इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) के डेटा को चुनाव आयोग ने 14 मार्च की शाम अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया. डेटा सामने आने के बाद पैटर्न खोजे जा रहे हैं और पैटर्न की व्याख्या भी जारी है. क्या छापे के बाद बॉन्ड खरीदा गया, क्या बॉन्ड खरीदने के बाद ठेका मिला, आदि इत्यादि. एक तरफ ये काम चल रहा है, दूसरी तरफ सोशल मीडिया की जनता अलग लेवल पर खेल रही है. दावा किया जा रहा कि पुलवामा हमले के बाद एक पाकिस्तानी कंपनी ने बॉन्ड खरीदकर भाजपा को दे दिये. कुछ ये भी कह रहे हैं कि बॉन्ड तो पाकिस्तानी कंपनी ने खरीदे, लेकिन दिए कांग्रेस को, भाजपा को नहीं. क्या है पूरा गड़बड़झाला वीडियो का सच जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.