दस मिनट चलने में ही सांस फूलने लगती है, पता है ये किस बड़ी बीमारी का संकेत है?
एक मिनट तेज़-तेज़ चलने के बाद ही आपके सीने में हल्का दर्द होने लगा. 10 मिनट होते-होते ये दर्द बढ़ गया. साथ में, चक्कर आने लगे. सांस भी फूलने लगी. अगर ऐसा हो रहा है, तो समझ लीजिए कि आपका शरीर आपकी सेहत की पोल खोल रहा है. इसे हल्के में न लें, क्योंकि ऐसा कई बड़ी लेकिन छुपी हुई दिक्कतों की वजह से हो सकता है.
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दिल को बीमारियों से बचाना है. शुगर कंट्रोल में रखनी है. मोटापा कम करना है. हेल्दी रहना है, तो एक सलाह सभी डॉक्टर ज़रूर देते हैं. रोज़ टहलने जाओ. कम से कम आधा घंटा-45 मिनट ब्रिस्क वॉकिंग करो. यानी तेज़ क़दमों से चलो. ये सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है.
अब ये सलाह सुनकर आप टहलने निकले. लेकिन एक मिनट तेज़-तेज़ चलने के बाद ही आपके सीने में हल्का दर्द होने लगा. 10 मिनट होते-होते ये दर्द बढ़ गया. साथ में, चक्कर आने लगे. सांस भी फूलने लगी.
अगर ऐसा हो रहा है, तो समझ लीजिए कि आपका शरीर आपकी सेहत की पोल खोल रहा है. इसे हल्के में न लें, क्योंकि ऐसा कई बड़ी लेकिन छुपी हुई दिक्कतों की वजह से हो सकता है.
चलिए फिर, डॉक्टर से समझिए कि 1 मिनट, 10 मिनट या 1 घंटा चलने पर होने वाली किन दिक्कतों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. ये दिक्कतें किस ओर इशारा करती हैं. और, इनसे जुड़े कौन-से टेस्ट आपको ज़रूर कराने चाहिए.
1 मिनट चलने पर शरीर में दिक्कत हो तो क्या करें?ये हमें बताया डॉक्टर विजय कोहली ने.

अगर व्यक्ति को एक मिनट चलने पर कोई दर्द महसूस हो. उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगे. अचानक चक्कर आने लगें, तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए. वैसे तो एक मिनट चलने के बाद नॉर्मल व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए. लेकिन अगर किसी भी तरह की दिक्कत होती है, तो उसकी जांच होनी चाहिए. अगर व्यक्ति का ब्लड प्रेशर हाई है, तो उसका इलाज हो. अगर सीने में दर्द हो, तो ECG (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) कराना ज़रूरी है. वहीं अगर सांस लेने में तकलीफ हो, तो उसकी वजह पता करना बहुत ज़रूरी है.
10 मिनट चलने पर शरीर में दिक्कत हो तो क्या करें?अगर किसी व्यक्ति को 10 मिनट टहलने के बाद सीने में दर्द हो. सांस फूलने लगे. थकान या चक्कर जैसे महसूस हों, तब जांच कराना बहुत ज़रूरी है. अगर सीने में दर्द है, तो ECG कराएं. चक्कर आ रहे हैं, तो ब्लड शुगर या ब्लड प्रेशर लेवल जांचना ज़रूरी है. वहीं अगर सांस फूल रही है, तो देखें कि कहीं ऐसा दिल कमज़ोर होने की वजह से तो नहीं हो रहा. इन सब चीज़ों का ध्यान रखते हुए जांच कराना बहुत ज़रूरी है. अगर व्यक्ति को 10 मिनट चलने के बाद कोई दिक्कत नहीं होती, तो उसकी सेहत अच्छी मानी जाएगी.

अगर कोई व्यक्ति रोज़ 1 घंटा टहलता है, तो उसका स्टैमिना अच्छा माना जाता है. उसके टहलने की क्षमता भी ठीक मानी जाती है. ज़्यादातर मामलों में उसे कोई बड़ी बीमारी नहीं होती. लेकिन अगर चलते समय उसे किसी तरह की परेशानी हो. जैसे सीने में दर्द, सांस फूलना या थकान, तो इसकी वजह पता करना बहुत ज़रूरी है. ये दर्द दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है, इसलिए ECG कराना ज़रूरी है.
अगर सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो हो सकता है पहले हार्ट अटैक हुआ हो. इस वजह से दिल कमज़ोर हो गया हो और वॉल्व में कोई लीकेज हो. जिसके चलते सांस लेने में तकलीफ हो रही है, इसलिए जांच कराना बहुत ज़रूरी है.
इसी तरह, चक्कर आने की वजह हाई बीपी या अनकंट्रोल्ड डायबिटीज़ हो सकती है. इसकी जांच करानी भी बहुत ज़रूरी है. वैसे अगर कोई व्यक्ति तेज़ कदमों से रोज़ एक घंटा टहलता है, तो उसे कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. अगर कोई ये रुटीन बना ले कि वो रोज़ एक घंटा टहलेगा, तो उसकी सेहत ठीक रहेगी.
टहलने पर अगर कोई शारीरिक दिक्कत महसूस हो रही है, तो इसका सीधा संबंध बीपी, डायबिटीज़ या दिल की किसी बीमारी से हो सकता है. इसलिए इन लक्षणों को कतई नज़रअंदाज़ न करें. इन्हें हल्के में न लें. तुरंत अपनी जांच कराएं ताकि वजह पता चले और इलाज हो सके.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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