अमित मालवीय ने किसान प्रोटेस्ट पर ट्वीट किया, ट्विटर ने फैक्ट से छेड़छाड़ का ठप्पा लगा दिया
राहुल गांधी के दावे को गलत बताने के लिए अमित मालवीय ने वीडियो बनाकर डाला था.
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बीजेपी आईटी सेल इंचार्ज अमित मालवीय राहुल गांधी के ट्वीट को प्रोपैगैंडा बताने गए लेकिन ट्विटर ने उनके ट्वीट का ही फैक्ट चेक कर दिया.
किसान आंदोलन की तस्वीर को बताया था प्रोपागैंडा
पूरा मामला कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक ट्वीट से शुरू हुआ. उन्होंने 28 नवंबर को किसान आंदोलन की एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया. तस्वीर PTI के फ़ोटोजर्नलिस्ट रवि चौधरी की ली हुई.
अब बीजेपी आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने राहुल के इस ट्वीट को पकड़ लिया. इस ट्वीट को एक वीडियो कोट के साथ रीट्वीट किया. इसमें यह बताने की कोशिश की गई कि राहुल गांधी ने जो फ़ोटो ट्विटर पर शेयर की है, वह प्रोपागैंडा है. लब्बोलुआब ये कि फोटो में जिस किसान को मारे जाने की बात कही जा रही है, असल में पुलिस ने उसे मारा ही नहीं है. अब ट्विटर ने इस वीडियो पर अपनी पॉलिसी के तहत लिख दिया Manipulated media. मतलब जो वीडियो शेयर किया गया है उसके साथ छेड़छाड़ की गई है.बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया।
यह बहुत ख़तरनाक है। pic.twitter.com/1pArTEECsU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2020
Rahul Gandhi must be the most discredited opposition leader India has seen in a long long time. https://t.co/9wQeNE5xAP
pic.twitter.com/b4HjXTHPSx
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 28, 2020

अमित मालवीयर बीजेपी के आईटी सेल के इंजार्ज हैं और सोशल मिडिया पर पार्टी के बड़े चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं.
क्या है इस वीडियो का सच असल में जिस वीडियो को अमित मालवीय ने शेयर किया वह किसान आंदोलन का ही है. लेकिन उन्होंने वह वीडियो अपने हिसाब से एडिट करके शेयर किया है. द लल्लनटॉप के पास मौजूद वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि किसान पर लाठीचार्ज होने के दौरान उसे लाठी लगती है. न कि सिर्फ लाठी लहराने के वक्त तस्वीर खींच ली गई है.
क्या है ट्विटर की फैक्ट चेक तकनीक
ट्विटर ने हाल ही में अपने प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज की बढ़ती आमद को देखते हुए एक टूल लॉन्च किया है. इसमें भ्रामक दावों, छेड़छाड़ की गई तस्वीरों-वीडियो की जांच की जाती है. ऐसे ट्विटर अपने यूजर्स को आगाह करता है कि वो जो भी देख रहे हैं या शेयर कर रहे हैं उसमें सच्चाई है या नहीं.

डॉनल्ड ट्रंप भी इसके लपेटे में आ चुके हैं. ट्रंप बाइडन से चुनाव में हार पर खार खाए बैठे हैं. जब तब जीत के दावे करते रहते हैं. इस पर उनके ट्वीट के नीचे ट्विटर की झंडी लगनी शुरू हो गयी है. झंडी यानी रिमार्क. रिमार्क का मतलब ये कि जो दावा किया जा रहा है, वो भ्रामक है और इसके बारे में ज्यादा जानकारी ली जानी चाहिए.