सर्दी में गीले बाल लेकर बाहर निकले तो बीमार होंगे? आज सारे मिथक टूटेंगे
हर साल सर्दियों में हम कई नसीहतें सुनते हैं. जैसे इतनी ठंड में आइसक्रीम मत खाओ वरना जु़काम हो जाएगा. लेकिन, इनमें से कई बातें केवल मिथक हैं. सच नहीं.

'ठंडी हवा चल रही है. गीले बालों के साथ बाहर नहीं जाना. तबियत ख़राब हो जाएगी.'
'इतनी ठंड में आइसक्रीम खाना है? मत खाओ वरना जु़काम हो जाएगा.'
हर साल सर्दियों में हम ऐसी कई नसीहतें सुनते हैं. लेकिन, क्या आप ये जानते हैं, इनमें से कई बातें केवल मिथक हैं. सच नहीं.
सर्दी-जुकाम और फ्लू से जुड़े कुछ आम मिथकों का भंडाफोड़ कर रहे हैं मणिपाल हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद में इंटर्नल मेडिसिन के कंसल्टेंट, डॉक्टर अमन कुमार. एक-एक कर के जानते हैं क्या सच है और क्या झूठ.

डॉक्टर अमन कहते हैं कि ठंड लगने से जुकाम नहीं होता. जुकाम हमेशा वायरस की वजह से होता है. खासकर राइनोवायरस. सर्दियों में लोग ज़्यादातर घर के अंदर रहते हैं. एक सीमित एरिया में ज़्यादा समय बिताते हैं. खिड़की-दरवाज़े बंद होने से हवा का बहाव कम होता है. इससे वायरस एक से दूसरे इंसान में जल्दी ट्रांसफर हो जाता है. इसलिए सर्दियों में जुकाम ज़्यादा होता है. यानी जुकाम वायरस के फैलने की वजह से होता है. ठंड लगने से नहीं.
दूसरा मिथक- गीले बालों में बाहर गए, तो सर्दी-जुकाम हो जाएगाये एक मिथक है. गीले बालों में बाहर जाने से सीधे सर्दी-जुकाम नहीं होता. ये तब होता है, जब आप एक ऐसे वायरस के संपर्क में आते हैं, जिससे इन्फेक्शन हो सकता है और उसका एक लक्षण ज़ुकाम है.
होता क्या है, ठंड की वजह से शरीर का तापमान थोड़ा घट जाता है. इससे शरीर का इम्यून सिस्टम थोड़ी देर के लिए कमज़ोर हो जाता है. अगर उस वक्त वायरस आसपास मौजूद है, तो ये शरीर में पहुंच जाता है. शरीर की इम्यूनिटी उससे लड़ नहीं पाती. ठंड की वजह से वायरस को ग्रो करने के लिए सही कंडीशन मिल जाती है और व्यक्ति को सर्दी-जुकाम हो जाता है.

ये एक बहुत बड़ा मिथक है. फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है. ये मुख्य रूप से इन्फ्लुएंज़ा A, इन्फ्लुएंज़ा B और पैराइन्फ्लुएंज़ा वायरस से होता है. इसे ठीक करने के लिए आप एंटीवायरल दवाइयां ले सकते हैं. एंटीबायोटिक्स नहीं. एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया पर असरदार हैं. वायरस पर नहीं. अगर फ्लू होने पर एंटीबायोटिक्स लेंगे, तो एंटीबायोटिक रेज़िस्टेंस होने का रिस्क बढ़ जाएगा.
अब ये एंटीबायोटिक रेज़िस्टेंस क्या है? इसका सिंपल-सा जवाब है. ज़्यादा एंटीबायोटिक खाने से बैक्टीरिया इन दवाओं के खिलाफ अपनी खुद की इम्यूनिटी पैदा कर लेते हैं. इसलिए ये दवाएं शरीर पर असर नहीं करतीं और इंफेक्शन बढ़ जाता है. ये जानलेवा साबित हो सकता है.
दि लैंसेट जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, हर साल करीब 50 लाख लोग एंटीबायोटिक रज़िस्टेंस की वजह से मारे जाते हैं. इसलिए फ्लू होने पर किसी भी हालत में एंटीबायोटिक्स न खाएं. जब तक डॉक्टर इसे खाने के लिए न कहें.
चौथा मिथक- विटामिन C से भरपूर चीज़ें खाओ, कभी सर्दी-जुकाम होगा ही नहींये आधा सच है. विटामिन C इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है. मज़बूत इम्यून सिस्टम यानी बीमारियों और इंफेक्शन से बचाव. अगर आप विटामिन C से भरपूर चीज़ें खाते हैं. जैसे अमरूद, संतरा, नींबू, चकोतरा और ब्रॉकली वगैरा, तो इससे जुकाम होने का चांस कम हो जाता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जुकाम कभी होगा ही नहीं. अगर जुकाम होगा भी, तो विटामिन C से भरपूर चीज़ें खाने की वजह से लक्षण हल्के होंगे. दिक्कत भी जल्दी ठीक हो जाएगी.

ये भी एक मिथक है. गर्म पानी, अदरक वाली चाय, काढ़ा, ब्लैक कॉफी और सूप...ये सब पीने से वायरस नहीं मरता. वायरस शरीर के सेल्स के अंदर होता है, और इतनी गर्म-चीज़ खाना या पीना मुमकिन नहीं है, जो वायरस को मार सके. हां, सर्दी-जुकाम होने पर गर्म चीज़ें फायदा ज़रूर देती हैं. ये गले को आराम पहुंचाती हैं. इनसे गले में जमा कफ बाहर निकलता है. खांसी में आराम मिलता है. बंद नाक खुलती है. इससे आपको अच्छा महसूस होता है. लेकिन ये सब सिर्फ लक्षण कम करने में मदद करते हैं. ये इलाज नहीं हैं. दिक्कत बढ़ने पर आपको डॉक्टर की सलाह से दवा या सिरप लेना ही पड़ेगा.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: हरी सब्ज़ियों को धोने, पकाने और खाने का सही तरीका क्या है?

.webp?width=60)


