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अक्षय शिंदे एनकाउंटर: मजिस्ट्रेट रिपोर्ट में ये 5 पुलिसकर्मी जिम्मेदार, HC का FIR दर्ज करने का आदेश

Badlapur fake encounter case: मजिस्ट्रेट जांच के मुताबिक जिस बंदूक को अक्षय की बताया गया था, उस पर उसकी उंगलियों के निशान नहीं हैं. वहीं, पुलिस का ये कहना कि उन्होंने ‘निजी बचाव में’ गोली चलाई, अनुचित और संदेह के घेरे में है.

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Bombay High Court
5 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने का आदेश. (फ़ोटो - आजतक)
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हरीश
20 जनवरी 2025 (Updated: 20 जनवरी 2025, 05:41 PM IST)
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बदलापुर रेप केस (Badlapur Rape Case) में आरोपी अक्षय शिंदे के कथित एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट में दाखिल कर दी गई है. इस रिपोर्ट में अक्षय शिंदे की मौत के लिए पांच पुलिसकर्मियों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है. रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने पांचों पुलिसवालों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने और जांच-पड़ताल करने का आदेश दिया है.

कोर्ट का आदेश

जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की दो जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की. पीठ ने कहा कि पुलिसकर्मी ‘स्थिति को आसानी से संभाल सकते थे’ और ‘बल प्रयोग को उचित नहीं ठहराया जा सकता'. कोर्ट ने आगे कहा,

"इकट्ठी की गई सामग्री और FSL की रिपोर्ट के मुताबिक़, अक्षय के माता-पिता की दलील सही है. अक्षय की मौत के लिए ये 5 पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं. आप (सरकार) मजिस्ट्रेट जांच के आधार पर FIR दर्ज करने के लिए बाध्य हैं. हमें ये भी बताएं कि कौनसी एजेंसी मामले की जांच करेगी."

मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक़, मजिस्ट्रेट जांच में कहा गया है कि जिस बंदूक को अक्षय की बताया गया था, उस पर उसकी उंगलियों के निशान नहीं हैं. वहीं, पुलिस का ये कहना कि उन्होंने ‘निजी बचाव में’ गोली चलाई, अनुचित और संदेह के घेरे में है. रिपोर्ट में आगे बताया गया,

"पुलिस ने एनकाउंटर के वक़्त ज़रूरत से ज़्यादा शक्ति का इस्तेमाल किया था. इसलिए पुलिस अक्षय की मौत के लिए जिम्मेदार है."

रिपोर्ट के मुताबिक अक्षय के फेक एनकाउंटर के समय वैन में मौजूद पांच पुलिसकर्मी शामिल थे. इनमें ठाणे क्राइम ब्रांच के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे, असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर निलेश मोर, हेड कॉन्स्टेबल्स अभिजीत मोर और हरीश तावड़े और एक पुलिस ड्राइवर है. 

इस कथित एनकाउंटर के खिलाफ अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें अन्ना ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारियों ने फ़ेक एनकाउंटर में उनके बेटे की ‘हत्या’ की है.

ये भी पढ़ें - बदलापुर एनकाउंटर पर कोर्ट ने पुलिस से पूछे तीखे सवाल

मामला क्या है?

अगस्त 2024 में बदलापुर के एक स्कूल मे 2 नाबालिग बच्चियों के ‘यौन उत्पीड़न’ का मामला सामने आया था. इसके बाद बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. पुलिस ने मामले में अक्षय शिंदे को 17 अगस्त को गिरफ़्तार किया था. इसके बाद उसे 23 सितंबर को जांच के लिए तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था. तभी अक्षय शिंदे ने कथित तौर पर पुलिस की पिस्टल छीनकर पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी.

पुलिस ने ये भी दावा किया था कि आरोपी ने पुलिस टीम पर कई राउंड फायरिंग की, जिसमें एक पुलिस अधिकारी भी घायल हुए थे. जवाबी फायरिंग में अक्षय शिंदे के घायल होने की ख़बर आई. फायरिंग के बाद आरोपी को गंभीर हालत में हॉस्पिटल ले जाया गया था. जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. 

बता दें कि कानूनी तौर पर पुलिस कस्टडी में मौत होने के मामले की जांच मजिस्ट्रेट करते हैं. अक्षय के पिता की याचिका दर्ज होने के बाद मजिस्ट्रेट ने जांच शुरू की थी और आज यानी 20 जनवरी को रिपोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट में जमा की है.

(ये ख़बर हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं मेघा ने लिखी है.)

वीडियो: सैफ मामले में इस एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की चर्चा क्यों? 80 से अधिक एनकाउंटर किए

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