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उत्तराखंड पुलिस ने प्रोटेस्ट कर रही लड़कियों को बुरी तरह पीटा?

वायरल वीडियो को उत्तराखंड पुलिस का बताकर शेयर किया जा रहा है.

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Uttarakhand police viral video beat up protesting girls fact check
वायरल वीडियो से लिया गया स्क्रीनग्रैब (साभार- सोशल मीडिया)
11 फ़रवरी 2023 (Updated: 11 फ़रवरी 2023, 17:43 IST)
Updated: 11 फ़रवरी 2023 17:43 IST
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दावा:

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून (Uttarakhand paper leak protest) में बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर हैं. सरकारी नौकरियों की परीक्षा में धांधली के आरोपों के साथ छात्र 9 फरवरी से ही प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच 9 फरवरी को पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया. लाठीचार्ज के कई वीडियो सामने आए. इन सबके बीच एक वीडियो को उत्तराखंड में छात्राओं पर लाठीचार्ज का बताकर वायरल किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand police) छात्राओं को पीट रही है.कई यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं. 

कांग्रेस नेता अजय राय ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया. उन्होंने उत्तराखंड पुलिस और बीजेपी सरकार को घेरते हुए लिखा,  

“ये घिनौना कृत भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड पुलिस द्वारा किया जा रहा है , कहां है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले?”

परी फॉर इंडिया के फाउंडर योगिता भयाना ने भी वीडियो को शेयर किया. उन्होंने उत्तराखंड पुलिस को घेरते हुए लिखा,

“उत्तराखंड पुलिस को ये आदेश किसने दिया कि एक पुरुष पुलिसकर्मी निहत्थी बेटियों पर हाथ भी लगाए?”

ट्वीट का स्क्रीनग्रैब

पंकज पाराशर ने भी वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ये वीडियो उत्तराखंड का है. उन्होंने लिखा,

“छात्राओं को पीटते हुए उत्तराखंड के वीर बहादुर पुलिसवाले”

ट्वीट का स्क्रीनग्रैब
पड़ताल

'दी लल्लनटॉप' ने वायरल वीडियो का सच जानने के लिए पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला. दावे में मौजूद वायरल वीडियो उत्तराखंड का नहीं है. वायरल वीडियो को उत्तराखंड से जोड़ा जरूर जा रहा है लेकिन वीडियो 2016 का है.

पड़ताल के लिए हमने वीडियो के एक फ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज का इस्तेमाल करके सर्च किया. इससे हमें यूट्यूब पर कई पुराने वीडियो मिले. अलग-अलग न्यूज चैनलों पर ये वाला वीडियो अपलोड किया गया था. आजतक पर अपलोड इसी वायरल वीडियो की डेट 30 जनवरी, 2016 बताई गई.  

साथ ही बताया गया कि ये वीडियो आम आदमी पार्टी ने जारी किया था. वीडियो में दिल्ली पुलिस के पुरुष पुलिसकर्मी प्रोटेस्ट कर रहे छात्र-छात्राओं पर लाठियां बरसाते दिख रहे हैं. वीडियो 2016 का ही निकला.

नतीजा

हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत निकला. वीडियो सात साल पुराना यानि 2016 का निकला. दिल्ली पुलिस के लाठीचार्ज को उत्तराखंड का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा था.  

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वीडियो: नदी में दलित ने नहाया तो ब्राह्मण लड़कों ने पीटा? वायरल वीडियो की सच्चाई ये निकली

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