक लगाई गई है. यह आदेश देश की ड्रग रेगुलेटरी बॉडी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किया गया है. इन 35 दवाइयों में पेन किलर, डायबिटीज़ और न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स की दवाइयां भी शामिल हैं. आरोप है कि इन दवाइयों को बिना सुरक्षा और पूर्व मूल्यांकन के लाइसेंस जारी किया गया था.

द हिंदू की रिपोर्ट में एक न्यूज़ एजेंसी की हवाले से यह ख़बर सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) वाली दवाइयों के अप्रूवल प्रोसेस की समीक्षा करने का भी आदेश दिया गया है. ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 और अन्य नियमों का भी सख़्ती से पालन करने को कहा गया है. बता दें कि FDC दवाएं वे हैं जिनमें एक तय रेश्यो में दो या उससे ज़्यादा दवाएं मिक्स होती हैं. 

दरअसल हाल ही में CDSCO ने यह पाया था कि कुछ FDC दवाओं को बिना किसी सुरक्षा और पूर्व मूल्यांकन के दवा बनाने, बेचने और बांटने का लाइसेंस दिया गया. कहा गया है कि बिना अप्रूवल वाले FDC को मंज़ूरी देना पेशेंट की सेफ्टी से समझौता करता है. यह साइंटिफिक वैलिडेशन के अभाव की वजह से गंभीर रिएक्शन जैसी कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा कर सकता है.

इस बाबत संबंधित राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों को कई पत्र जारी किए गए हैं, जिन्होंने बिना अप्रूवल वाले FDC की मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग की इजाज़त दी थी. इससे जुड़ा सबसे हालिया पत्र इस साल फरवरी में जारी किया गया था.

पत्र में कहा गया है,

निदेशालय की जानकारी में आया है कि कुछ FDC दवाओं को ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के तहत NDCT नियम 2019 के प्रावधान के अनुसार बिना सेफ्टी और बिना पूर्व मूल्यांकन के मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और ड्रिस्टिब्यूशन के लिए लाइसेंस दिया गया है. इससे पब्लिक हेल्थ और सेफ्टी को गंभीर खतरा है.

पत्र में 35 बिना CDSCO अप्रूवल वाले FDC को भी लिस्ट किया गया है. इन्हें पहले राज्य/केंद्रीय शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलरों की ओर से लाइसेंस दिया गया था. लेकिन बाद में ड्रग लाइसेंसिंग ऑथोरिटीज (SLAs) द्वारा रद्द कर दिया गया था. कुछ FDC ने कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद अपनी मर्ज़ी से लाइसेंस वापस कर दिया गया था.  

इसे लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) भी चिंता जता चुका है. DCGI डॉ. राजीव रघुवंशी ने 11 अप्रैल एक पत्र भेजकर इस पर चिंता जताई थी. समय-समय पर पहले भी इसी तरह की चिंता जताई जा चुकी है. 

वीडियो: खर्चा पानी: जेनसोल के प्रमोटर SEBI के जांच के दायरे में क्यों हैं?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement