आदमियों को भी होता है ब्रेस्ट कैंसर, छाती में गांठ को इग्नोर न करें
ब्रेस्ट कैंसर के हर 100 मरीज़ों में से एक मरीज़ आदमी होता है. आदमियों में भी थोड़ा ब्रेस्ट टिशू यानी ऊतक होता है, जिसमें कैंसर हो सकता है.
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अक्टूबर का महीना चल रहा है. ये है ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ. इस पूरे महीने हम ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी आप तक लाते रहेंगे. लेकिन आज हम आपको एक चौंकाने वाली बात बताने वाले हैं. ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला एक बहुत ही आम कैंसर है. नहीं, ये चौंकाने वाली बात नहीं है. आगे आएगी.
World Health Organization की एजेंसी है International Agency For Research On Cancer. इसके GLOBOCAN 2022 डेटाबेस के मुताबिक, साल 2022 में हमारे देश में ब्रेस्ट कैंसर के 1,92,020 नए मामले सामने आए थे. वहीं 98,337 महिलाओं की मौत हुई थी.
हमारे देश में कैंसर के जितने भी मामले सामने आते हैं, उनमें सबसे ज़्यादा ब्रेस्ट कैंसर के ही होते हैं. लेकिन ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को ही नहीं, पुरुषों को भी होता है. हां, पुरुषों में इसके मामले महिलाओं के मुकाबले, काफ़ी कम होते हैं. मगर दिक्कत ये है कि ज़्यादातर लोगों को पता ही नहीं कि ब्रेस्ट कैंसर पुरुषों को भी होता है. इसलिए वो इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं देते.
डॉक्टर से जानिए कि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर क्यों होता है. पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या हैं और इसका इलाज क्या है.
क्या पुरुषों को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है? अगर हां, तो क्यों?ये हमें बताया डॉक्टर रोहन खंडेलवाल ने.

हां, आदमियों को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है. ब्रेस्ट कैंसर के हर 100 मरीज़ों में से एक मरीज़ आदमी होता है. आदमियों में भी थोड़ा ब्रेस्ट टिशू यानी ऊतक होता है, जिसमें कैंसर हो सकता है.
सिगरेट, शराब पीने से कैंसर का रिस्क बढ़ता है. शराब पीने से जिन लोगों को लिवर की बीमारी होती है, उनमें भी ये कैंसर देखा जाता है. क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम एक जेनेटिक बीमारी है, इससे भी पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है. BRCA जीन्स महिलाओं में ब्रेस्ट और ओवरी के कैंसर का रिस्क बढ़ाती हैं. इन जीन्स की वजह से पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है.
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण-कुछ पुरुषों में गाइनेकोमेस्टिया होता है, जिसे मेल बूब्स कहते हैं
-ऐसा प्यूबर्टी के दौरान होता है, या उन लोगों में जो स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं
-गाइनेकोमेस्टिया में कोई गांठ नहीं बनती, बस छाती फूल जाती है
-ब्रेस्ट कैंसर में छाती के अंदर एक सख्त गांठ बनती है
-ये गांठ आमतौर पर निप्पल के पीछे होती है
-अगर गांठ महसूस हो रही है, तो डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाएं
-डॉक्टर एक अल्ट्रासाउंड करवाते हैं, जिससे गांठ पकड़ में आ जाती है
-अगर अल्ट्रासाउंड में गांठ आती है तो बायोप्सी (सुई की जांच) की जाती है
-इससे साफ़ तौर पर पता चल जाता है कैंसर है या नहीं

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज हो सकता है. जो इलाज महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर में होता है, वही इलाज पुरुषों में भी किया जाता है. हर स्टेज में सर्वाइवल का चांस उतना ही है, जितना फीमेल ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में होता है. इलाज में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी या हॉर्मोनल थेरेपी की जा सकती है. ये सारे इलाज सभी मरीज़ों में ज़रूरी नहीं होते. डॉक्टर बायोप्सी के बाद ही बता पाएंगे, क्या इलाज किया जाएगा. जागरूकता बढ़ने के साथ, पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के ज़्यादा मामले पकड़ में आ रहे हैं. इसलिए अगर छाती में कोई गांठ महसूस होती है, तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं. चेकअप करवाएं ताकि पता चल सके कि ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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