The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Health
  • Amroha class 11 student dies after excessive fast food consumption

फास्ट फूड से आंतें चिपक जाती हैं? इस लड़की की जान ही चली गई, डॉक्टर्स क्या कहते हैं?

यूपी के अमरोहा की रहने वाली अहाना को चाऊमीन, पिज़्ज़ा और बर्गर बहुत पसंद था. घर पर बने खाने से वो दूर भागती थी. डॉक्टर्स का कहना है कि अहाना की तबियत ख़राब ही इसलिए हुई, क्योंकि वो बहुत ज़्यादा जंक फ़ूड खाती थी.

Advertisement
class 11 student dies after excessive fast-food consumption in Amroha
फास्ट फूड खाने से तबीयत खराब हो सकती है (सांकेतिक तस्वीर- india today)
26 दिसंबर 2025 (Updated: 26 दिसंबर 2025, 11:02 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तर प्रदेश का ज़िला अमरोहा. यहां 16 साल की अहाना रहती थीं. उन्हें चाऊमीन, पिज़्ज़ा और बर्गर खाना बहुत पसंद था. घर पर बने खाने से वो भागती थी. ये सिलसिला सालों तक चला. 28 नवंबर को अचानक अहाना के पेट में तेज़ दर्द शुरू हो गया. परिवारवाले उसे पास के हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन जब हालत नहीं सुधरी तो उसे मुरादाबाद रिफर किया गया. वहां अहाना के मेडिकल टेस्ट हुए. पता चला कि उसके पेट में ‘फ्लूइड’ (Fluid) भर गया है. आंतों को भी नुकसान पहुंचा है. सर्जरी करके उसके पेट से 7 लीटर फ्लूइड निकाला गया.

आगे के इलाज के लिए अहाना को दिल्ली लाया गया. AIIMS में एडमिट किया गया. यहां पता चला कि उसकी आंतें चिपक गई हैं. उसके पाचन तंत्र यानी डाइजेस्टिव सिस्टम (Digestive System) को भी काफी नुकसान पहुंचा है. इतना कि वो काम करना लगभग बंद कर चुका है. इलाज चलता रहा पर अहाना की कंडीशन बिगड़ती रही. 21 दिसंबर की देर रात अहाना का हार्ट फेल हो गया.

ahana
ज़्यादा फ़ास्ट फ़ूड खाने से अहाना की आंतें चिपक गई थीं 

डॉक्टर्स का कहना है कि अहाना की तबियत ख़राब ही इसलिए हुई, क्योंकि वो बहुत ज़्यादा जंक फ़ूड खाती थी. जंक फ़ूड में पोषण नहीं होता. होता है तो सिर्फ़ टेस्ट, फैट और ढेर सारी कैलोरीज़. इसलिए इसे सेहत के लिए नुकसानदेह माना जाता है. जंक फ़ूड फैटी लिवर, दिल की बीमारियों, डायबिटीज़ और दूसरी कई बीमारियों की एक बड़ी वजह है लेकिन जंक फ़ूड खाने से आंतें कैसे चिपक सकती हैं? पाचन तंत्र को क्या नुकसान पहुंचता है, ये हमने पूछा गुरुग्राम के नारायणा हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर. पी. वेंकट कृष्णन से.

dr p venkata krishnan
डॉ. पी. वेंकट कृष्णन, डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन, नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम

डॉक्टर कृष्णन कहते हैं कि फ़ास्ट फ़ूड या जंक फ़ूड यानी अक्सर कच्चा या अधपका खाना. इसे बनाते समय ख़राब क्वालिटी का तेल इस्तेमाल किया जाता है. इसमें पड़ी सब्ज़ियां ठीक से पकाई नहीं जातीं. कई बार चिकन भी ठीक से साफ नहीं किया जाता. जब आप ऐसा खाना खाते हैं तो ये पेट में जाकर इंफेक्शन, सूजन और जलन पैदा करता है. इससे आंतों की अंदरूनी परत कमज़ोर हो जाती है और पाचन धीमा पड़ जाता है. लंबे समय तक आंतों में सूजन रहने की वजह से उसके नेचुरल मूवमेंट पर असर पड़ता है. इससे आंतों की दीवारें आपस में चिपकने लगती हैं. इससे कब्ज़, पेटदर्द, उल्टी और दस्त जैसी दिक्कतें होती हैं. आपके पाचन तंत्र को भी धीरे-धीरे नुकसान पहुंचने लगता है.

junk food
जंक फूड में ख़राब तेल, ज़्यादा नमक, ज़्यादा फैट और प्रिज़रवेटिव्स वगैरह डाले जाते हैं (फोटो: Freepik)

जंक फ़ूड में ख़राब तेल, ज़्यादा नमक, मसाले और प्रिज़रवेटिव्स भी डाले जाते हैं. ये सीधे पेट, लिवर और दिल को नुकसान पहुंचाते हैं. जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड में कैलोरीज़ ज़्यादा होती हैं और पोषण बिल्कुल भी नहीं. इससे वज़न तेज़ी से बढ़ता है, जिससे फैटी लिवर और दिल की बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ जाता है. लगातार बाहर का खाना खाने से इम्यूनिटी कमजोर होती है. इससे शरीर वायरस और बैक्टीरिया से लड़ नहीं पाता. नतीजा? कम उम्र में ही शरीर बीमारियों का घर बन जाता है. डॉक्टर का कहना है कि इसीलिए जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड से दूरी बनाना चाहिए और घर पर बना ताज़ा और हेल्दी खाना खाना चाहिए.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: बच्चों पर ज़रूरत से ज़्यादा सख्त तो नहीं? टाइगर पेरेंटिंग को समझ लीजिए

Advertisement

Advertisement

()