रात में बार-बार टूटती है नींद? डॉक्टर ने बताया क्या दिक्कत हो सकती है
क्या आपके साथ भी रोज़ ऐसा होता है? रातभर में कई बार नींद टूटती है? क्यों कुछ लोगों की नींद रात में बार-बार टूटती है, ये सवाल हमने पूछा मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट की हेड डॉक्टर परिणीता कौर से.
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रात में खा-पीकर, फोन साइड में रखकर, आप आराम से लेट गए. थोड़ी देर में नींद भी आ गई. कुछ घंटे बाद नींद टूटी. बाहर देखा तो अंधेरा था. घड़ी में बज रहे थे रात के ढाई. आप करवट लेकर फिर से सोने की कोशिश करते हैं. नींद इस बार भी आ जाती है. लेकिन कुछ घंटों बाद नींद फिर से टूटती है. घड़ी में बज रहे हैं चार. अब नींद आने का नाम नहीं ले रही.
क्या आपके साथ भी रोज़ ऐसा होता है? रातभर में कई बार नींद टूटती है? क्यों कुछ लोगों की नींद रात में बार-बार टूटती है, ये सवाल हमने पूछा मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट की हेड डॉक्टर परिणीता कौर से.

डॉक्टर परिणीता कहती हैं कि रात में नींद टूटने की कई वजहें हो सकती हैं. पहली वजह है बहुत ज़्यादा स्ट्रेस. जब व्यक्ति लगातार कुछ न कुछ सोचता रहता है. उसके मन में चीज़ें चलती रहती हैं. वो टेंशन में रहता है, तो दिमाग पूरी तरह से रिलैक्स नहीं कर पाता. ऐसे में नींद तो आती है, पर वो बार-बार टूट जाती है.
दूसरी वजह नींद से जुड़े डिसऑर्डर हैं. जैसे स्लीप एपनिया. इसमें सोते-सोते व्यक्ति की सांस रुक जाती है. ऐसा एक रात में कई बार हो सकता है. जिससे नींद खुल जाती है. देखिए, स्लीप एपनिया एक गंभीर स्थिति है. इससे पीड़ित व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. इसलिए, अगर नींद से हांफते हुए उठते हैं या आपकी सांस फूल रही होती है तो इसे सीरियसली लें. सोते वक़्त दम-सा घुटना या खूब खर्राटे आना भी स्लीप एपनिया के लक्षण हैं. इसलिए डॉक्टर से ज़रूर मिलें.
नींद बार-बार टूटने की तीसरी वजह सोने से पहले कैफीन या निकोटीन वाली चीज़ें पीना हैं. जैसे चाय, कॉफी, सिगरेट वगैरह. कैफीन और निकोटीन दिमाग को एलर्ट कर देते हैं. जिससे नींद देर से आती है. अगर आ भी जाए, तो हर थोड़ी देर में टूटती है.
चौथी वजह रात में देर से खाना है. अगर आप खाते ही सो जाते हैं, तो शरीर खाने को ठीक से पचा नहीं पाता. इससे एसिडिटी हो सकती है और आपकी नींद बार-बार टूट सकती है.
पांचवीं वजह बार-बार पेशाब आना है. अगर आप रात में सोने से पहले ज़्यादा पानी पीते हैं. या ब्लैडर से जुड़ी कोई दिक्कत है. तो, रात में कई बार पेशाब आता है. इससे नींद टूटती है.
छठवीं वजह आपके सोने का शेड्यूल है. अगर आपने अपने सोने का टाइम फिक्स नहीं किया है. या सोने से पहले आप फोन या लैपटॉप चलाते हैं, तो इससे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ जाती है. जिससे नींद आने में दिक्कत होती है. अगर किसी तरह नींद आ भी जाए, तो भी आप गहरी नींद नहीं ले पाते.
अगर आपको अच्छी और गहरी नींद चाहिए. तो पहले अपने सोने और जगने का एक टाइम फिक्स करिए. सोने से पहले कम से कम एक घंटे तक फोन-लैपटॉप मत चलाइए. इसके बजाय आप कोई किताब पढ़ सकते हैं. साथ ही, रात में जल्दी खाना खाइए, ताकि उसे पचने का समय मिले. कैफीन वाली चीज़ें भी सोने से पहले पीना अवॉइड करिए. अगर स्ट्रेस बहुत ज़्यादा है, तो उसे कम करिए. इसके लिए घरवालों, दोस्तों से अपनी बातें, अपनी टेंशन शेयर करिए. स्ट्रेस से निपटने के लिए आप प्रोफेशनल मदद भी ले सकते हैं. वहीं, अगर नींद से जुड़ी कोई बीमारी है, तो डॉक्टर से मिलकर इलाज कराइए.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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