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'को-पायलट के हाथों में था कंट्रोल, मॉनिटरिंग कर रहे थे कैप्टन', एयर इंडिया प्लेन क्रैश पर एक और खुलासा

Air India Plane Crash Report: कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के जरिए पायलटों की जो आखिरी बातचीत सामने आई है. उससे एयर इंडिया प्लेन क्रैश का रहस्य और ज्यादा गहराता जा रहा है. इसके अलावा Fuel Switches इस जांच के केंद्र में क्यों है, वो भी बताते है.

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ahmedabad Plane Crash mystery cockpit voice recorder and Fuel Switches in probe
टेकऑफ के वक्त, को-पॉयलट प्लेन उड़ा रहा था, जबकि कैप्टन निगरानी कर रहे थे (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे)
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अर्पित कटियार
12 जुलाई 2025 (Updated: 12 जुलाई 2025, 01:46 PM IST) कॉमेंट्स
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अहमदाबाद प्लेन क्रैश की शुरुआती जांच रिपोर्ट (Air India Plane crash probe) ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जांच में पता चला है कि यह हादसा प्लेन के दोनों इंजनों के बंद होने की वजह से हुआ था. साथ ही कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के जरिए पायलटों की जो आखिरी बातचीत सामने आई है. उससे एयर इंडिया प्लेन क्रैश का रहस्य और ज्यादा गहराता जा रहा है.

पायलट तब क्या कर रहे थे?

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ के वक्त, को-पायलट प्लेन उड़ा रहे थे, जबकि कैप्टन निगरानी कर रहे थे. प्लेन क्रैश के पहले कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे पायलट से पूछते सुना गया, “तुमने इंजन फ्यूल बंद क्यों किया?”. जवाब में दूसरे पायलट को कहते सुना गया,"मैंने कुछ नहीं किया." हालांकि, इस रिकॉर्डिंग से यह स्पष्ट नहीं है कि किसने क्या कहा? 

फ्यूल स्विच कैसे चालू होते हैं?

ये स्विच स्प्रिंग-लोडेड होते हैं और इन्हें मोड बदलने के लिए ऊपर की तरफ खींचने और शिफ्ट करने की जरूरत होती है. हर एक स्विच में दो सेटिंग्स होती हैं. फ्यूल की सप्लाई के लिए ‘RUN’ और फ्यूल की सप्लाई रोकने के लिए ‘CUTOFF’. उड़ान के वक्त अगर स्विच कटऑफ पर चला जाए तो इंजन को ईंधन मिलना बंद हो जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, जांचकर्ताओं का कहना है कि ये फ्यूल स्विच इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि इन्हें अचानक एक्टिवेट होने से रोका जा सके. इन्हें पलटने से पहले अनलॉक करने के लिए ऊपर खींचना पड़ता है. यह एक सेफ्टी फीचर है, जो 1950 के दशक से चला आ रहा है.

fuel switch plane
फ्यूल स्विच (फोटो: X/@viper202020)

ऐसे में एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि ऐसे स्विच गलती से और आसानी से चालू नहीं हो सकते. यही एविएशन एक्सपर्ट्स का भी मानना है. रॉयटर्स ने अमेरिकी एविएशन एक्सपर्ट जॉन नैंस के हवाले से लिखा,

कोई भी समझदार पायलट उड़ान के दौरान इन स्विच्स को कभी बंद नहीं करेगा. इसका असर तुरंत होगा.

एक दूसरे एक्सपर्ट ने इसी रिपोर्ट में बताया कि ये स्विच स्वतंत्र रूप से तार और बिजली से जुड़े होते हैं. इसलिए बिना किसी मैकेनिकल खराबी के अनजाने में बंद होने की संभावना बेहद कम है. एक हाथ से दोनों स्विच्स को खींचना लगभग नामुमकिन होगा.

स्विच को ऑफ पॉजिशन में आखिर क्यों धकेला गया?

