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वक्फ बोर्ड ने मां चंडी देवी मंदिर को अपनी संपत्ति बताया? असली कहानी ये निकली!

तस्वीर में मंदिर के ऊपर हरा झंडा दिख रहा है.

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सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें.
16 फ़रवरी 2023 (Updated: 16 फ़रवरी 2023, 18:37 IST)
Updated: 16 फ़रवरी 2023 18:37 IST
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दावा

हिन्दू मंदिर में इस्लामिक झंडा, वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि यह उनकी संपत्ति है. इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हैं. तस्वीरों में एक मंदिर में भगवान की मूर्ति के ऊपर हरा झंडा नजर आ रहा है. झंडे पर चांद-सितारे के साथ 786 लिखा हुआ है. इसके अलावा एक तस्वीर में भगवान की मूर्ति के सामने दान-पेटी भी नज़र आ रही है.

फेसबुक यूज़र शिवेन्द्र सिंह ने वायरल तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,

लगता है पूरा  भारत भी इनकी संपत्ति घोषित न हो जाए. मां चंडी देवी मंदिर, गुंडरदेही छत्तीसगढ़. हलकट वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि यह उनकी संपत्ति है. मुस्लिम तुष्टिकरण और एकमुश्त मुस्लिम वोटों की सौदेबाजी के लिए संविधान को रौंदने वाले इस गैर संवैधानिक वक्फ बोर्ड का निर्मूलन होना चाहिए.
Maa Chandi Devi Temple, Gunderdehi Chattisgarh. Waqf Board claimed it's their property.

शिवेन्द्र सिंह के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट.

ट्विटर यूज़र अर्पिता शैव्या ने वायरल तस्वीरों को ट्वीट कर लिखा, (आर्काइव)

मां चंडी देवी मंदिर, गुंडरदेही छत्तीसगढ़. वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि यह उनकी संपत्ति है. हमारी सरकार उनकी संपत्ति का डिजिटलीकरण करने में व्यस्त है.

अर्पिता के ट्वीट का स्क्रीनशॉट.

कई और सोशल मीडिया यूज़र्स ने वायरल तस्वीरों को ऐसे ही मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया है.

पड़ताल 

सबसे पहले हमने इंटरनेट पर 'गुंडरदेही छत्तीसगढ़' कीवर्ड्स लिखकर सर्च किया. सर्च से हमें मंदिर से जुड़ीं मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. न्यूज़ वेबसाइट naidunia.com पर 7 फरवरी, 2023 को छपी रिपोर्ट के मुताबिक,

'बालोद जिले के गुंडरदेही नगर में हठरी बाजार में मौजूद चंडी मंदिर भाईचारे और कौमी एकता का मिसाल बना हुआ है. मंदिर में माता की मूर्ति के साथ-साथ मुस्लिम धर्म सैय्यद बाबा की चादर भी लगी हुई है. कुछ असामाजिक तत्वों ने मुस्लिम धर्म के चादर को लेकर गलत जानकारी वायरल कर दी, जिसके बाद से यहां के लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.'

ETV भारत ने वायरल दावे को अफवाह बताते हुए लिखा,

'मंदिर का इतिहास लगभग 100 साल पुराना है. सैय्यद बाबा की यहां उतनी ही पूजा होती है जितनी मां चंडी देवी की. गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं मंदिर समिति के संस्थापक परिवार के सदस्य राजेंद्र कुमार राय ने बताया कि मेरे दादा जी ठाकुर निहाल सिंह ने इस मंदिर की स्थापना की थी. मंदिर की तस्वीर गलत ढंग से शेयर की जा रही है.'

आगे रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से लिखा, 

'चंडी माता की मूर्ति स्थानीय रामसागर तालाब से निकली थी. जब मूर्ति निकली तो उसी तालाबा से मुस्लिम समुदाय का पवित्र चांद भी निकला था. इसके बाद ठाकुर निहाल सिंह ने माता की स्थापना के साथ यहां पर पवित्र सैयद बाबा साहब की 786 वाली चादर की भी स्थापना की थी.'

मंदिर के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए दैनिक भास्कर ने मंदिर के पुजारी खोरबाहरा राम से बातचीत की. उन्होंने बताया,

‘’सैय्यद बाबा को पूर्वजों ने यहां पर स्थापित किया था. हिंदू और मुस्लिमों के बीच यहां कोई दूरियां नहीं है. सैय्यद बाबा से प्रार्थना करने पर सभी दुख दूर होते हैं, वहीं नवरात्रि पर विधि-विधान से ज्योति कलश की स्थापना कर पूजा-अर्चना करने से माता चंडी श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूर्ण करती है.''

नतीजा

 हमारी पड़ताल में मंदिर को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला. वक्फ बोर्ड ने छत्तीसगढ़ के मां चंडी देवी मंदिर की संपत्ति को लेकर कोई दावा नहीं किया है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मंदिर हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है और इसके बारे में फैलाए जा रहे सांप्रदायिक दावे गलत हैं. 

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