कम पानी पीते हैं, ये नुकसान पढ़कर गला और सूख जाएगा
अगर आप पानी कम पीते हैं तो आपको सिरदर्द होगा. कमज़ोरी होगी. मांसपेशियों में दर्द होगा. स्किन भी डल हो जाएगी. पानी न पीने के ये वो नुकसान हैं, जिनसे आप सभी वाकिफ हैं. लेकिन, कुछ नुकसान दबे पांव आते हैं. इतना छिपकर कि आपको पता ही नहीं चलता.

“हम इंतिज़ार करें, हमको इतनी ताब नहीं. पिला दो तुम हमें पानी अगर शराब नहीं.”
ये शेर नूह नारवी साहब का है. इस शेर में उन्होंने पानी पिलाने वाली बात एकदम सही कही है. पानी पीना बहुत ज़रूरी है. कितना पानी? रोज़ दो से तीन लीटर. गिलास के हिसाब से देखें तो रोज़ 10 से 12 गिलास पानी. अगर आप इतना पानी नहीं पीते हैं, जो ऐसी चीज़ें खाइए जिनमें पानी होता है. जैसे खीरा, टमाटर, सेब और तरबूज वगैरह.
अगर आप पानी कम पीते हैं तो आपको सिरदर्द होगा. कमज़ोरी होगी. मांसपेशियों में दर्द होगा. स्किन भी डल हो जाएगी. पानी न पीने के ये वो नुकसान हैं, जिनसे आप सभी वाकिफ हैं. लेकिन, कुछ नुकसान दबे पांव आते हैं. इतना छिपकर कि आपको पता ही नहीं चलता.
ज़रूरत भर पानी न पीने से शरीर में और क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं? ये हमने पूछा डॉक्टर पियूष मिश्रा से.

डॉक्टर पियूष कहते हैं कि शरीर में पानी की कमी से किडनी में पथरी हो सकती है. दरअसल, किडनी को सही से काम करने के लिए पानी की ज़रूरत होती है. अब सर्दियों में ठंड की वजह से अक्सर लोग कम पानी पीते हैं. इससे यूरिन भी कम पास होता है. नतीजा? शरीर की गंदगी, शरीर के अंदर ही जमा होने लगती है. और, किडनी में पथरी यानी स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है. डिहाइड्रेशन की वजह से किडनी फ़ेलियर तक हो सकता है.
कब्ज़पानी की कमी से कब्ज़ की दिक्कत भी हो सकती है. देखिए, खाना पचाने और स्टूल को नरम बनाने के लिए आंतें पानी का इस्तेमाल करती हैं. जब शरीर में पानी कम होता है. तब आंतें आपके खाने से ज़्यादा पानी सोखने लगती हैं. इससे स्टूल हार्ड हो जाता है. और, फिर उसे पास करने में बहुत परेशानी आती है.

कम पानी पीने से UTI यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने का रिस्क भी बढ़ता है. इसे आम भाषा में पेशाब का इन्फेक्शन भी कहते हैं.
UTI होने की एक वजह शरीर में पानी की कमी है. जब आप पर्याप्त पानी नहीं पीते. तब यूरिन कम पास होता है. इससे बैक्टीरिया को पेशाब की थैली में रहने और लगातार बढ़ने का मौका मिल जाता है. यही नहीं, पानी की कमी से यूरिन का कंसन्ट्रेशन भी बढ़ जाता है. यानी यूरिन में पानी की कमी हो जाती है. यूरिन गाढ़ा हो जाता है. शरीर में यूरिया, क्रिएटिनिन और इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा बढ़ जाती है. इससे भी बैक्टीरिया को पनपने में मदद मिलती है. जिससे UTI हो जाता है.
वज़न बढ़नाहमारे दिमाग का एक हिस्सा है, जिसे हाइपोथैलेमस कहा जाता है. ये हिस्सा भूख और प्यास, दोनों को कंट्रोल करता है. ऐसे में कई बार प्यास लगने पर दिमाग को मिक्स्ड सिग्नल मिलने लगते हैं. और, वो प्यास को भूख समझ बैठता है. फिर आप ओवरईटिंग करते हैं और वज़न बढ़ता है. इसलिए, ज़रूरी है कि आप रोज़ पर्याप्त पानी पिएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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