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प्रियंका गांधी ने अडानी को लेकर फेसबुक पर लिखा, PIB ने फैक्ट चेक करके 'भ्रामक' बता दिया

मामला रेल से जुड़ा हुआ है

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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने रेल पर लगे अडानी के पोस्टर को लेकर मोदी सरकार पर आरोप लगाए, जिसे PIB ने फैक्ट चेक कर दिया.
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अमित
16 दिसंबर 2020 (Updated: 16 दिसंबर 2020, 11:30 AM IST) कॉमेंट्स
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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रेलवे के निजीकरण पर फेसबुक पोस्ट लिखा, लेकिन सरकार ने उसका फैक्ट चेक कर दिया. मामला रेल के इंजन पर लगे एक पोस्टर का है. क्या है पूरी कहानी, आइए जानते हैं.
फेसबुक पर प्रियंका गांधी ने लिखा विडियो के साथ पोस्ट कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने 14 दिसंबर को सरकार पर निशाना साधते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा. इसमें रेलवे को प्राइवेट कंपनियों के हाथों सौंपने का आरोप लगाया. उन्होंने ट्विटर पर गुजरात कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल के ऐसे ही वीडियो को रीट्वीट भी किया. प्रियंका गांधी वाड्रा ने फेसबुक पर लिखा,
जिस भारतीय रेलवे को देश के करोड़ों लोगों ने अपनी मेहनत से बनाया, भाजपा सरकार ने उस पर अपने अरबपति मित्र अडानी का ठप्पा लगवा दिया. कल को धीरे-धीरे रेलवे का एक बड़ा हिस्सा मोदी जी के अरबपति मित्रों को चला जाएगा. देश के किसान खेती-किसानी को भी आज मोदी जी के अरबपति मित्रों के हाथ में जाने से रोकने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

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प्रियंका गांधी ने रेलवे को प्राइवेट हाथों में बेचने की बात कहते हुए फेसबुक पोस्ट लिखा है.

PIB ने फैक्ट चेक कर दिया इस पोस्ट को केंद्र सरकार के प्रेस सूचना कार्यालय यानी PIB ने फैक्ट चेक कर दिया. सरकारी कार्यक्रमों, नीतियों की आधिकारिक जानकारी देने वाली नोडल एजेंसी पीआईबी ने प्रियंका गांधी के दावे को भ्रामक बताते हुए ट्वीट किया,
ट्रेन पर लगे पोस्टर को लेकर प्रियंका गांधी ने ये आरोप लगाया था.  उस पोस्टर में लिखा था- अदानी विल्मर लिमिटेड (Adani Wilmar Limited). अब ये कंपनी क्या करती है, ये भी जान लीजिए.
पोस्टर वाली कंपनी की कहानी भी जान लीजिए
अदानी विल्मर लिमिटेड एक जॉइंट वेंचर है. यह 1999 में अदानी ग्रुप और विल्मर इंटरनैशनल लिमिटेड सिंगापुर ने मिलकर बनाया था. यह एग्री बिजनेस के मामले में एशिया के सबसे बड़े ग्रुपों में शुमार है. भारत की सबसे तेजी से बढ़ती फ्रूट FMCG कंपनी भी है. इस वक्त इसकी 40 यूनिटें हैं. इनमें फूड प्रॉडक्ट्स की 16,800 टन रोज के हिसाब से रिफाइनिंग हो सकती है. 6000 टन रोज की दर से पिसाई और 12,900 टन रोज की दर से पैकेजिंग की जा सकती है.
विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर लगातार ये आरोप लगाती रही हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा प्राइवेटाइजेशन कर रही है. किसान आंदोलन में भी विपक्षी पार्टियां अंबानी और अडानी जैसे बिजनेस घरानों का नाम लेकर सरकार को घेर रही हैं. किसान संगठन भी इन बिजनेस घरानों का विरोध कर रहे हैं.

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