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घर पर अकेले हैं और हार्ट अटैक जैसा लगे तो ये 3 काम सबसे पहले करें

अगर दिल की खून की नलियां 100% ब्लॉक हो जाएं, तो उसे हार्ट अटैक कहते हैं. ऐसा होने पर छाती में दर्द होता है. ये दर्द छाती से लेकर जबड़े, नाभि, पीठ, पेट और दोनों हाथों तक हो सकता है. अगर छाती में भारीपन या कसाव महसूस हो रहा है, तो ये हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है.

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how to survive heart attack when you are alone at home
हार्ट अटैक का पहला एक घंटा बहुत अहम होता है (फोटो: Freepik)
6 नवंबर 2025 (Published: 02:29 PM IST)
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एक्टर और सिंगर रिषभ टंडन की 22 अक्टूबर को मौत हो गई. आपने उनके 'ये आशिकी', 'चांद तू', 'धू धू कर के', 'फकीर की जुबानी' जैसे गाने सुने होंगे.

रिषभ की मौत हार्ट अटैक से हुई है. आजकल आए दिन हार्ट अटैक की ख़बरें हमें सुनने-पढ़ने को मिलती हैं.  

हार्ट अटैक का पहला एक घंटा बहुत अहम होता है. इस दौरान अगर सही मदद मिल जाए, तो इंसान की जान बच सकती है. लेकिन कई बार इंसान अकेला होता है. जब हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होना शुरू होते हैं. तब उसके आसपास मदद के लिए कोई नहीं होता. ऐसी सिचुएशन में क्या करना है और क्या नहीं, इसकी जानकारी नहीं होती. इसलिए वो सही कदम नहीं उठा पाता. नतीजा? जान चली जाती है.

ऐसे में डॉक्टर से जानिए कि अगर इंसान अकेला है और हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हों, तो क्या करना चाहिए. हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं. ये भी समझेंगे कि हार्ट अटैक के पहले संकेत और हार्ट अटैक आने के बीच कितना टाइम होता है. 

हार्ट अटैक के क्या लक्षण होते हैं?

ये हमें बताया डॉक्टर रवि प्रकाश ने.

dr ravi prakash
डॉ. रवि प्रकाश, सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी, पीएसआरआई हॉस्पिटल, नई दिल्ली

हार्ट अटैक का मतलब है, दिल को खून की सप्लाई ठीक से नहीं मिल रही. अगर दिल की खून की नलियां 100% ब्लॉक हो जाएं, तो उसे हार्ट अटैक कहते हैं. ऐसा होने पर छाती में दर्द होता है. ये दर्द छाती से लेकर जबड़े, नाभि, पीठ, पेट और दोनों हाथों तक हो सकता है. अगर छाती में भारीपन या कसाव महसूस हो रहा है, तो ये हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है. 

कई केसेस में ये लक्षण नहीं दिखते, सिर्फ साइलेंट अटैक आता है. खासकर डायबिटीज़ के मरीज़ों, महिलाओं, किडनी के मरीज़ों (जिनका डायलिसिस चल रहा है), और 70–80 साल के बुज़ुर्गों में. कभी-कभी दर्द नहीं होता, सिर्फ घबराहट होती है या चक्कर आता है. खासकर खाने के बाद गैस ज़्यादा बनती है और दवाइयां खाने के बाद भी आराम नहीं मिलता. इंसान पहले जितना खाना नहीं खा पाता. पहले जितना चल नहीं पाता. पहले जितनी सीढ़ियां भी नहीं चढ़ पाता. अगर ऐसा हो रहा है, तो ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं.

heart attack
हार्ट अटैक से बचने के लिए उसके लक्षण पता होने बहुत ज़रूरी हैं (फोटो: Freepik)
हार्ट अटैक के दौरान अकेले हैं तो क्या करें?

सबसे पहले तो घर पर खून पतला करने की कुछ दवाइयां रखें. सोर्बिट्रेट एक दवा है, जिसे जीभ के नीचे रखा जाता है. बस कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के कभी न लें. आपके पास हमेशा तीन फोन नंबर होने चाहिए. एक हॉस्पिटल का, दूसरा एंबुलेंस का और तीसरा लोकल डॉक्टर का, जो तुरंत सलाह दे सके.

हार्ट अटैक के पहले संकेत और अटैक के बीच कितना समय होता है?

हार्ट अटैक का पहला एक घंटा बहुत अहम होता है. इस एक घंटे में आपका डॉक्टर के पास पहुंचना बहुत ज़रूरी है. अगर हार्ट अटैक आता है, तो घबराएं नहीं. तुरंत डॉक्टर को फोन करें और जो दवा लेने की सलाह डॉक्टर दें, उसे लें. ज़रूरत पड़ने पर हॉस्पिटल जाएं. वहां ECG (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) और ECHO (इकोकार्डियोग्राम) टेस्ट किए जाएंगे. अगर इन टेस्ट्स से हार्ट अटैक का पता चलता है, तो एंजियोग्राफी कराने की सलाह दी जाती है.

कई बार ECG और ECHO नॉर्मल आने पर भी डॉक्टर एंजियोग्राफी करवाते हैं. एंजियोग्राफी लगभग 15 मिनट का एक छोटा-सा टेस्ट होता है. इसमें 100% पता चल जाता है कि हार्ट अटैक हुआ है या नहीं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: ब्रेस्ट कैंसर का सबसे असरदार इलाज क्या है?

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