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गर्मियों में टैन हो जाती है स्किन, इससे निजात कैसे पाएं?

जब स्किन सूरज की UVB रेज़ के संपर्क में आती है. तब स्किन में ज़्यादा मेलानिन बनता है. जितना ज़्यादा मेलानिन बनता है, स्किन उतनी ही डार्क होती है. इसे ही सन टैनिंग या स्किन टैनिंग कहते हैं.

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गर्मियों में स्किन टैनिंग होना एक बड़ी समस्या है
3 जून 2025 (Updated: 3 जून 2025, 03:45 PM IST) कॉमेंट्स
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गर्मी बढ़ती जा रही है. तेज़ धूप पड़ रही है. अब गर्मियों का मौसम घर में बैठे-बैठे तो बिताया नहीं जा सकता. घर से तो निकलना ही पड़ेगा. चाहें धूप कितनी भी तेज़ क्यों न हो. और, इस मौसम में धूप में निकले नहीं कि टैनिंग हो गई. चेहरा, हाथ, पैर सब रूखे हो जाते हैं. स्किन का रंग गहरा हो जाता है. बांह का रंग अलग और हाथ का रंग अलग दिखने लगता है. ये गर्मियों में होने वाली आम समस्या है. हर साल ऐसा होता है. 

ऐसे में डॉक्टर से जानिए कि गर्मियों में टैनिंग क्यों होती है. टैनिंग से स्किन को किस तरह का नुकसान पहुंचता है. इससे बचा कैसे जाए. अगर टैनिंग हो गई है, तो इसे ठीक करने के घरेलू उपाय क्या हैं. 

गर्मियों में टैनिंग क्यों होती है?

ये हमें बताया डॉक्टर शरीफा चौसे ने. 

dr shareefa chause
डॉ. शरीफा चौसे, डर्मेटोलॉजिस्ट, डॉ. शरीफ़ा स्किन केयर क्लीनिक, मुंबई

जब स्किन सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों (UV Rays) के संपर्क में आती है. खासकर जब स्किन पर UVB रेज़ पड़ती हैं. तब स्किन में मौजूद मेलानोसाइट्स सेल्स ज़्यादा से ज़्यादा मेलानिन बनाते हैं. मेलानिन ही हमारी स्किन को उसका रंग देते हैं. जितना ज़्यादा मेलानिन बनता है, स्किन उतनी ही डार्क होती है. मेलानोसाइट्स सेल्स ज़्यादा मेलानिन इसलिए बनाते हैं ताकि स्किन को UV रेज़ से बचाया जा सके. इस प्रक्रिया को ही सन टैनिंग या स्किन टैनिंग (Skin Tanning) कहा जाता है.

टैनिंग से स्किन को किस तरह का नुकसान पहंचता है?

टैनिंग से स्किन का रंग एक जैसा नहीं रहता. स्किन के कुछ हिस्से डार्क तो कुछ लाइट (हल्के) दिखते हैं. ज़्यादा UV रेज़ पड़ने से स्किन पर उम्र से पहले झुर्रियां आ जाती हैं. मेडिकल भाषा में इसे फोटोएजिंग कहा जाता है. इसमें स्किन उम्र से पहले बूढ़ी हो जाती है. युवाओं की स्किन पर भी झुर्रियां दिखने लगती हैं. गालों और माथे पर झाइयां (मेलाज़्मा) हो जाती हैं. इसमें स्किन पर भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं. महिलाओं में ये समस्या ज़्यादा होती है. स्किन कैंसर का ख़तरा भी बढ़ जाता है. साथ ही, स्किन डल और ड्राई हो जाती है.

टैनिंग से बचने के उपाय  

टैनिंग से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाएं. SPF 30 से 50 वाली सनस्क्रीन चुनें. ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएं, जो UVA और UVB दोनों किरणों से बचाए. ये सनस्क्रीन पर लिखा होता है. हर 3 से 4 घंटे में दोबारा सनस्क्रीन लगाएं क्योंकि तब तक सनस्क्रीन का असर 90% तक कम हो जाता है. बाहर जाते समय पूरी बांह वाले कपड़े पहनें. चेहरे को स्कार्फ से ढक लें. चाहें तो टोपी भी लगा सकते हैं. इससे UV रेज़ सीधे स्किन पर नहीं पड़ेंगी. अगर ज़रूरी न हो तो सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में बाहर जाने से बचें. इस समय सबसे ज़्यादा टैनिंग होती है.

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अगर धूप में जाने के बाद स्किन लाल पड़ जाए, उसमें जलन होने लगे तो एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करें
अगर टैनिंग हो गई है तो इसके क्या घरेलू उपाय हैं?

अगर धूप में जाने के बाद स्किन ड्राई हो जाए, लाल पड़ जाए या उसमें जलन होने लगे तो एलोवेरा जेल लगाएं. एलोवेरा जेल स्किन को नमी देता है और आराम पहुंचाता है. ये स्किन की जलन और रेडनेस को भी कम करने में मदद करता है. अगर टैनिंग ज़्यादा हो गई है तो कच्चे दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर रोज़ रात में लगाएं. दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड स्किन को एक्सफोलिएट करता है. यानी इससे डेड स्किन सेल्स हटते हैं और फ्रेश स्किन आती है. हल्दी टैनिंग हटाने का काम करती है. 

आप टमाटर का गूदा भी लगा सकते हैं. इसमें मौजूद लाइकोपीन स्किन टैनिंग को कम करता है. हालांकि कोई भी घरेलू उपाय लगाने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर करें. जो घरेलू नुस्खा अपना रहे हैं, उसे पहले कान के पीछे स्किन पर लगाएं. अगर स्किन लाल पड़ जाए, खुजली या जलन हो तो वो घरेलू नुस्खा न अपनाएं. 

साथ ही, हाइड्रेटेड रहें यानी खूब पानी पिएं. हेल्दी खाना खाएं. विटामिन C और विटामिन E से भरपूर फल ज़्यादा खाएं. ये सन टैनिंग से निपटने में मदद करते है. अगर फिर भी टैनिंग न जाए, तो स्किन के डॉक्टर से मिलें.

डॉक्टर ने स्किन टैनिंग से निपटने के लिए विटामिन C से भरपूर चीज़ें खाने की सलाह दी है. इसके लिए आप आंवला, संतरा, पपीता, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, कीवी और नींबू ले सकते हैं. वहीं, विटामिन E के लिए सूरजमुखी के बीज, बादाम, मूंगफली के दाने, पालक और ब्रॉकली खा सकते हैं. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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