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के पूर्व एयरलाइन एक्सीडेंट इंवेस्टिगेटर और एविएशन एक्सपर्ट शॉन प्रुचनिकी ने कहा कि अगर पायलटों में से कोई एक स्विच को बंद करने के लिए जिम्मेदार था, चाहे जानबूझकर या अनजाने में, तो सवाल उठता है कि स्विच को ऑफ पॉजिशन में आखिर क्यों धकेला गया?

उन्होंने कहा,

क्या यह जानबूझकर किया गया था या किसी गलतफहमी का नतीजा था? यह नामुमकिन लगता है, क्योंकि पायलटों ने कुछ भी असामान्य नहीं बताया. इमरजेंसी सिचुएशन में कई पायलट गलत बटन दबा सकते हैं या गलत चयन कर सकते हैं. लेकिन यहां तो कोई ऐसी किसी स्थिति नहीं थी. न ही ऐसी कोई चर्चा हुई जिससे पता चले कि फ्यूल स्विच गलती से चुन लिए गए थे.

अमेरिका के NTSB के पूर्व मैनेजिक डायरेक्टर पीटर गोएल्ज़ का भी लगभग यही मानना है. उन्होंने कहा कि यह बात हजम नहीं हो रही कि पायलट ने उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड के भीतर फ्यूल स्विच बंद कर दिया. उन्होंने कहा,

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में संभवतः उससे कहीं ज्यादा जानकारी है जो साझा की गई है. “आपने फ्यूल स्विच क्यों बंद कर दिए”, जैसी सिर्फ एक टिप्पणी काफी नहीं है. सवाल यह है कि किसने और क्यों दोनों स्विच बंद कर दिए गए और फिर कुछ ही सेकंड में फिर से चालू हो गए. वॉयस रिकॉर्डर से और भी बहुत कुछ पता चलेगा. क्या उड़ान भरने वाला पायलट या निगरानी करने वाले पायलट इंजन को फिर से चालू करने की कोशिश कर रहा था?

जांचकर्ताओं का मानना है कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर ही इस पहेली को सुलझा सकता है. जिसमें पायलट के माइक, रेडियो कॉल और कॉकपिट की आसपास की आवाजें शामिल हैं. 

ये भी पढ़ें: 'तुमने इंजन फ्यूल बंद क्यों किया?', एयर इंडिया प्लेन क्रैश से पहले कॉकपिट में जो हुआ, सब पता चला

पायलटों ने फिर क्या किया?

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 15 पन्नों की जो रिपोर्ट जारी की है. उसमें बताया गया है कि इंजन बंद होने के बाद पायलटों ने स्थिति को संभालने की कोशिश भी की. उन्होंने दोनों इंजनों को फिर से चालू किया. रिपोर्ट के मुताबिक, इंजन-1 कुछ हद तक चालू हो गया, लेकिन इंजन-2 पूरी तरह से स्पीड रिकवर नहीं कर पाया. क्रैश होने से पहले प्लेन केवल 32 सेकेंड तक हवा में रहा. एविएशन एक्सपर्ट शॉन प्रुचनिकी ने कहा, 

इंजनों को बंद किया गया और फिर चालू किया गया. पायलटों को एहसास हुआ कि इंजन की स्पीड कम हो रही है. संभवतः उन्होंने पहले बाएं इंजन को फिर से चालू किया, उसके बाद दाएं इंजन को. लेकिन दाएं इंजन को वापस चालू होने का पर्याप्त समय नहीं मिला और थ्रस्ट भी अपर्याप्त था.

एयर इंडिया के क्रैश हुए प्लेन का संचालन कैप्टन सुमित सभरवाल कर रहे थे, जो एक लाइन ट्रेनिंग कैप्टन थे और जिनके पास 8,200 घंटे उड़ान का अनुभव है. उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर भी थे, जिन्होंने 1,100 घंटे उड़ान का अनुभव हासिल किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों पायलट मेडिकली फिट थे और उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं थी. इसके अलावा मौसम पूरी तरह साफ था. विजिबिलिटी भी ठीक थी और बर्ड हिटिंग की कोई समस्या नहीं थी. 

वीडियो: क्या बंद हो गया था Fuel Control Switch? कैसे हुआ एयर इंडिया प्लेन क्रैश?

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