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घर पर शुगर टेस्ट करते हुए ये गलतियां न करें

टेस्टिंग करने से पहले हाथ धोना ज़रूरी है. फिर उंगली को कुछ देर दबाकर रखें ताकि वहां ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाए. फिर सुई चुभोकर खून निकालें. शुगर टेस्टिंग करते हुए समय का ध्यान ज़रूर रखें.

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mistakes to avoid while testing blood sugar at home
देश में 10 करोड़ से ज़्यादा डायबिटीज़ के मरीज़ हैं (फोटो: Freepik)
9 सितंबर 2025 (Published: 04:22 PM IST)
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आपको पता है, भारत को डायबिटीज़ कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड कहा जाता है. ICMR यानी इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, साल 2019 में भारत में डायबिटीज़ के 7 करोड़ मरीज़ थे. 2023 में ये आंकड़ा बढ़कर 10 करोड़ 10 लाख हो गया. अब चल रहा है साल 2025. देश में डायबिटीज़ के मरीज़ बढ़े हैं, घटे नहीं. डायबिटीज़ को कंट्रोल करना बेहद ज़रूरी है.

डायबिटीज के खिलाफ आपका सबसे बड़ा हथियार है रेगुलर टेस्टिंग. कई लोग घर पर ग्लूकोमीटर की मदद से अपनी शुगर टेस्ट करते हैं और ये बहुत अच्छी बात है. लेकिन ज़्यादातर लोग शुगर टेस्ट करते हुए कुछ आम गलतियां करते हैं. इससे उनकी रीडिंग ठीक नहीं आती. नतीजा? डायबिटीज़ से सही तरह बचाव नहीं हो पाता. इलाज ठीक से नहीं हो पाता और डायबिटीज़ कंट्रोल करना मुश्किल हो जाती है.

डॉक्टर से जानिए कि घर पर शुगर टेस्ट करना क्यों ज़रूरी है. शुगर टेस्ट करते हुए कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए. और, घर पर शुगर टेस्ट करने का सही तरीका क्या है.

घर पर शुगर टेस्ट करना क्यों ज़रूरी है?

ये हमें बताया डॉक्टर आलोक जोशी ने.

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डॉ. आलोक जोशी, सीनियर डायरेक्टर, डायबिटीज़ एंड मेटाबॉलिक डिजीज़, मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली

हमारे देश में डायबिटीज़ के मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं. इसे कंट्रोल करने के लिए घर पर शुगर टेस्ट करना ज़रूरी है. इसे ग्लूकोमीटर (मशीन) की मदद से आसानी से किया जा सकता है. वहीं, लैब में जाकर शुगर टेस्ट करवाते रहना मुश्किल है.

शुगर टेस्ट करते हुए क्या गलतियां न करें?

लोग घर पर शुगर टेस्ट करते हुए कुछ गलतियां करते हैं. शुगर टेस्ट करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है ताकि सही रीडिंग आए. अगर घर में डायबिटीज़ के एक से ज़्यादा मरीज़ हैं, तो सबको अपनी सुई अलग रखनी चाहिए. एक ही पेशेंट अगर बार-बार अपना शुगर टेस्ट कर रहा है, तो वो खुद की इस्तेमाल की हुई सुई 2-3 बार इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन इस्तेमाल करने से पहले, सुई को ठीक से साफ़ करना ज़रूरी है. 

ध्यान दें कि कहीं स्ट्रिप ख़राब या एक्सपायर्ड तो नहीं है. ऐसी स्ट्रिप इस्तेमाल करने से शुगर की रीडिंग ग़लत आ सकती है. ये देखना ज़रूरी है कि ग्लूकोमीटर ठीक से काम कर रहा है या नहीं. एक ही उंगली से बार-बार खून नहीं लेना चाहिए. हर बार अलग उंगली से खून लेकर टेस्ट करें.

टेस्टिंग करने से पहले हाथ धोना ज़रूरी है. फिर उंगली को कुछ देर दबाकर रखें ताकि वहां ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाए. फिर सुई चुभोकर खून निकालें. शुगर टेस्टिंग करते हुए समय का ध्यान ज़रूर रखें. सबसे ज़रूरी होती है फ़ास्टिंग ब्लड शुगर.

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ब्लड शुगर लेवल पता रहने से डायबिटीज़ कंट्रोल करना आसान हो जाता है (फोटो: Freepik)

इसके बाद आती है पोस्टप्रैंडियल शुगर. इसे खाने के डेढ़-दो घंटे के बीच करना चाहिए. कभी-कभी रैंडम शुगर टेस्ट कर सकते हैं. अगर मरीज़ को पसीना आ रहा है, घबराहट हो रही है, बुरे सपने आ रहे हैं, तो ऐसे लक्षण दिखने पर पेशेंट को शुगर टेस्ट कर लेना चाहिए.

कई बार रात में कुछ लोगों की शुगर लो हो जाती है. अगर ऐसा हो रहा है तो ध्यान देना ज़रूरी है. अगर आप शुगर टेस्ट करने से पहले हाथ नहीं धोते हैं, तो हाथों पर पसीना या गंदगी लगी रह जाती है. ऐसे में शुगर टेस्ट करने से सही रीडिंग नहीं आती. जो पेशेंट घर पर शुगर टेस्ट करते हैं, रिकॉर्ड रखते हैं. उनकी डायबिटीज़ कंट्रोल में रहती है. इसलिए घर पर रेगुलर शुगर टेस्ट करते रहना ज़रूरी है. घर पर शुगर रीडिंग नोट करें और एक डायरी रखें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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