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भारतीयों में क्यों तेज़ी से बढ़ रहीं दिल की बीमारियां? बचा कैसे जाए?

रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने The Report on Causes of Death: 2021-2023 जारी की है. इसके मुताबिक, देश में 56% से ज़्यादा मौतें नॉन-कम्यूनिकेबल डिज़ीज़ेस से होती हैं. यानी उन बीमारियों से, जो छूने से नहीं फैलती. इन नॉन-कम्यूनिकेबल डिज़ीज़ेस में नंबर एक पर हैं कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ेस.

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cardiovascular diseases are the leading cause of death in india
दिल की बीमारियां बढ़ने की सबसे बड़ी वजह हमारी लाइफस्टाइल है (फोटो: Freepik)
9 सितंबर 2025 (Published: 04:30 PM IST)
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भारत में ‘31% मौतें दिल की बीमारियों की वजह से’ होती हैं. ये पता चला है The Report on Causes of Death: 2021-2023 से. इसे 3 सितंबर 2025 को रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने जारी किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 56% से ज़्यादा मौतें नॉन-कम्यूनिकेबल डिज़ीज़ेस से होती हैं. यानी उन बीमारियों से, जो छूने से नहीं फैलतीं. इन नॉन-कम्यूनिकेबल डिज़ीज़ेस में नंबर एक पर हैं कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ेस. यानी दिल और खून की नलियों से जुड़ी बीमारियां.

हमारे शरीर में एक पूरा कार्डियोवस्कुलर सिस्टम होता है. ये दिल और ब्लड वेसल्स यानी खून की नलियों से मिलकर बना होता है. इसका काम अलग-अलग अंगों और सेल्स तक ऑक्सीज़न और ज़रूरी पोषक तत्व पहुंचाना है. जब कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को नुकसान पहुंचता है, या इससे जुड़ी कोई बीमारी होती है, तो दिल के काम करने पर भी असर पड़ता है.

मगर हम भारतीयों में दिल की बीमारियां इतनी तेज़ी से क्यों बढ़ रही हैं, और इनसे बचा कैसे जाए? ये हमने पूछा इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में कार्डियोवस्कुलर एंड कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट, डॉक्टर मुकेश गोयल से.

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डॉ. मुकेश गोयल, सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियोवस्कुलर एंड कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स

डॉक्टर मुकेश कहते हैं कि भारत में दिल की बीमारियां बढ़ने की सबसे बड़ी वजह हमारी लाइफस्टाइल है. पहले लोग खूब पैदल चलते थे. घर का ताज़ा खाना खाते थे. स्ट्रेस कम था. लेकिन अब ज़्यादातर लोग घंटों बैठे-बैठे काम करते हैं. जंक फूड या तेल-मसाले वाला खाना खूब खाते हैं. काम की वजह से बहुत स्ट्रेस में रहते हैं. इस वजह से दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं.

शराब-सिगरेट पीने, नींद पूरी न होने से भी दिल कमज़ोर हो जाता है. वहीं अगर किसी को डायबिटीज़ या बीपी की शिकायत है, तो उनमें दिल की बीमारियां होने का रिस्क बढ़ जाता है.

प्रदूषण और एक्सरसाइज़ की कमी से भी दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं. इसलिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना और दिल से जुड़े लक्षणों को पहचानना बहुत ज़रूरी है.

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अगर किसी व्यक्ति को सीने में दर्द या दबाव महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं (फोटो: Freepik)

अगर किसी व्यक्ति को सीने में दर्द या दबाव महसूस हो. ज़रा-सी मेहनत पर भी सीना भारी लगने लगे. सांस फूलने लगे. बहुत ज़्यादा थकान हो या बार-बार पसीना आए. तो तुरंत डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं. कई बाद दर्द सिर्फ सीने में नहीं होता. बल्कि कंधे, हाथ, पीठ और गर्दन में भी हो सकता है. इन्हें इग्नोर न करें.

एक खास बात. महिलाओं में दिल की बीमारियों के लक्षण थोड़े अलग होते हैं. उन्हें उबकाई, उल्टी, पेट दर्द या असामान्य थकान लग सकती है. तेज़ धड़कन, बार-बार चक्कर आना या बेहोश होना भी दिल की बीमारी की तरफ़ इशारा करते हैं.

अगर किसी को कई दिनों से ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपना चेकअप करवाएं. समय-समय पर बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच भी करवाते रहें. अगर घर में किसी को दिल की बीमारी रही है, तो और भी सावधानी बरतें.

सबसे ज़रूरी, अपना लाइफस्टाइल सुधारें. खाने में ज़्यादा तेल, मसाले वाली चीज़ें कम करें. नमक और चीनी भी कम खाएं. अपनी डाइट में ताज़ी सब्ज़ियां, फल, दालें, ओट्स और साबुत अनाज शामिल करें. मछली, सूखे मेवे और अलग-अलग बीज भी दिल के लिए अच्छे होते हैं.

हफ्ते में कम से कम 5 दिन, रोज़ आधा घंटा एक्सरसाइज़ ज़रूर करें. आप योग और मेडिटेशन भी कर सकते हैं.

साथ ही, शराब-सिगरेट से दूर रहें. अच्छी नींद लें और स्ट्रेस को मैनेज करें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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